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चिरंजीवी योजना में लाभ हेतु नई गाइडलाइन जारी

चिरंजीवी योजना की निशुल्क श्रेणी में पंजीकृत नहीं है ऐसे परिवारों को अब जिला कलेक्टर के अनुमोदन पर अब निशुल्क उपचार प्रदान किया जा सकेगा

 

उदयपुर, 13 अप्रैल 2022। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे को और बढ़ाते हुए अब राज्य सरकार द्वारा इसको लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए गए है। इसके अनुसार ऐसे गरीब, असहाय एवम् निराश्रित परिवार जो राजस्थान के सामान्य निवासी है तथा किसी कारणवश चिरंजीवी योजना की निशुल्क श्रेणी में पंजीकृत नहीं है ऐसे परिवारों को अब जिला कलेक्टर के अनुमोदन पर अब निशुल्क उपचार प्रदान किया जा सकेगा।

यह रहेगी प्रक्रिया

मुख्य चिकित्सा एवम् स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने बताया की नई गाइडलाइन के अनुसार गरीब, असहाय एवम् निराश्रित का निर्धारण मरीज अथवा उनके साथ आए परिजन द्वारा दिए गए शपथ पत्र के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए अस्पताल में मौजूद चिरंजीवी मित्र/स्वास्थ्य मागदर्शक द्वारा प्रपत्र 8 में शपथ पत्र भरवाया जायेगा जिसमे यह घोषणा की जाएगी की वह राजस्थान का निवासी है एवम् उसकी वार्षिक आय 2 लाख रुपए से कम है।

उक्त शपथ पत्र को चिरंजीवी मित्र द्वारा प्रमाणित कर योजना के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा जो स्वतः ही जिला कलक्टर अथवा उनके द्वारा नामित अधिकारी की एसएसओ आईडी पर प्रेषित हो जायेगा। जिला कलेक्टर द्वारा ऐसे प्रकरणों के निस्तारण के लिए जिले में योजना से संबद्ध निजी अस्पतालों की संख्या के अनुपात में अधिकारियों को नामित किया जाएगा।

जिला कलेक्टर द्वारा नामित अधिकारी  प्राप्त आवेदन के आधार पर संबंधित अस्पताल में मरीज से मिलकर एवम् उपचार के बारे में जानकारी लेकर टीआईडी जेनरेशन के 72 घंटो के भीतर बीमारी का पेकेज बुक करवा योजना में निशुल्क उपचार प्रदान करवाना सुनिश्चित करेंगे।

इसके साथ ही ऐसे परिवारों को 15 दिवस के अंदर चिरंजीवी योजना में पंजीकृत करने की कार्यवाही भी पूर्ण की जाएगी। अस्पताल में भर्ती मरीज यदि किसी अन्य जिले का निवासी है तो ऐसी स्थिति में मरीज की पात्रता की जांच एवम् उपचार के आवेदन का निस्तारण उसी जिला कलेक्टर द्वारा किया जायेगा जहा संबंधित अस्पताल स्थित है लेकिन उसके लिए सम्बंधित ज़िले के कलेक्टर से मरीज़ की पात्रता की जाँच की जाएगी।

डॉ खराड़ी ने बताया की चूँकि यह योजना गरीब असहाय एवं निराश्रित परिवारों के लिए है अतः इसमें वह सभी आवेदन अस्वीकार किए जाएंगे जिसमें मरीज द्वारा 850 रुपए की राशि तो जमा करवा दी गई है किंतु 3 माह पूर्ण नहीं होने से उसकी पॉलिसी अवधि शुरू नहीं हुई है।