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नोबल विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत ने beyond poverty action पर उदयपुर में किया सेमिनार 

पानी की समस्या और समाधान पर समुदाय को पूरी समझ

 

उदयपुर 2 नवंबर 2022। पुरे विश्व में वर्तमान में पानी की समस्याए अति गंभीर हेै और आने वाले वर्षो में समस्या और बढ़ेगी भारत का ग्रामीण समुदाय पानी कि समस्या और उसके समाधान में पूरी तरह समझ रखते  है, किस गाँव में क्या समस्या हे उसकी तस्वीर आपके जेहन में है, प्रदूषित पानी जो पीने  योग्य नही है ,उसके समाधान हेतु आप निरंतर प्रयासरत है, आपके प्रयासों को गति देने के लिए हम आपके पास आये है, आप और हम मिलकर पानी की समस्या का समाधान निकालेंगे। उक्त विचार 2019 में अर्थशात्र में नोबेल पुरस्कार विजेता एवं जय पाल ग्रुप के निदेशक अभिजित बनर्जी के है। 

आज सेवा मंदिर गिर्वा प्रखण्ड के झाबला एवं खेरवाड़ा के जलपका गाँव में ग्रामीण समुदाय की बैठक में कांकरोली की महिला निर्मला देवी ने माइनिंग जोंन होने पर अपने गाँव में पानी की समस्या को बताया और कहा की इससे पानी ज्यादा दूषित हो रहा हे जो की पीने के लिए मुमकिन नही है, बनर्जी ने उनका जवाब दिया।  बैठक में कई ग्रामीण महिला पुरुषो ने अपने गाँवो की समस्या रखी। 

विद्या भवन के अध्यक्ष अजय सिंह मेहता ने कहा की आज आपके साथ गाँव की समस्या को लेकर जो संवाद प्रारम्भ हुआ है इसका समाधान भी निकलेगा।सेवामंदिर के मुख्य संचालक रोनक शाह ने कहा की ग्रामीण क्षेत्र में पानी की समस्या बहुत गंभीर है, पानी में जमीन के पत्थर मिक्स होकर आ रहे है, इस समस्या पर काम करने की जरुरत है।  

बैठक में सेवामंदिर के अध्यक्ष जनत शाह एवं एवं विजिट टीम के सदस्य मौजूद थे। बैठक से पूर्व अभिजित बनर्जी की विजिट टीम ने 150 हेक्टेयर भूमि पर निर्मित साझा वन प्रबन्ध कार्य को भी देखा तथा लोगो से बातचीत की। बैठक में जमील ग्रुप में चेयरमेन एंड मुख्य संचालक मोहमद अब्दुल लतीफ़, उप संस्थापक एंड वाइस चेयरमेन जय पाल ग्रुप के फेदी मोहमद, एसोसिएटेड डाइरेक्टर फॉर फॉर कम्युनिटी उजमा सुलेमान, टोयटा एसेसिरिज के निदेशक मोहम्मद अर्शी अबरार खान, जय पाल ग्रुप की साउथ की एग्ज़िक्युटिव डायरेक्टर शोभिनी मुखर्जी सहित लोग उपस्थित थे। 

अभिजित बनर्जी ने आज विद्या भवन ऑडिटोरियम में सेवामंदिर की और से आयोजित beyond poverty action सेमिनार में बोलते हुए कहा की गरीबी की मायने क्या है , गरीबी का अर्थ क्या है ? यदि किसी गरीब के पास घर चलाने के लिए पर्याप्त रूप से आमदनी नही है तो वही गरीब है या जिसे देश दुनिया की जानकारी नही है। अशिक्षा, कुपोषण, निम्न स्तर व् अपर्याप्त इंधन आदि भी गरीबी की श्रेणी में आता है। गरीबी का अर्थ बहुत विस्तृत हे इसे आज के समय में पूर्ण रूप से समझने की आवश्यकता है। 

जलवायु चुनौती निश्चित रूप से एक वैश्विक चुनौती है इस पर गौर नहीं करने का कोई कारण नहीं है। कुछ गौर करेंगे तभी हम इसके बारे में कुछ कर सकते हैं। हमें यह देखने की जरूरत है कि दुनिया कैसे आकार लेती है और हम साथ हैं। इसके साथ जलवायु परिवर्तन के लिए कार्रवाई करनी चाहिए। हमें और संगठन चाहिए जो सही काम करें और जलवायु कार्यों के लिए स्थानीय प्रयास महत्वपूर्ण हैं  साथ ही उन्होंने कई सामाजिक मुद्दो पर अपने विचार रखे।  

प्रारम्भ में सेवामंदिर के अध्यक्ष जनत शाह ने प्रो. बनर्जी का परिचय एवं स्वागत एवं परिचय देते हुए कहा की प्रो. बनर्जी एक प्रख्यात अर्थशात्री है जिनका उदयपुर से गहरा नाता रहा हे इन्होने कई वर्षो पूर्व सेवा मंदिर में आकर एम् आई टी के माध्यम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में टीकाकरण को कैसे बढ़ाये इस पर शोध किया। 2019 में बनर्जी को अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार मिला।

गरीबी खत्म करने के प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी बुधवार को विद्या भवन ऑडिटोरियम में प्रेस वार्ता की।नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी का कहना है उदयपुर में हेल्थ, शिक्षा पर काम किया हैं वह कहते है कि कुछ बदलाव हुआ है लेकिन अभी भी टी.बी., मलेरिया एनिमिया जैसी बीमारी से हम अभी भी लड़ रहे हैं। यह बीमारी अभी भी खत्म नहीं हुई हैं जबकि यह बीमारी पुरानी हैं। उन्होंने कहा कि गांव की स्थित में थोड़ा बहुत बदलाव आया हैं।

भारत जोड़ों यात्रा एक पॉलिटिकल कॉम्पिटिशन-नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी

राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी राजनीती में एक अपनापन हैं। राहुल गांधी एक अच्छी कोशिश कर रहे हैं। उनकी इस यात्रा से विपक्ष की पार्टियों के लिए सन्देश है। आने वाले दौर यह राजनैतिक पार्टियों के लिए एक स्वस्थ राजनैतिक स्पर्धा होगी। उन्होंने तिहाड़ जेल में बिताए 10 के दिन अनुभवों को भी साझा किया।   

बता दे कि भारतीय अमेरिकी अभिजीत बनर्जी  को साल 2019 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया। उन्हें यह पुरस्कार फ्रांस की एस्थर डुफ्लो और अमेरिका के माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से दिया गया। यह पुरस्कार ‘वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन के लिए किये गये कामों के लिये दिया गया।