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उदयपुर को पर्यटन नगरी तक ही सीमित नहीं कर देना चाहिए, यहाँ और भी संभावना है - लक्ष्यराज सिंह मेवाड़

‘प्रेस द मीट’ कार्यक्रम में पत्रकारों से रूबरू होते हुए दिए सवालों के जवाब

 

उदयपुर 24 जून 2022। लेकसिटी प्रेस क्लब की ओर से शुक्रवार को ‘मीट द प्रेस’ कार्यक्रम की शुरूआत की गई। कई सालों से क्लब द्वारा इस गतिविधि का आयोजन किया जाता रहा है और कोरोनाकाल के बाद इस कार्यक्रम की फिर से शुरूआत की गई। कार्यक्रम में कुमार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को आमंत्रित किया गया जिन्होंने वहाँ मौजूद पत्रकारों से रूबरू होते हुए उनके सवालों के जवाब दिए।

‘मीट द प्रेस’ की शुरूआत लेकसिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष कपिल श्रीमाली कुमार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का उपरणा ओढ़ाकर सम्मान कर की। कपिल श्रीमाली ने कहा कि क्लब का यह सिल्वर जुबली वर्ष है और कोशिश की जा रही है क्लब निरंतर आगे बढ़े और पत्रकार के हितों के कार्य को करता रहे। 

स्वागत उद्बोधन में कुमार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि इस सोच के लिए सबसे पहले मैं आपको बधाई देना चाहता हूँ कि कम से कम इस माध्यम से लोग एक दूसरे को जान व समझ सकते है। इसके पचात ‘मीट द प्रेस’ कार्यक्रम में प्रन पूछने की शुरूआत हुई। 

क्लब अध्यक्ष कपिल श्रीमाली ने अपने प्रश्न किया कि आप मेवाड़ राजघराने से है और हाल ही में आपको राज्यपाल की पर्यटन सलाहकार समिति में सदस्य भी चुना गया है। राजस्थान पर्यटन नगरी है और उदयपुर पर्यटकों की पहली पसंद मानी जाती है। सलाहकार है आप पर्यटन को लेकर क्या सोच रखते है। इस पर अपनी बात रखते हुए लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि उदयपुर ने अपना नाम केवल देश, प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में स्थापित किया है। जो हम सबकी कामयाबी को दर्शाता है। जो इस शहर में बसता है जिनकी जन्मभूमि या कर्मभूमि हो सभी को इसका श्रेय जाता है। हालांकि इसे स्थापित करने में कई साल लगे है लेकिन हमें इसे केवल पर्यटन नगरी तक ही सीमित नहीं कर देना चाहिए। इस शहर में और भी कई चीजे है जो हम लोगों को दे सकते है। 

क्या हम आपको आने वाले समय में सांसद व विधायक के रूप में देख सकते है इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की मैं यह मानता हूं कि जुझाारूपन व कर्मठता से सामाजिक क्षेत्र में काम करना यह बरसों से चला रहा है आज की दुनिया जरूर छोटी होती चली जा रही है इस वजह से शायद ये ज्यादा देखने को मिलती है ज्यादा सामने आ जाती है। काम करने की कोािा मैं कर रहा हूं। जिन रास्तों में हमारे पूर्वज चलें उन पर चलने का एक प्रयास है। आज की तारीख में कोई भी व्यक्ति जनप्रतिनिधि के रूप में सामने आ सकता है सभी के लिए वो दरवाजे खुले है। मैं यह नहीं कहूंगा कि इस दिशा में कोई सोच नहीं है पर काम करना, सेवा करना निरंतर जारी रहेगी।

एक प्रश्न मेवाड़ी लोक परपंराओं को इन दिनों आप ज्यादा महत्व दे रहे है, जैसे गुजरात में गुजराती व मारवाड़ में मारवाड़ी लेकिन उदयपुर में मेवाड़ी बोलने में लोग संकोच करते है। ऐसा क्यो? इस पर लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि आज की तारीख मेें हम लोग उस संस्कृति की तरफ भाग रहे है जहाँ सूरज भी डूबता है। यहां जो पीढी बैठी है जिसमें मैं खुद शामिल हूं आज हम लोग ही इस पर काम नहीं करेंगे और दूसरों पर उंगलियां उठाएंगे तो काम नहीं होगा। 

उन्होंने भाषा के लिए एक उदाहरण देते हुए कहा कि अंग्रेजी भाषा हमे सीखनी चाहिए यह अंतर्राष्ट्रीय भाषा है जो ज्यादा से ज्यादा बोली जाती है और देश दुनिया को जोड़ने का काम करती है लेकिन इसके साथ हमें यह भी याद रखना चाहिए कि यह भाषा ए फोर एप्पल से शुरू होती है और जेड फॉर ज़ीरो पर जाकर खत्म होती है जबकि हिन्दी अ से अनपढ से शुरू होती है और ज्ञ से ज्ञानी पर जाकर खत्म होती है। अब हमें तय करना है कि हमें हमारी मिट्टी की तरफ, हमारी संस्कृति की तरफ वापस आना है। लोग क्या सोचेंगे इस सोच व पाखण्ड से जब तक हम ऊपर नहीं उठेंगे हम कुछ नहीं कर पाएंगे। 

लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने मोबाइल, लेपटॉप पर शायराना अंदाज में कहा कि- ‘सादगी थी बन्दगी थी सरलता थी जब फेसबुक और वाट्सअप न थे तब जिंदगी थी।’ उन्होंने कहा कि हमें कहीं न कहीं खुद को दुरूस्त करने की आवश्यकता है। फेसबुक वाट्सअप को चेहरे पर रखकर नहीं सोया जा सकता है किताब को चेहरे पर रखकर सोया जा सकता है। वो चीज आज की जरूरत है और शिक्षा के लिए काम करना होगा। इसके अलावा उन्होंने शहर की जुड़ी समस्याओं, पर्यटन से जुड़ी बातों व अन्य कई मुद्दों पर पूछे गए सवालों का जवाब दिया।

अंत में लेकसिटी प्रेस क्लब की कार्यकारिणी की ओर से उन्हें मोमेन्टो प्रदान किया गया। समारोह के दौरान प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्षों ने भी कुमार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का अभिनंदन किया। 

इस अवसर पर क्लब के पूर्व अध्यक्ष संजय गौतम, प्रदीप मोगरा, प्रकाश शर्मा, संजय खाब्या, प्रदीप मोगरा, रफीक एम पठान, प्रताप सिंह राठौड़ सहित क्लब व पत्रकार जगत से जुड़े लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन जयश्री नागदा ने किया जबकि धन्यवाद निशा राठौड़ ने ज्ञापित किया।