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उदयपुर रेलवे पुल ब्लास्ट घटना का खुलासा करने वाले कॉन्स्टेबल को विशेष पदोन्नति व शेष को पारितोषिक

3 आरपीएस को प्रशंसा पत्र व 16 पुलिस कर्मियों को प्रत्येक को 2100 रु का नकद ईनाम

 

महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा ने उदयपुर जिले में 12 नवंबर की शाम रेलवे ओवर ब्रिज में हुए ब्लास्ट की घटना में शामिल मुख्य अभियुक्त को पकड़वाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले कॉन्स्टेबल पुष्पेंद्र को गैलेंट्री प्रमोशन प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। टीम में शामिल 3 आरपीएस को प्रशंसा पत्र व 16 पुलिस कर्मियों को प्रत्येक को 2100 रु का नकद ईनाम मय प्रशंसा पत्र प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की है।

 मिश्रा ने बताया कि जांच के दौरान कांस्टेबल पुष्पेंद्र ने जांच अधिकारी को सूचना दी कि इस घटना में एकलिंगपुरा निवासी धूलचंद की भूमिका है। धूलचंद को डिटेन कर स्थानीय भाषा के जानकार कांस्टेबल मांगीलाल की सहायता से की गई पूछताछ के दौरान धूल चन्द ने घटना करना स्वीकार किया। घटना में अभियुक्त को पकड़वाने में कॉन्स्टेबल पुष्पेन्द्र की विशेष भूमिका को ध्यान में रखते हुए विशेष पदोन्नति के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस निरीक्षक लीलाधर मालवीय, उपनिरीक्षक सुबोध जांगिड, कमलेन्द्र सिंह व रमेश मीणा, जिला उदयपुर एवं उप निरीक्षक, सीआईडी (जोन) कैलाश सिंह चौहान, सहायक उप निरीक्षक (अपराध शाखा) वेलाराम व बालकृष्ण मीणा, हेड कांस्टेबल मोहन पाल सिंह, भैरू सिंह, प्रताप सिंह, गम्भीर सिंह, गणेश कुमार, मंगल कुमार एवं कानिस्टेबल सत्यनारायण, शांति लाल व मुकेश को पुलिस मुख्यालय स्तर पर 2100 रुपये नकद ईनाम मय प्रशंसा पत्र स्वीकृत किया गया है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह, सीओ गिर्वा भूपेन्द्र, सीओ तपेन्द्र मीणा को प्रशंसा पत्र मिलेगा। टीम में शामिल अन्य अधिकारियों व पुलिकर्मियों को उनकी सराहनीय भूमिका होने से उन्हे डीजीपी डिस्क प्रदान की जायेगी। उल्लेखनीय है कि 13 नवंबर को सीनियर स्पेशल इंजीनियर उदयपुर ने थाना जावर माइंस में दी गई रिपोर्ट रिपोर्ट में बताया गया कि 12 नवंबर की शाम ओड़ा गांव के पास स्थित रेलवे ओवर ब्रिज को अज्ञात व्यक्तियों ने ब्लास्ट किया है। इससे ब्रिज का गर्डर टूट गया है व मौके पर जगह-जगह ब्रिज के टुकड़े, विस्फोटक सामान, फ्यूज वायर डेटोनेटर और जिलेटिन आदि के अवशेष बिखरे पड़े हैं। रेल की पटरी में भी दरार आ गई। इस रिपोर्ट के आधार पर आईपीसी, रेलवे अधिनियम, पीडीपीपी एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के तहत थाना जावर माइंस पर मुकदमा दर्ज कर जांच सीओ सराडा राजेंद्र जैन को सौंपी गई थी।