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लेकसिटी की जान नेहरू गार्डन बाहर से खूबसूरत लेकिन अंदर हालात ख़राब

यूआईटी सचिव ने कहा जल्द हालात सुधरेंगे

 

उदयपुर की फतहसागर झील के बीच स्थित पर्यटकों की आर्कषण का केन्द्र नेहरु गार्डन इन दिनों बाहर से आपको काफी सजा संवरा दिख रहा होगा लेकिन अन्दर से हालात उतने ही खराब हैं। लेकसिटी में इन दिनों पर्यटको का आना लगा हुआ हैं। नेहरु गार्डन में इन दिनों पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए शाम के समय आकर्षण लाइटिंग की गई हैं। लेकिन जब यहां पर्यटक पहुंच रहे तो अन्दर जाकर गार्डन कम जंगल अधिक महसूस कर रहे है।

नेहरु गार्डन की आस-पास की दिवारे टूटी हुई हैं जिनकी कोई मरम्मत नहीं करवाई जा रही हैं। ऐसे में आने वाले पर्यटकों के लिए खतरा बना हुआ हैं। पर्यटकों को लुभाने के लिए लाइटिंग तो की गई है लेकिन जगह-जगह इलेक्ट्रिक वायर फैले हुए हैं, पर्यटक इन्हीं पर से गुज़र रहे हैं। बारिश के मौसम में यह खुले हुए तार पर्यटकों के लिए एक बड़ा खतरा हैं।

वहीं फुव्वारें बंद पड़े हैं जिनमें बारिश का गंदा पानी भरा हुआ हैं। रेस्टोरेंट्स के लिए बना हुआ पुल बीच में से टूटा हुआ है जो  कि पर्यटकों और शहरवासियों के लिए खतरे का निशान हैं। रेस्टोरेंट्स में पंछियों ने अपना आशियाना बसा लिया लिया। 

पर्यटकों का कहना है कि बाहर से इतना सुंदर दिखने के कारण ही हमने इसको अंदर से देखना चाहा लेकिन अन्दर तो जगंल है। नेहरू गार्डन जाने हेतु बोट इतना पैसा देने के बाद नेहरु गार्डन में साफ-सफाई तक नही है। जगह जगह लाइट के तार फैलै हुए हैं। यहां के फव्वारें भी बंद पड़े हैं। 

बोट संचालक अशोक कुमार का कहना है कि यूआईटी की ओर से नेहरु गार्डन की देखभाल तो दूर मरम्मत तक नहीं की जा रही हैं। पर्यटक यहां आ कर ठगा सा महसूस करते हैं। यूआईटी को हमने बार-बार कहां है कि जल्द से जल्द काम शुरु करे ताकि पर्यटक ठगा महसूस न करें, लेकिन यूआईटी की ओर से मरम्मत कराने की झूठी बाते की जाती हैं। हमने यूआईटी से कितनी बार कहा है कि नेहरु गार्डन में पर्यटकों के लिए गुलाब, चमेली आदि के फूल लगाए लेकिन यहां तो घास तक नहीं काटी जाती हैं। कई बार कहा है कि पर्यटकों के लिए केवल फव्वारें ही शुरु करवा दिजिए लेकिन इतना भी काम शुरु नहीं करवाया जा रहा हैं। 

यूआईटी सचिव बालमुकुन्द असावा का कहना है कि यूआईटी को नेहरु गार्डन केवल 1 वर्ष पहले ही स्थानांतरित किया हैं। पर्यटकों को लुभाने के लिए नेहरु गार्डन की मरम्मत के लिए राज्य सरकार द्वारा 5.96 करोड़ का टेंडर लगा दिया हैं। उम्मीद है कि 1 से 2 महीने के अंदर मरम्मत का कार्य शुरु करवा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाइटिंग की विशेष व्यवस्था की गई थी, उसी के इलेक्ट्रिक वायर बिखरे पड़े हो सकते है, उसे जल्द सुरक्षित करके हटा दिया जाएगा। वहीं रेस्टोरेंट्स तक जाने के लिए बनाये गए पुल का भी फिलहाल कोई उपयोग नहीं है, इसलिए वहां बेरिकेट्स लगा दिए जाएंगे।