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सोशल मीडिया के मैसेजेस को बगैर सोचे समझे न फॉरवर्ड करे, न विश्वास करे - उदयपुर एसपी विकास शर्मा 

पुलिस अधीक्षक विकास कुमार शर्मा ने उदयपुर टाइम से बात करते हुए कहा की पुलिस 2-3 फ्रंट पर काम कर रही है

 

उदयपुर 19 जुलाई 2022 । शहर में हुई कन्हैयालाल की हत्या के बाद अब धीरे धीरे उदयपुर का जीवन सामान्य होने लगा, लेकिन पिछले कुछ दिनों से जान से मरने की धमकियो के कई केस सामने आ रहे है, तो वही उदयपुर में भी लगातार स्थिति को सामान्य करने और माहौल को सौहार्द्रपूर्ण बनाने के प्रयासों में लगी है। 

पुलिस अधीक्षक विकास कुमार शर्मा ने उदयपुर टाइम से बात करते हुए कहा की पुलिस 2-3 फ्रंट पर काम कर रही है जिसमे पहला है कम्युनिटी आउटरीच कार्यक्रम जिसमे पिछले 15 दिनों में छोटी-बड़ी मिलाकर कुल 115 मीटिंग में अभी तक की है, जिनमें कुछ लोगो की बातें सुनी है तो कुछ बातें उन तक पहुंचाई हैं। 

शर्मा ने कहा की इस दोरान काफी सारी फेक बातें भी सामने आई है, काफी फेक मेसेज भी सामने आये है और कई फेक विडियो भी सामने आये है जिनको टेक डाउन (take down) भी किया गया है और लोगो को भी इनके बारे में समझाया गया है, साथ में ऐसे लोग जो किसी भी रूप से समाज में माहौल बिगाड सकते है या किसी भी तरह से इस घटना से जुड़े है उन्हें टारगेट किया गया है। 

हिस्ट्रीशीटरों को पाबंद किया है, ग्राउंड लेवल पोलिसिंग हैं उसपे काम किया जा रहा है। चूँकि उदयपुर एक टूरिस्ट सिटी है तो ऐसे में सिटी में सुरक्षित वातावरण होना जरुरी है। साथ ही में लगातार इवनिंग पेट्रोलिंग, नाईट पेट्रोलिंग अदि जारी है। धमकी देने के मामले में अब तक लगभग 11 लोगो को मुकदमो के तहत और शांति भंग में कुल 6 लोगो को अब तक गिरफ्तार किया गया है। 

शर्मा ने बदमाशों की तरफ इशारा करते हुए कहा की पिछले कुछ समय पहले पाबन्द हुए है वो लोग ध्यान रखे की अगर पाबन्द होने के बाद भी कोई गलत हरकत करते है तो उन्हें पाबंद होने की बची हुई अवधि जेल में ही बितानी होगी। 

धमकियों के बारे में बोलते हुए शर्मा ने कहा की सबसे पहले जिन लोगो को धमकियाँ मिली है उन सब को सर्वप्रथम सुरक्षा प्रदान की है, जिन लोगो को बाहर से धमकी मिली है उस मामले की भी जाँच की जा रही है। 

शर्मा ने कहा की सोशल मीडिया के दुष्परिणामों से भी हमें सावधान रहना चाहिए, भले ही सोशल मीडिया एक अलग डेमोक्रेसी लेकर आया है लेकिन सोशल मीडिया पर डालने वाली सभी चीजे हमेशा सही नहीं होती उनको वेरीफाई करना जरुरी होता है, लोगो से बातचीत के दौरान ये सामने आया की उनके मन में काफी भ्रामक बातें उनके मन में है जो हम साफ करना चाहते है, काफी सारी फेक सामग्री भी सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती है। 

शर्मा ने कहा की हिरासत में लिए गए लोगो से जब पूछताछ की गई तो ये भी सामने आया की कई लोगो को तो उनको हकीकत में किसी भी घटना के बारे में पता भी नहीं है, महज फ़ॉर्वर्डेड मेसेज को बिना सोचे समझे सच मानकर आगे फॉरवर्ड कर देते है, यह एक भयानक स्थित है, बल्कि बेहतर ये है की हम सब मेसेज को पहले समझे फिर कोई फेसला लें की वास्तव में ये सही है भी या नहीं।