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शुभ सुंदर टावर विवाद- दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर लगाए आरोप

फ़िलहाल मामला कोर्ट में विचाराधीन 

 

उदयपुर 29 अगस्त 2022 । शहर के साइफन चौराहे पर निर्माणधीन 144 फ्लैट वाले शुभ सुंदर विवाद में पक्षकार और वकील महेश शर्मा, बिल्डर अब्बास अली और भूपेंद्र जोशी ने अपना पक्ष रखने के लिए कल प्रेस वार्ता आयोजित की। एक पक्षकार जब अपना पक्ष मिडिया के सामने रख रहा था तभी दूसरे पक्ष के लोग भी प्रेस वार्ता में आ पहुंचे। 

प्रथम पक्षकार और वकील महेश शर्मा, बिल्डर अब्बास अली और भूपेंद्र जोशी ने अपना पक्ष रखते हुए मीडिया को बताया की शुभ सुंदर टावर की ज़मीन का मालिकाना हक़, ज़मीन के मूल मालिक स्वर्गीय सुंदरलाल जोशी की वसीयत में भूपेंद्र जोशी (स्वर्गीय सुंदरलाल जोशी के पुत्र) को मिला है, एवं दूसरा पक्ष स्वर्गीय सुंदरलाल जोशी की पुत्रियों मधु व्यास, लीला शर्मा और गिरिजा जोशी ने शुभ सुन्दर टावर के गैर कानूनी और गलत होने का झूठा आरोप लगाया है। 

प्रथम पक्षकार और वकील महेश शर्मा, बिल्डर अब्बास अली और भूपेंद्र जोशी का कहना है की 11 अप्रैल 2002 को इस सम्पति के समबन्ध में तैयार वसीयत में भूपेंद्र जोशी को मालिकाना हक़ दिया गया था। वसीयत की पहचान एडवोकेट महेश शर्मा ने की थी। वसीयत पर मधु व्यास और लीला शर्मा ने भी अपने हस्ताक्षर कर सहमति दी थी। 

प्रथम पक्षकार ने यह भी कहा की 19 साल के दौरान ना तो कभी कोई चर्चा हुई ना ही कोई नोटिस दिया गया। अब टावर तैयार होने लगा तो अचानक विवाद की स्थिति पैदा की जा रही है।  जबकि स्वर्गीय सुंदरलाल जोशी की पत्नी स्वर्गीय निर्मला जोशी के जीवित रहते भी कभी विवाद नहीं हुआ। 

उल्लेखनीय है की पिछले सप्ताह दूसरे पक्षकार मधु व्यास, गिरिजा जोशी और लीला शर्मा ने प्रेस वार्ता आयोजित कर प्रथम पक्षकार पर शुभ सुंदर टावर की ज़मीन हथियाने का आरोप लगाया था। उनका कहना था की जिस ज़मींन पर उक्त टावर बन रहा है, उनकी वसीयत फ़र्ज़ी तरीके से तैयार की गई। फ़र्ज़ी हस्ताक्षर से ज़मींन का नामांतरण कर भवन निर्माण की स्वीकृति ली गयी थी। 

फ़िलहाल पूरा मामला कोर्ट में विचाराधीन है।