×

272 भूखंड विवाद - कांग्रेसी पार्षद अजय पोरवाल ने 64 नए प्लॉट्स में गड़बड़ी का किया दावा 

इससे पूर्व नगर निगम ने 32 प्लॉट्स पर मानी थी गड़बड़ी

 
प्रतापनगर की यूआईटी कॉलोनी के गड़बड़ी और संदेहास्पद प्लॉट्स की सूची अजय पोरवाल द्वारा मीडिया को सौंपी गई

उदयपुर नगर निगम के चर्चित 272 भूखंडो पर हुए विवाद में आज कांग्रेसी सहव्रत पार्षद अजय पोरवाल ने लेकसिटी प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता आयोजित कर 64 नए प्लॉट्स की सूची को सार्वजानिक किया जिसमे उसी तरह का घोटाले के आरोप लगाए है जैसा की हिरणमगरी क्षेत्र के प्लॉट्स में हुआ था एवं स्वयं उदयपुर नगर निगम ने जांच में संदेहास्पद मान कर लीज़ निरस्त करने के कार्रवाई की थी। 

प्रेसवार्ता के दौरान कांग्रेसी पार्षद अजय पोरवाल ने आरोप लगाया की उपमहापौर की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने जिन 32 भूखंडो में गड़बड़ी मानी थी। उसमे 4 लिपिकों को नोटिस के देकर और कुछ भू-कारोबारियों पर मुकदमा दर्ज करवाकर इतिश्री कर ली जबकि करोड़ो के इस महाघोटाले के सबसे बड़े खिलाडी और उसकी गैंग को बचाने का कुत्सित प्रयास किया गया। 

उन्होंने नगर नगम के महापौर को पूरे विवाद की जांच एसओजी या सीबीआई से करवाने की मांग की है। उन्होंने नगर निगम की ओर से बनाई गई जांच समिति पर जानबूझकर जाँच में शिथिलता बरतने का आरोप लगाया। 

प्रतापनगर की यूआईटी कॉलोनी के गड़बड़ी और संदेहास्पद प्लॉट्स की सूची (जो की अजय पोरवाल द्वारा मीडिया को सौंपी गई)

प्रतापनगर यूआईट कॉलोनी के प्लॉट संख्या 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 61, 62, 64, 65, 66, 67, 68, 69, 70, 71, 72, 81, 82, 83, 84, 102, 103, 104, 105, 130, 131, 132, 133, 134, 135, 136, 137, 138, 139, 140, 143, 155, 158, 162, 163, 164, 165, 166, 178, 181, 183, 215, 218, 219, 220, 221, 233, 235, 237, 238, 239, 240, 245, 253, 255, 262, 272 की सूची सौंपते हुए अजय पोरवाल ने उक्त प्लॉट्स (जिनकी कीमत करोडो में आंकी गई है) पर घोटाले का आरोप लगाया है हालाँकि पोरवाल ने बताया कि नगर विकास प्रन्यास, उदयपुर से प्राप्त होने के बाद नगर निगम उदयपुर ने किसी भी भूखंड को आवंटित या बेचान किया तो उसकी जानकारी उन्हें नहीं है।    

उल्लेखनीय है की पूर्व में फ़रवरी के अंत तक उदयपुर नगर निगम के चर्चित 272 भूखंडो पर हुए विवाद में अभी 30 योजनाओ में से 9 योजनाओ का सर्वे कर उसमे 32 भूखंडो को निगम ने संदेहास्पद मान कर लीज़ निरस्त करने की कार्रवाई की बात कही थी एवं बताया गया था की निगम अब मामले में फ़र्ज़ी कागज़ो से लीड डीड जारी करवाने वाले दलालो के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करवाएगा। 

नगर निगम के महापौर जी इस टांक ने गुरुवार (24 फ़रवरी 2022) को जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया की संदेह के घेरे में आये 4 लिपिकों के विरुद्ध अनुशासात्मक कार्रवाई की जाएगी। (4 लिपिकों को 16 सी सी का नोटिस दिया गया), लेकिन यह नहीं बताया था की 4 लिपिकों ने किसके इशारे पर घोटालें को अंजाम दिया। ऐसे में कयास लगाया जा सकता है की 272 भूखंडो के घोटालें में रसूखदार और बड़े अफसरों को बचाया जा रहा है। 

यहाँ पाई गई गड़बड़ियां 

हिरणमगरी सेक्टर 3, 4, 5, 6, 8, 11, 13 और प्रतापनगर योजना तथा सेन्ट्रल एरिया योजना की जांच की गई। यूआईटी की इन योजनाओं में कुल 6959 प्रविष्टियों में से 3551 पत्रावलियां ही हस्तांतरित हुई है। जिन भूखंडो की पत्रावलियां स्थानांतरित नहीं हुई, उनमे से 32 संदेहास्पद मिली। कथित 32 में से 9 पत्रावलियां 2004 के बाद यूआईटी के विभिन्न पत्रों के माध्यम से निगम की मिली। शेष 23 में से 16 में लीज़ डीड/नामांतरण जारी किये गए। 7 में कई लीज़ डीड जारी होने से संदेह के घेरे में है। इनमे से 10 पत्रावलियों में यूआईटी से राशि जमा होने का सत्यापन नहीं पाया गया है।