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उदयपुर में 12 से 14 साल के बच्चों को कल से लगेगी वैक्सीन की डोज़

28 दिन के गैप में दो डोज लगेंगी

 

लगभग डेढ़ लाख बच्चे होंगे वैक्सीनेट 

कोरोना की रफ्तार कम हो गई है लेकिन खतरा अभी भी बरकरार हैं। ऐसे में बच्चों के लिए कोरोना टीकाकरण का इंतज़ार कर रहे अभिभावकों के लिए राहत भरी खबर हैं। उदयपुर में कल से यानि 16 मार्च से 12 से 14 साल के बच्चों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई की वैक्सीन कॉर्बेवैक्‍स के दो टीके हर बच्चे को लगाए जाएंगे। 0.5ML की एक डोज और दूसरी डोज 28 दिन बाद लगाई जाएगी। 

2008 से 2010 के बीच जन्म तो लगेगा कोरबेवैक्स

मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने बताया कि 12 से 14 वर्ष तक के बच्चों में वैक्सीनेशन हेतु केवल कोरबेवक्स को ही मंजूरी दी गई है अतः जिन बच्चों का जन्म 2008 से 2010 के बीच हुआ है उनको यह टीका लगाया जाएगा कोवैक्सीन की तरह ही इस टीके की भी दो डोज लगाई जाएंगी जिनके बीच 28 दिन का अंतराल रहेगा।

कल से शुरू होने जा रहे इस अभियान की तैयारियों को लेकर जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक आदित्य ने बताया कि अभी तक 12 से 14 आयु वर्ग का लक्ष्य कुल जनसंख्या का 5% अनुमानित माना गया है जिसके आधार पर खंडवार लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। उदयपुर जिले में इस आयु वर्ग में लगभग 181450 बच्चों को टीकाकृत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभियान के सुचारू संचालन हेतु जिले को कोर्बेवैक्स वैक्सीन की 117000 डोज प्राप्त हुई थी जिनको खंडवार वितरित कर दिया गया है।

 

ज़िला कलक्टर ताराचंद मीणा ने बताया कि उदयपुर के सभी 12 से 14 साल के बच्चों  का वैक्सीनेशन कल से शुरु होने जा रहा  हैं। मेरी सभी बच्चों  से गुज़ारिश  है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए कोरोना का टीका अवश्य लगवाएं।  वर्तमान में 14 साल से बड़े और 18 साल तक के बच्चों को कोवैक्सीन की डोज लगाई जा रही है। 15 से 18 साल के जिन बच्चों ने वैक्सीनेशन की पहली या दूसरी डोज नहीं लगवाई है तो जल्द ही लगवा लें।  बच्चों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया वही रहेगी जो वर्तमान में अन्य लाभार्थियों के लिए जारी है। ऑनलाइन के अलावा ऑनस्पॉट भी रजिस्ट्रेशन हो सकेगा।

वहीं अब प्रिकॉशन डोज़ के नियम भी बदले गए हैं। अब 60 साल से ऊपर का कोई भी वयक्ति वैक्सीन की तीसरी डोज़ ले सकता हैं। पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से पीड़ित बुजुर्गों के लिए ही प्रिकॉशन डोज की अनुमति दी गई थी।