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उदयपुर में दृष्टिबाधित छात्र कर रहे हैं हॉस्टल की मांग

हॉस्टल की सुविधा नहीं होने पर उन्हें हर बार अपने घर से रोडवेज बस से उदयपुर पहुंचना पड़ता है दृष्टिहीन होने से इस पूरे सफर में उन्हें काफी दिक्कतें आती हैं
 

उदयपुर। गुरुवार को कुछ दृष्टिबाधित छात्र हाथ में कुछ कागज लिए कलेक्ट्रेट पर पहुंचे थे। जब उनसे वहां आने के कारण को पूछा गया तो उन्होंने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा विद्यालय शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह कॉलेज में अपनी आगे की शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं, लेकिन कॉलेज में पढ़ने आने के लिए हॉस्टल की सुविधा ना होने पर उन्हें उदयपुर से अन्य जिलों की तरफ रुख करना पड़ता है। 

उन्होंने बताया कि वह और उनके कुछ और साथी उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के छात्र हैं, जो कि अलग-अलग कोर्सेज में अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन हॉस्टल की सुविधा नहीं होने पर उन्हें हर बार अपने घर से किसी को 120 किलोमीटर किसी को 80 किलोमीटर किसी को 60 किलोमीटर की यात्रा करके रोडवेज बस से उदयपुर पहुंचना पड़ता है दृष्टिहीन होने से इस पूरे सफर में उन्हें काफी दिक्कतें आती हैं। 

ऐसे में कई छात्र ऐसे भी हैं जिन्हें अपनी शिक्षा ग्रहण करने के लिए जयपुर अजमेर जोधपुर जाना पड़ता है जिससे उन्हें भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी के चलते यह सभी लोग चाहते हैं कि उदयपुर में एक हॉस्टल बने जिस में रहकर वह अपनी शिक्षा को उदयपुर में ही पूर्ण कर पाए। 

उनका कहना है कि उदयपुर में बने दृष्टिबाधित सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हर साल 10 से 15 छात्र 12वीं पास होकर निकलते हैं जिन्हें उदयपुर जिले को छोड़कर दूसरे जिले या शहरों में जाकर अपनी आगे की पढ़ाई करनी पड़ती है, ऐसे में अगर उदयपुर में ही उनके लिए एक हॉस्टल बना दिया जाए तो वह सभी छात्र उदयपुर में रहकर ही अपनी शिक्षा पूरी कर पाए।

छात्र किशन पटेल ने बताया की सर्वप्रथम 5 दिसम्बर को गुलाबचन्द कटारिया से मुलाक़ात और 8 दिसम्बर सांसद अर्जुनलाल मीणा से भी मिले इन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखने का आस्वासन दिया। फिर 25 फरवरी को मुख्यमंत्री से मिले इन्होंने जयपुर- जोधपुर जाने के लिए कहा, 11 अप्रेल को कलेक्टर को मिले। इन्होंने सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में भी बात की लेकिन कोई समाधान नही निकला।