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6 दिन के अथक प्रयासों के बाद वाघ तालाब के पानी की निकासी 

सबलपुरा गांव के लोगो को मिली राहत, खतरे की घंटी बन गया था वाघ तालाब का पानी 

 

ग्रामीणों और यूआईटी ने ली राहत की सांस

उदयपुर 2 सितंबर 2022 । शहर के समीप स्थित बेदला गांव के राजस्व ग्राम सबलपुरा के बाशिंदों की मुसीबतें करीब 10 दिन बाद जाकर खत्म हुई है। यूआईटी द्वारा लगातार 5 दिन तक राहत कार्य करते हुए कच्चा नाले का निर्माण किया गया और वाघ तालाब के पानी को निकाला गया । 

दरअसल 10 दिन पूर्व हुई भारी बारिश के चलते हाईवे पर स्थित ओटो का गुड़ा के वाघ तालाब का पानी करीब ढाई सौ बीघा में फैले खेतों में घुस गया । यही नहीं तालाब के लबालब होने की स्थिति में तालाब पर बनी कच्ची पाल के टूटने का खतरा भी मंडराने लगा था। इसके अलावा तालाब के ओवरफ्लो पानी की निकासी के मार्ग में लोगों द्वारा मलबा डालकर किए गए अतिक्रमण से स्थिति और अधिक भयावह हो गई । यही नहीं इस को लेकर यूआईटी के अधिकारियों ने पिछले 5 दिनों तक मौके पर जमकर मेहनत की तब जाकर इस समस्या का समाधान हो पाया । 

यूआईटी के अधिकारियो ने जनहित के इस कार्य को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों को राहत पहुंचाई है । यूआईटी द्वारा चेन माउंटेन मशीन की सहायता से वाघ तालाब के ओवरफ्लो प्वाइंट पर भरे मलबे को खाली कर इस पानी की निकासी की गई । पानी की निकासी होने पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली हालंकि की यूआईटी को इस कार्य को पूर्ण करने में करीब 5 दिन का समय लगा । 

यूआईटी द्वारा करीब 150 से अधिक डंपर मलबा हटाकर तालाब का अस्थाई ड्रेनेज सिस्टम बनाकर ग्रामीणों की इस परेशानी को खत्म किया। यूआईटी द्वारा वाघ तालाब के ओवर फ्लो पानी की निकासी के लिए करीब 200 मीटर लंबा कच्चा नाला बनाया गया । इसके अलावा सबलपुरा में स्थित कच्ची नहर की खुदाई कर इस पानी की निकासी कर बेदला नदी में पहुंचाया । 

इन लोगो का रहा महत्वपूर्ण सहयोग.

10 दिन पूर्व हुई भारी बारिश की वजह से हाइवे 76 पर बना वाघ तालाब ओवरफ्लो हो गया । तालाब के पानी की निकासी नहीं होने की वजह से कच्ची पाल के टूटने का खतरा बढ़ गया । वही एनएचआई को इसकी सूचना देने के बावजूद उन्होंने इसको गंभीरता से नहीं लिया । इसके बाद क्षेत्र के लोगो ने बड़गांव उपप्रधान प्रताप सिंह राठौड़ से संपर्क साधा । 

राठौड़ ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर इस समस्या को यूआईटी के सचिव बालमुकुंद असावा तक पहुंचाया । यूआईटी सचिव ने इस समस्या को जटिल और खतरनाक माना और तकनीकी अधिकारियों को इसके जल्द समाधान के निर्देश दिए । इस कार्य में बड़गांव उपप्रधान प्रताप सिंह राठौड़ की महत्वपूर्ण भूमिका रही । साथ ही बेदला खुर्द सरपंच सोनल गाछा, उपसरपंच निमित डांगी, वार्ड पंच पप्पू गमेती, देवेंद्र पानेरी, हीरा लाल डांगी, दिलीप डांगी, हेमराज डांगी, राजू डांगी, वेणीराम डांगी, पारस डांगी, फतह लाल डांगी का भी सहयोग इस कार्य में रहा । 

पानी की निकासी पर कराया मुंह मीठा

पिछले 10 दिनों से भारी समस्या से चिंतित क्षेत्र के लोगो ने जब वाघ तालाब के पानी की निकासी देखी तो सभी के चेहरे खुशी से छलक उठे । इस पल के पिछले 10 दिन ग्रामीण लगातार प्रयत्नशील थे । यही नहीं पानी की निकासी नहीं होने के चलते पानी के गांव में घुसने और तबाही मचाने के आसार थे लेकिन यूआईटी की गंभीरता और क्षेत्र के युवा जनप्रतिनिधि उपप्रधान राठौड़ की सूझबूझ के चलते इस बड़ी मुसीबत से आखिर पार पाया गया । इस कार्य के पूर्ण होने की खुशी में क्षेत्र के लोगो ने सभी को मिठाई खिला कर मुंह मीठा कराया । 

इस वजह से हुई देरी.....

यूआईटी की और से लोगो को संकट से उभारने के लिए चलाए गए कार्य में चट्टाने रोड़ा बन गई । चट्टाने आने से पोकलेन मशीन को खुदाई में दिक्कत हो गई । इसके बाद मौके पर ब्रोकर की सहायता से चट्टानों को तोड़ा गया,फिर 150 मीटर लंबी केनाल बनाकर वाघ तालाब का पानी निकाला गया । 

उपप्रधान ने जताया आभार

इस कार्य को लेकर बड़गांव उपप्रधान प्रताप सिंह राठौड़ पिछले 5 दिनों से क्षेत्र में डटे हुए थे । राठौड़ ने यूआईटी के अधिकारियो के साथ पहले दिन क्षेत्र का सर्वे कर पानी की निकासी के लिए अलग अलग प्वाइंट चिन्हित किए । इसके बाद क्षेत्र के लोगो से समजाइश कर मौके पर राहत कार्य शुरू करवाया । राठौड़ ने इस कार्य के लिए यूआईटी के सचिव बालमुकुंद असावा, एक्सीएन नीरज माथुर,राजस्व निरीक्षक गणपत शर्मा, एईएन सुनील प्रजापत, पटवारी सुरपाल सिंह सोलंकी और एनएचआई के अधिकारियों का आभार जताया।