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वॉलसिटी अब जल्द बिजली सुविधाओं में भी बनेगी स्मार्ट, भीतरी शहर बनेगा तार मुक्त

उदयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत उदयपुर के एबीडी क्षेत्र (क्षेत्र आधारित विकास) का होगा विकास

 

उदयपुर की वॉलसिटी अब अन्य सुविधाओं के साथ ही जल्द ही बिजली सुविधाओं में भी स्मार्ट बनने वाली हैं। इसके तहत लगभग 48 किलोमीटर लम्बे और चौड़े क्षेत्र चल रहा अंडर ग्राउंड केबलिंग और इस क्षेत्र में रह रहे करीब 23 हज़ार घरों में 24 घंटे बिजली पहुंचने का काम अब अपने अंतिम चरण में हैं। 

अब ट्रांसफार्मर की जगह हर 250 घरों पर एक सब स्टेशन लगाया गया हैं। हर घर में अलग -अलग एम.सी.बी लगाई गई हैं, और उदयपुर पूरे राजस्थान में पहला शहर हैं जहां ऐसा किया गया हैं। और इस पूरे अंडर ग्राउंड कैबलिंग सिस्टम के 24 घंटे माइक्रो लेवल मॉनिटरिंग के लिए नगर निगम परिसर में एक विषय कमांड सेंटर भी बनाया गया हैं जिसका काम भी लग भग पूरा हों चूका हैं जहां से सभी वार्डों में बिजली को स्थिति पर नज़र रखी जाएगी और फॉल्ट आने पर वहीं से पता लगाकर कर्मचारी को सीधा उसी जगह पर भेजा जा सकेंगा। 

इसी के साथ पहले की तरह अब इसपर मौसम का कोई असर भी नही होंगा जो की 24 घंटे बिजली सप्लाई करने के उदेश्य को पूरा करने में काफ़ी मददगार होगा। वर्तमान में वॉलसिटी में रहने वाले लोगों को 33 व 11 केवी की लाइन से बिजली मिल रही हैं, जब भी फाल्ट होता हैं तो सीधा सब स्टेशन पर होता हैं जिस से पूरे क्षेत्र की बिजली बंद हों जाती हैं, पर अब ऐसा नही होगा क्यूंकि हर घर को एक अलग एमसीबी दी गई हैं। 

कई बार तेज आंधी चलने, या वाहनों के बिजली के खम्बो से टकराने के कारण हाई वोल्टेज के तार टूट कर जमीन पर गिर जाते हैं जिस से अक्सर बड़ा हादसा होने की सम्भावना बनी रहती हैं, लेकिन अब अंडर ग्राउंड केबलिंग होने से इस तरह की सभी समस्याओं से जनता को निजात मिलेगी।

इलेक्ट्रिकल प्रोजेक्ट के इलेक्ट्रिकल इंचार्ज अरुण भारद्वाज ने बताया की उदयपुर का पुराना शहर 400 साल पुराना हैं जो पहाड़ी इलाके पर पतली लेन और सड़कों के साथ 1 मीटर से 4 मीटर चौड़े मार्ग है। मौजूदा ओवरहेड पावर सप्लाई सिस्टम में सबस्टेशन से सबस्टेशन तक 33 केवी, सबस्टेशन और एलटी सिस्टम से 11 केवी फीडर शहर में हर सड़क और घर को सप्लाई करते हैं। 

यह फॉल्ट नियमित रूप से आते है, जैसे लाइन फॉल्ट, ग्राउंड फॉल्ट से लाइन, इंसुललेटर्स का टूटना और लाइन टूटना, जिससे  बहुत सारे आमजन और पशु के जान का खतरा रहता हैं। सभी अंडरग्राउंड केबल रूटिंग को केबल 30 मीटर के पुल पिट के साथ डक्ट के अंदर बिछाया गया है। डेडीकेटेड पावर और ओएफसी अंडरग्राउंड डक्ट्स को शहर के हर घर के प्रोविजन के साथ दिया गया है। 

शहर के 5 सबस्टेशन से अंडरग्राउंड केबल नेटवर्क सिस्टम में 11 फीडर है जो की फीड होते ही जिसमे 5 फीडर बैक फीड का प्रोविजन है। सभी फीडर में एक अलर्टनेट सप्लाई का प्रोविजन हैं जो की दूसरे फीडर से कनेक्टेड है रिंग मैन सिस्टम के द्वारा। सभी सीएसएस और आरएमयू पर बाहर की पर्यावरण स्थितियों (बारिश, गर्मी,ठंड मौसम) से उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 

सभी सीएसएस आरएमयू ने स्काडा के माध्यम से कमांड सेंटर में 24 घंटे की निगरानी रखी जायेगी जिसमें सभी पैरामीटर वोल्टेज, करंट, पावर फैक्टर, हीटिंग, पपर फेस लोड, और स्टेटस जैसे कंट्रोल, रिकॉर्ड पर निगरानी की जाएगी। अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिकल नेटवर्क में  कॉम्पैक्ट सबस्टेशन (सीएसएस) - 119 न. और रिंग मैन सिस्टम (आरएमयू) -87 न. और फीडर पिलर - 2000  न. 80 किमी से अधिक सड़क के साथ वॉल सिटी क्षेत्र के तहत 20000 उपभोक्ताओं जरूरत की पूरा करने की क्षमता रखता है। 

भारद्वाज ने बताया की नए अंडरग्राउंड सिस्टम के साथ, लाइन फॉल्ट और लगातार फॉल्ट में काफी कमी आई है, जिसके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को रिलायबल बिजली वितरण होता है। बिजली की चोरी के मुद्दे में भी कमी देखी गई हैं। इस सिस्टम में सीएसएस से फीडर पिलर तक कई सुरक्षा स्तर हैं। यह विद्युत, शॉर्ट-सर्किट और अन्य फॉल्ट के किसी भी मामले के साथ विश्वशनीय और सुरक्षित बिजली वितरण सुनिश्चित करता है।

मैसर्स लार्सन और टुब्रो लिमिटेड को पूरी परियोजना और 10 साल की अवधि के लिए संचालन और रखरखाव की जिमेदारी दी है। वी के त्यागी (प्रोजेक्ट मैनेजर), मोहन और राहुल (इलेक्ट्रिकल मैनेजर) प्रोजेक्ट का सुपरविजन ईपीटीआईएसए (EPTISA) PMC प्राइवेट लिमिटेड और USCL इलेक्ट्रिकल और क्लाइंट यूएससीएल (उदयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड) टीम द्वारा किया गया है । 

यूएससीएल टीम में प्रदीप संगावत (सीईओ),अरुण व्यास चीफ इंजिनियर, मुकेश पुजारी (एसई), रितेश पाटीदार (एएन) ललित गुप्ता (सीसीएम) अरुण भारद्वाज एवं एलएनटी की टीम की विशेष भूमिका रही हैं।