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नाथद्वारा की आशीर्वाद गार्डन कॉलोनी में पानी भरने की समस्या

मामला अदालत में चल रहा है इसलिए पैदा हुआ गतिरोध 
 

उदयपुर 22 अगस्त 2022 । संभाग के राजसमंद ज़िले के नाथद्वारा के नाथूवास इलाके में बनी आशीर्वाद गार्डन नामक कॉलोनी में पानी भरने से निवासियों को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं। कॉलोनी के रहने वाले लोगों का कहना हैं की स्थानीय पार्षद और उनके साथियों ने पानी की निकासी को खोलने से मना कर दिया। इस मामले की जानकारी मिलने पर क्षेत्रीय विधायक दिया कुमारी के प्रतिनिधि मौका मुआयना करने के लिए पहुंचे।

जानकारी के अनुसार मिराज मॉल और नाथूवास तालाब के पास बनी आशीर्वाद गार्डन कॉलोनी में 9 परिवार रहते हैं जिसमे कुल 35-40 लोग हैं। जिसमे 5 साल से भी कम उम्र के बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं।

हर साल तो पानी की निकासी रहती हैं लेकिन इस साल तालाब के गेट बंद करने से पानी की निकासी रुक गई और इस साल बारिश ज्यादा होने से और कॉलोनी का लेवल काफ़ी नीचे होने से पानी भर गया। कॉलोनी के रहने वाले लोगों की माने तो कभी भी पानी का लेवल अचानक बढ़ जाए तो वहां रहने वाले लोगों को घरों से निकलने का मौका भी नही मिलेगा।

लोगों का कहना हैं इस मामले में पूर्व में कई बार अधिकारीयों को अवगत करवाया गया हैं लेकिन क्षेत्र के कुछ रसूखदार लोगों की वजह से मामले में कोई निष्पक्ष निर्णेय नही लिया गया। लोगों का आरोप हैं की नगर पालिका के लोग अपनी ज़िम्मेदारी सिंचाई विभाग पर डाल रहें हैं तो सिंचाई विभाग अपनी ज़िम्मेदारी नगर निगम पर।

नाथूवास तालाब क्षेत्र के पार्षद प्रमोद गुर्जर को संपर्क किया गया तो पार्षद के प्रतिनिधि का कहना था की इस मामले को लेकर रविवार शाम को एक मीटिंग की गई। समाधान के बारे में पूछने पर उन्होने कहा की समाधान के लिए तो दिन में एसडीएम और अन्य सम्बंधित अधिकारीयों ने क्षेत्र में विजिट किया था जिनसे पानी निकलने के अलावा और भी कई समाधान किये।

उदयपुर टाइम्स से बात करते हुए क्षेत्र के समाज सेवक हरीश पांडे ने बताया की क्षेत्र के कुछ रसूखदार लोगों ने कैचमेन्ट एरिया (तालाब पेटे) में अपने रसूख का इस्तेमाल करके जमीन को कन्वर्ट करवा कर बिल्डिंग बनवा दी, उन्होंने इस के खिलाफ 2019 में कोर्ट में एक पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन फाइल की जिस पर कोर्ट का फैसला आया जिसको पालना नही होने पर आदेश की अवहेलना मना गया, मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा हैं। 

पांडे ने कहा की क्षेत्र के कुछ रसूखदार लोगों की वजह से दबाव बना हुआ हैं। कैच मेन्ट एरिया 50 बीघा का हैं जिस में पीआईएल हाईकोर्ट में लगी हुई हैं और  1947 के अब्दुल रहमान केस के पहले की स्थिति कायम रखने के लिया सभी लोग पिछले 15-20 सालों से लगे हुए हैं। कुछ रसूखदार लोग कंवर्जन और अपरुवल करवा कर बँगले बना दिये हैं अब चाहते हैं की इन कुछ मकानों में पानी नही भरे और तालाब को खाली करें। पिछले साल यहाँ भराव डलवाया गया था जिस से एरिया ब्लॉक हों गया और पानी का रुख भी बदल गया। और यहीं वजह हैं की क्षेत्रीय पार्षद और गांव वासी सभी साथ में हैं और कोर्ट के आदेशों के अनुसार कार्यवाही चाहते हैं।

तो वहीं आशीर्वाद गार्डन के मालिक दीपेश पारीक से जब घरों के कैचमेन्ट एरिया में बना होने के बारे में पूछा तो उन्होने इस बात से इंकार किया और कहा की वो कन्वर्टेड लेंड हैं जिसके सारे दस्तावेज मौजूद हैं। उन्होने कहा को भले ही मामला कोर्ट में चल रहा हैं लेकिन फिलहाल इस परिवारों के घर में पानी घुसने को स्थिति हैं और प्रशासन और क्षेत्रीय पार्षद को चाहिए की पानी की निकासी का इंतजाम करें।

हालांकि फैसला कुछ भी रहें, चाहें मकान कैचमेन्ट एरिया में हो या कन्वर्टेड लैंड पर, गांव वाले क्या चाहते हैं क्या नही ? लेकिन फिलहाल इन घरों में रहने वाले के सदस्यों जिसमे बच्चे, बुजुर्ग और औरते शामिल हैं इनकी जान मुसीबत में हैं और प्रशासन को इसकी सुध लेनी चाहिए।