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पिंजरे में कैद हुआ लखावली इलाके में एक लेपर्ड  

सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किया

 

उदयपुर शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित लखावली इलाके में एक बार फिर लेपर्ड के मूवमेंट से ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। इस बार एक लेपर्ड को पिंजरे में फंसा लिया गया है। वन विभाग की टीम ने घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचकर उसे सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट कर दिया।

लखावली पंचायत क्षेत्र के पहाड़ी इलाके में पिछले कुछ समय से लेपर्ड की लगातार आवाजाही हो रही थी, जिससे आसपास के गांवों के लोग डर के साए में जी रहे थे। इस दौरान, 18 अक्टूबर को तालाब के पास एक बकरी को शिकार बनाने के बाद ग्रामीणों ने शोर मचा दिया, जिससे लेपर्ड बकरी को छोड़कर भाग गया। हालांकि, बकरी की मौत हो गई। इसके बाद, गांव वालों ने वन विभाग से मांग की कि पिंजरा फिर से लगाया जाए। 19 अक्टूबर को वन विभाग ने फिर से पिंजरा लगा दिया, जिसमें एक लेपर्ड कैद हो गया।

उदयपुर के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार लेपर्ड की गतिविधियों से परेशान स्थानीय प्रशासन ने अब तक 5 लेपर्डों को पिंजरे में कैद किया है। इनमें से हाल ही में 21 अक्टूबर को लखावली क्षेत्र में एक और लेपर्ड को पिंजरे में फंसा लिया गया था। इसके पहले, 23 सितंबर को छाली पंचायत के उमरिया गांव में दो लेपर्ड अलग-अलग पिंजरे में कैद हुए थे। इसी महीने 27 सितंबर को गोगुंदा के कुडाऊ गांव की भील बस्ती में भी एक लेपर्ड को पिंजरे में पकड़ा गया था।

वर्तमान में, मदार और राठौड़ों का गुड़ा गांव में कुल 18 पिंजरे लगाए गए हैं, जिनमें से मदार में 5 और राठौड़ों का गुड़ा में 13 पिंजरे हैं। इस क्षेत्र में लेपर्डों की गतिविधियों की निगरानी बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने छोटे-छोटे ग्रुपों में टीम बनाकर इलाके की सर्च ऑपरेशन शुरू कर दी है ताकि इन जानवरों को सुरक्षित तरीके से पकड़ा जा सके और किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।

इस बीच, मंगलवार को गोगुंदा इलाके से पकड़े गए चार लेपर्डों में से एक के बायोलॉजिकल पार्क से भाग जाने की अफवाहें भी फैल गई हैं। इस बारे में बायोलॉजिकल पार्क में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है, लेकिन वन विभाग की ओर से ऐसी किसी जानकारी की पुष्टि नहीं की गई है।

डीएफओ अजय चित्तोडा ने इस अफवाह को नकारते हुए कहा कि "वन विभाग ने लखावली में पिंजरे में पकड़े गए लेपर्ड को सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क शिफ्ट किया है और उसकी जांच की जाएगी, लेकिन पार्क से किसी लेपर्ड के भागने की कोई सूचना नहीं है।"

लखावली पंचायत के सरपंच मोहनलाल डांगी ने बताया कि इलाके में लेपर्ड के मूवमेंट के कारण लोग काफी डर के साए में हैं। गांव में लगभग 4 लेपर्डों के होने का अनुमान है, जिनके बारे में ग्रामीण लगातार जानकारी देते रहे हैं। सरपंच डांगी ने बताया कि पहाड़ी इलाके में और भी कई स्थानों पर लेपर्ड की गतिविधियां बढ़ी हैं, जिससे स्थानीय लोगों में भय फैल गया है।

वन विभाग ने कहा है कि अब इन इलाकों में सर्च ऑपरेशन और पिंजरे लगाने का काम तेजी से किया जाएगा। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि लेपर्डों के साथ-साथ इलाके में अन्य जंगली जानवरों की भी निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना को टाला जा सके।