ABVP ने MPUAT प्रबंध मंडल की बैठक का किया घेराव
प्रबंध मंडल बैठक द्वारा सभी मांगो पर सार्थक चर्चा करने का आश्वासन दिया।
उदयपुर 18 जून 2025। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की प्रबंध मंडल की बैठक में ज्ञापन सौंपा।
महानगर मंत्री पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में शैक्षणिक पदों का विज्ञापन मई, 2022 को विज्ञापन संख्या 02/2022 के तहत विज्ञापित हुआ था उक्त भर्ती प्रक्रिया को तीन साल से अधिक समय हो गया है तथा भर्ती अब तक पूर्ण नहीं की गई है जबकि अन्य कृषि विश्वविद्यालय ने इसी समयावधि में दो बार भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर ली। अतः उक्त भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर नए सिरे से वापिस विज्ञापन निकाला जाए जिसमे इस भर्ती में व्याप्त त्रुटियों को सुधारते हुए इस भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण करवाए जाए।
साथ ही उक्त भर्ती प्रक्रिया में ध्यान में आया की स्कोर कार्ड में पीएचडी 5 नंबर की रखी गई है वो भी उन अभ्यर्थीयो के लिए जो विदेश से पीएचडी करते है, जबकि अपने देश से पीएचडी करने वालों को 4 नंबर ही मिलेंगे जबकि अन्य कृषि विश्वविद्यालयो के स्कोर कार्ड में पीएचडी 8 नंबर की रखी गई है इस बिन्दु पर सुधार की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि भर्ती प्रक्रिया के स्कोर कार्ड में ये भी देखने में आया है की कार्य अनुभव अनुभव नहीं जोड़ा गया है, जबकि कृषि विश्वविद्यालयो में चलने वाली विभिंन्न परियोजनाओ में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है परियोजना के कार्य के अतिरिक्त भी विश्वविद्यालय के अन्य कार्यों में इनका सहयोग रहता है एवं विश्वविद्यालय की कार्यशैली से पूर्ण रूप से अवगत रहते है फिर भी अपने इस विश्वविद्यालय के द्वारा स्कोर कार्ड में इनके कार्य अनुभव को नहीं जोड़ा गया है जबकि अन्य कृषि विश्वविद्यालयो के स्कोर कार्ड में स्पष्ट रूप से इसे जोड़ा गया है।
इकाई अध्यक्ष सुमित चौधरी ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा स्टाफ की कमी को देखते हुई कुछ विभागों में एमएससी एवं पीएचडी की सीट कम की गई जो की न्याय संगत नहीं है विश्वविद्यालय में स्टाफ की कमी को पूरा करना विश्वविद्यालय प्रबंधन की नैतिक जिम्मेदारी है इसका नुकसान विद्यार्थीयो द्वारा क्यों उठाया जाए अगर विश्वविद्यालय समय रहते विज्ञापित शैक्षणिक भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण कर लेता तो विद्यार्थीयो को आज यह नुकसान नहीं उठाना पड़ता। इसके साथ की सीटों की कमी के कारण विश्वविद्यालय को आर्थिक हानि भी उठानी पड रही है और विश्वविद्यालय विद्यार्थीयो के द्वारा प्रत्येक महाविद्यालय में स्पोर्ट्स फीस दी जाती है फिर भी विश्वविद्यालय द्वारा अलग से स्पोर्ट्स की फीस ली जा रही है जो की विद्यार्थियो के साथ धोखा है अगर स्पोर्ट्स फीस में कोई बजट की कमी रहती है तो विश्वविद्यालय को अपने स्तर पर इसका समाधान करना चाहिए ना की विद्यार्थियो पर अतिरिक्त बोझ डाला जाये।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के संगठक महाविद्यालयो के हॉस्टलों की स्थिति काफी दयनीय है सभी हॉस्टलों में नवीनीकरण की आवश्यकता है। नवीनीकरण का कार्य एक समिति बना कर उसके माध्यम से करवाया जाये एवं उस समिति में एक यूजी, पीजी एवं पीएचडी के एक एक विद्यार्थी जो की उस हॉस्टल में रहता है उसको जोड़ कर बनाई जाये जिस से नवीनीकरण के कार्य में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता को सुनिश्चित की जा सके साथ ही विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के अन्य संगठक महाविद्यालयो के कार्यालयों तथा हॉस्टलों में इंटरनेट की बहुत ज्यादा समस्या है, इस हेतु विश्वविद्यालय द्वारा एक बहुत बड़ी राशि खर्च की जा रही है पर सुविधा के नाम पर शून्य है विश्वविद्यालय के हर विभाग में अपने अपने ब्रॉडबैंड कनेक्शन ले रखे है जिस से वे अपने दैनिक कार्यो का निष्पादन कर रहे है जबकि दूसरी और विश्वविद्यालय द्वारा लगभग लाखों रुपए का भुगतान इंटरनेट एजेंसी को किया जा रहा है जो की एक राजकोषीय घाटा है
प्रबंध मंडल बैठक द्वारा सभी मांगो पर सार्थक चर्चा करने का आश्वासन दिया।