कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड के नतीजे भी संदेह के घेरे में
NEET और NET की परीक्षा से देशभर में उठे विवाद के बाद अब कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड agricultural scientist recruitment board exam (एएसआरबी) की भर्ती भी संदेह के घेरे में आ गई है। दरअसल ASRB की ओर से मार्च में जारी किए विषय विशेषज्ञ और Senior Technical Officer Exams के नतीजे संदेह के घेरे में आ गए है। इसको लेकर इस Exam में शमिल होने वाले परीक्षार्थियों ने इस पुरे मामले की जाँच करने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार परीक्षा के रिजल्ट्स का बारीकी से वेरिफिकेशन करने पर सामने आया है की आइएआरआइ, आइवीआरआइ, एनडीआरआइ जैसे कृषि शिक्षा आयोजित करने वाले संस्थानों के छात्रों को Top-10 की लिस्ट में जगह नहीं मिली बल्कि इनका तो selection percentage भी काफी कम है।
ये भी जानकारी में आया है की गैर-आइसीएआर मान्यता प्राप्त और निजी संस्थानों के उन छात्रों का नाम मेरिट लिस्ट में है, जिनका Academic Record Average या उससे कम रहा है।
परीक्षा में भाग ले चुके एक परीक्षार्थी से मिली जानकारी के अनुसार सारा मामला तथ्य के साथ ASRB के ध्यान में लाया गया लेकिन कोई ठोस कार्रवाई अभी तक अमल में नहीं लाइ गई। परीक्षार्थियों ने पेपर लीक, बंडलों में छेड़छाड़, सीबीटी सिस्टम हैकिंग या एएसआरबी मुख्यालय में अनियमितताएं की आशंका जताई है। उनका कहना है की उन्हें वाट्सएप ग्रुप में Questions share किए जाने की भी आशंका है।
इसके अतिरिक्त ज्यादातर छात्रों का 3-4 राज्यों व तीन परीक्षा केंद्रों से ही जुड़ा होना है, चयनित व टॉपर सूची में ज्यादातर छात्र राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के होना, ये सभी बाते सवाल खड़ा कर रही है।
साथ ही परीक्षार्थियों का कहना है की उनके मार्क्स रिलीज़ करने से पहले की चुने गए कैंडिडेट्स का नाम घोषित कर दिया गया। यहां तक की स्कोर कार्ड अभी तक जारी नहीं किया गया है। उनका कहना है की सिलेक्शन प्रोसेस CBT और Interview के आधार पर होना था लेकिन अभी तक जब Score Card ही जारी नही हुआ तो Selected Candidates के नाम कैसे जारी कर दिए गए और अगर Score Cards बन गए है तो ASRB उन्हें रिलीज क्यों नहीं कर रही। सिर्फ NET (CBT) के मार्क्स घोषित किए गए है लेकिन Interview के मार्क्स आना अभी बाकि है।
इसी के साथ कई selected candidate वो है जिन्होंने SMS/STO के लिए अप्लाई किया था लेकिन NET के लिए नही। बिना नंबर जाने वो कैसे select हो गए ? तो वही CBT के लिए भी कई candidates ने दावा किया की उनके मार्क्स कम हैं, उनका पेपर अच्छा हुआ था लेकिन उनसके बावजूद उनको उतने नंबर नहीं मिले जितने उन्होंने सोचे थे।
इस के अलावा परीक्षार्थियों को इस बात पर भी शंका है की गैर-आइसीएआर मान्यता प्राप्त और निजी संस्थानों के छात्रों में से ज्यादातर छात्र ही टॉप रैंक होल्डर्स है ऐसे में उन्हें शंका है की आखिर Interview में Panel Preference क्या था ? ज्यादातर selected candidates उन यूनिवर्सिटीज से है जिनसे panel के सदस्य हैं। छात्रों का कहना है की Interview के दौरान कोई रिकॉर्डिंग वगैरह सबूत के लिए नहीं की गई। इसी के चलते उन्होंने इस मामले की सघन जांच की मांग की है।