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कृषि में अध्ययनरत छात्राओं को दी जा रही 5 से 15 हजार तक की प्रोत्साहन राशि

कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी

 

गत 4 वर्षों में 65 हजार 424 छात्राओं को मिला संबल,

जयपुर-उदयपुर 04 अक्टूबर। कृषि क्षेत्र में बुवाई से लेकर रोपण, जल निकासी, सिंचाई, उर्वरक, पौध संरक्षण,कटाई, खरपतवार हटाने, और भंडारण तक के कार्यों में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभाती हैं।

इस क्षेत्र में उनके सशक्तिकरण और उनकी प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य में ’कृषि में अध्ययनरत छात्राओं को प्रोत्साहन योजना’ चलाई जा रही है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि बालिकाएं कृषि के क्षेत्र की नवीनतम तकनीकों का अध्ययन करें और औपचारिक शिक्षण-प्रशिक्षण प्राप्त करें, जिससे न केवल परिवार की आय बढ़ेगी, बल्कि वे राज्य और देश की समृद्धि में भी योगदान देंगी। योजना के तहत अध्ययन के लिए कृषि को विषय के तौर पर चुनने वाली बालिकाओं को प्रोत्साहन  देने के उद्देश्य से कृषि संकाय में 11वीं कक्षा से लेकर पीएचडी कर रही छात्राओं को 5 हजार से लेकर 15 हजार की राशि प्रतिवर्ष दी जा रही है।
 

संयुक्त निदेशक (कृषि) जी.एल.कुमावत ने बताया कि योजना के तहत राज्य में कृषि विषय लेकर अध्ययन करने वाली 11वीं एवं 12वीं कक्षा की छात्राओं को प्रतिवर्ष 5 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है। कृषि विज्ञान से स्नातक के विषयों जैसे कि उद्यानिकी, डेयरी, कृषि अभियांत्रिकी, खाद्य प्रसंस्करण के साथ ही स्नातकोत्तर (एम.एस.सी. कृषि) में अध्ययन करने वाली छात्राओं को 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष दिये जाते हैं। इसी प्रकार कृषि विषय में पीएचडी करने वाली छात्राओं को 15 हजार रुपये प्रतिवर्ष (अधिकतम 3 वर्ष) प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
 

उन्होंने बताया कि कृषि छात्रा प्रोत्साहन योजना के तहत गत 4 वर्षों में अध्ययनरत 65 हजार 424 छात्राओं को कुल 4,257.78 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। वर्ष 2018-19 में अध्ययनरत 14 हजार 130 छात्राओं को 967.93 लाख रुपये का, वर्ष 2019-20 में 15 हजार 780 अध्ययनरत छात्राओं को 930.06 लाख रुपये का, वर्ष 2020-21 में अध्ययनरत 14 हजार 647 छात्राओं को 1075.23 लाख रुपये का तथा वर्ष 2021-22 में 20 हजार 867 कृषि संकाय में अध्ययनरत छात्राओं को 1284.56 लाख रुपये का भुगतान किया गया है।
 

छात्रवृत्ति हेतु आवश्यक दस्तावेज
कृषि में अध्ययनरत छात्राओं को प्रोत्साहन योजना में आवेदन करते समय छात्राओं को आवश्यक दस्तावेज जैसे जन आधार कार्ड, गत वर्ष की अंकतालिका, मूल निवास प्रमाण पत्र, संस्था प्रधान का ई-साइन प्रमाण पत्र, नियमित विद्यार्थी होने का संस्था प्रधान का प्रमाण पत्र तथा श्रेणी सुधार हेतु प्रवेश नहीं लेने का प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपलोड करना होता है। योजना में आवेदन करने के लिए छात्रा का राजस्थान का मूल निवासी होना तथा किसी भी राजकीय एवं राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय, महाविद्यालय या विश्वविद्यालय में कृषि संकाय में अध्ययनरत होना आवश्यक है।

 

योजना में कैसे करें आवेदन
योजना में आवेदन की इच्छुक छात्राएं ई-मित्र के माध्यम से अथवा स्वयं की एस.एस.ओ. आई.डी. से राज किसान साथी पोर्टल पर प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन कर सकती हैं। योजना अथवा आवेदन के संबंध में कोई भी जानकारी प्राप्त करने के लिए छात्राएं निकट के किसान सेवा केंद्र पर कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी या जिला स्तर पर उप निदेशक कृषि (विस्तार) से भी सम्पर्क कर सकती हैं।

 

कृषि संकाय में स्नातक कर रही अनुष्का और अमीषा को योजना से मिला संबल
कृषि संकाय में स्नातक कर रही अनुष्का शर्मा, जयपुर स्थित विवेकानंद ग्लोबल विश्वविद्यालय में बीएससी ऑनर्स द्वितीय वर्ष की छात्रा है। वे बताती हैं कि योजना के तहत कक्षा 11वीं और 12वीं में उन्हें राज्य सरकार द्वारा 5-5 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई थी। इसके बाद बीएससी प्रथम वर्ष में कृषि संकाय में प्रवेश लेने के बाद भी उन्हें 12 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है। वे बताती हैं कि उनके पिता किसान हैं और उन्हें शुरू से ही कृषि के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने की इच्छा थी। वे चाहती थीं कि वे कृषि के क्षेत्र में उन्नत तकनीकों के बारे में जानें और उनके उपयोग से अपने परिवार की आय बढ़ाने में सहयोग करे। अनुष्का कहती हैं कि अल्प पारिवारिक आय की वजह से उनके लिए अपने पसंद के विषय में प्रवेश लेना तथा नियमित पढ़ाई कर पाना उनके लिए कठिन था। इस योजना के कारण ही वे अपनी अपनी पढ़ाई को सुचारू रूप से जारी रख पाई हैं। वे पढ़ाई के साथ-साथ अपने पिता को खेती करने की उन्नत तकनीकों, बीज, उर्वरक जैसी सहायक सामग्रीयों के बारे में उचित जानकारी भी देती हैं। वे कहती हैं कि उनकी सलाह से उनके खेत में उपज अच्छी हुई है, जिससे परिवार की आय में वृद्धि हुई है।
 

इसी प्रकार जनार्दन राय नागर विश्वविद्यालय उदयपुर के कृषि संकाय में अध्ययनरत बीएससी की छात्रा अमीषा राठौड़ भी इस योजना के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताते हुए नहीं थकतीं। वे कहती हैं कि इस योजना के कारण उन्हें कृषि विषय पढने के लिए प्रोत्साहन मिला है। वे चाहती हैं कि वे कृषि की नवीनतम तकनीकों के बारे में ज्यादा से ज्यादा सीखें और इस क्षेत्र में कोई नवाचार करें। अमीषा बताती हैं कि उनके घर में पहले सब्जियां बाजार से खरीद कर लाते थे लेकिन अब वे घर में सब्जियां उगाती हैं, जिससे उन्हें घर में ही ताजी सब्जियां उपलब्ध होती हैं।