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रमज़ान में नेकी से बढ़कर कोई इबादत नहीं, इसकी मिसाल पेश की ऑटो चालक मोहसिन छीपा ने

पर्स में नकदी,  जरूरी कागजात एवं 2 मोबाइल फोन रखे थे

 

मोहसिन छिपा पेशे से ऑटो चालक है और उनके पिता की आयड़ में पंचर की दुकान है 

रमज़ान में नेकी से बड़ा कोई ज़रिया नहीं होता न ही इबादत। कुछ ऐसा ही कर दिखाया शबरी कॉलोनी निवासी मोहसिन जो कि पेशे से ऑटो चालक है । आज सुबह की बात है आयड से ठोकर चौराहा के बीच में भूमिका जारोली किसी काम से जा रही थी इस बीच उनका पर्स गाड़ी से गिर नीचे गिर गया। पर्स में नकदी, जरूरी कागजात एवं 2 मोबाइल फोन रखे थे। जब भूमिका जारोली को अपने पर्स गिरने का अहसास हुआ तो उन्होनें अपने भाई के मोबाईल से अपने मोबाईल पर कॉल किया। जैसे ही मोबाईल पर रिंग गई तो उसे किसी मोहसिन छिपा नाम के शख्स ने फोन उठाया।

मोहसिन छीपा ने उनको बताया कि यह पर्स उन्हें रास्ते में मिला था जो कि अभी उनके पास है। मोहसिन ने भूमिका जारोली को अपना पता बताया और कहा आप इस जगह पर आ कर पर्स ले जा सकती है। यह सुनते है भूमिका जारोली अपना पर्स लेने पहुंची जिसमें उनका सामाना जैसा था वैसा ही मिला। यह देखते हुए भूमिका जारोली ने मोहसिन छीपा का शुक्रिया अदा किया। जब भूमिका जारोली के भाई ने मोहसिन छीपा को इस नेकी के बदले कुछ देना चाहा तो मोहसिन ने इंकार कर दिया।

मोहसिन ने कहा कि रमज़ान के पवित्र महिने में नेकी करना सबसे बड़ी इबादत है। वहीं भूमिका जारोली के भाई ने उदयपुर टाइम्स से बात करते हुए बताया कि गर्व है हमे मोहसिन जैसे युवा पर जो इंसानियत और ईमानदारी की मिसाल है। आपको बता दे कि मोहसिन छीपा पेशे से ऑटो चालक है व पिता की आयड़ में ही पंचर की दुकान है।