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उदयपुर में टू-व्हीलर टैक्सी सेवाओं के खिलाफ ऑटो यूनियनों ने किया प्रदर्शन

ज़िला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि शहर में अवैध रूप से संचालित हो रही बाइक टैक्सी सेवाओं पर तुरंत रोक लगाई जाए

 

उदयपुर 30 उदयपुर जुलाई 2025 । शहर में चल रही टू-व्हीलर टैक्सी सेवाओं जैसे रैपिडो और ओला-उबर के विरोध में उदयपुर की प्रमुख ऑटो यूनियनों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान यूनियन प्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि शहर में अवैध रूप से संचालित हो रही बाइक टैक्सी सेवाओं पर तुरंत रोक लगाई जाए।

यूनियन पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि शहर के हर गली-मोहल्ले, चौराहे, रेस्टोरेंट, दुकानों और पान की ठेलियों के बाहर निजी बाइकों को पीली नंबर प्लेट लगाकर किराए पर चलाया जा रहा है। यह न केवल मोटर वाहन नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इससे ऑटो चालकों की आजीविका पर भी संकट गहराता जा रहा है।

उन्होंने बताया कि टू-व्हीलर टैक्सी सेवाएं मोटर वाहन अधिनियम के तहत अवैध हैं क्योंकि निजी वाहनों का व्यवसायिक उपयोग नहीं किया जा सकता।

ज्ञापन में यूनियन प्रतिनिधियों ने बताया कि अधिकांश ऑटो चालक बैंक से लोन लेकर ऑटो खरीदते हैं। लेकिन सस्ती टू-व्हीलर सेवाओं की बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण उनकी आमदनी में भारी गिरावट आई है।

कई चालक समय पर किश्त नहीं चुका पाने के कारण आर्थिक संकट में फंस गए हैं और उनकी गाड़ियां फाइनेंस कंपनियों द्वारा जब्त की जा चुकी हैं।

यूनियनों ने मांग की कि जिन बाइकों पर पीली नंबर प्लेट लगाकर किराये पर चलाया जा रहा है, उनके लाइसेंस निरस्त किए जाएं और उन पर सख्त कार्रवाई की जाए।

साथ ही, रैपिडो और ओला-उबर जैसी टू-व्हीलर सेवाओं को शहर में प्रतिबंधित किया जाए तथा इनकी गतिविधियों पर नियमित निगरानी रखी जाए। यूनियनों ने ओल्ड सिटी क्षेत्र में लगाए गए 'वन वे' प्रतिबंधों को हटाने की भी मांग की ताकि ऑटो चालकों को आवागमन में कोई परेशानी न हो।

इसके अलावा जनाना अस्पताल, जगदीश मंदिर, घंटाघर, सिटी पैलेस जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों और अस्पतालों तक ऑटो की आवाजाही की अनुमति देने की भी मांग की गई।

प्रदर्शन में मेवाड़ ऑटो रिक्शा चालक श्रमिक यूनियन, इंडियन ऑटो रिक्शा यूनियन और एकता ऑटो चालक को-ऑपरेटिव सोसायटी के प्रतिनिधि शामिल हुए।

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन जल्द ठोस कदम नहीं उठाता, तो यूनियन बड़े आंदोलन की राह पर चलने को मजबूर होगी।