जातिसूचक फूहड़ गानों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने मुख्यमंत्री के नाम दिया ज्ञापन
कलाल समाज की महिलाओं के सम्मान हेतु एक हुए समाजजन
उदयपुर 12 मार्च 2024। कलाल समाज की महिलाओं के लिए जातिसूचक अपमानजनक शब्दो से रचित फूहड़ गीत आज भी राजस्थान के कई जिलों में बजाए जा रहे है जिससे समाज में रोष व्याप्त है। ऐसे गानों पर तुरंत रोक लगाने हेतु उदयपुर की कलाल महासभा के प्रतिनिधित्व में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्ट्री में सौंपा गया।
महासभा के सूर्यप्रकाश सुहालका ने बताया कि मनोरंजन के नाम पर समाज की महिलाओं की अस्मिता से खिलवाड़ अब कलाल समाज सहन नहीं करेगा। मीडिया प्रभारी नरेश पूर्बीया ने बताया कि आज कलाल समाज के पूर्बिया कलाल समाज के ओंगणा, झाड़ोल, सलूम्बर, थूर मदार, सहस्त्रबाहु नारी शक्ति संगठन, कलाल रायल्स, अखिल भारतीय कलवार कलाल कलार महासभा, चौधरी मेवाडा, सुहालका, टांक, जायसवाल, वेगड़ा, पटेल वर्गों के प्रतिनिधि एकत्रित हुए और ज्ञापन दिया।
कार्यक्रम में लोकेश चौधरी, सत्यनारायण टांक, चुन्नीलाल कलाल, बालकृष्ण सुहालका, राणा जायसवाल, राजा चौधरी, जगदंबा प्रसाद सुहालका, मदन चौधरी, मनीष जायसवाल, भरतकिशोर सुहालका आदि प्रतिनिधि उपस्थित थे। महिलाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए धारावती सुहालका, मधु जायसवाल, मणि पटेल आदि ने ऐसे जातिसूचक गीत बजाने का विरोध किया और सरकार से इन पर प्रतिबंध के संबंध में शीघ्र एक आधिकारिक सूचना जारी करने की मांग की।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी समाज के विरोध पर ऐसे गानों पर प्रतिबंध की बात कही गई थी परंतु किसी आधिकारिक प्रपत्र के अभाव में कानूनी लड़ाई लड़ने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।