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किसानों की तरह आंदोलन करने का किया ऐलानबैंक हड़ताल दूसरे दिन भी जारी

500 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित 

 

पीएम और वित्त मंत्री के खिलाफ लगातार दूसरे दिन भी नारेबाजी, निजीकरण का फैसला वापस लेने की मांग 

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) के आह्वान पर नगर की समस्त सरकारी बेंकों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने संसद के वर्तमान सत्र में प्रस्तावित बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल के विरोध में व बेंकों के निजीकरण के विरोध में 11 सरकारी बैंकों की 250 शाखाओं के कर्मचारी व अधिकारी कल और आज दो दिवसीय हड़ताल पर रहे। आज सुबह 10:45 बजे पंजाब नेशनल बैंक की टाउन हॉल रॉड शाखा के बाहर नारेबाजी व प्रदर्शन किया।

हड़ताल के दूसरे दिन बैंक कर्मचारी औऱ अधिकारियों की सभा में पीएम और वित्त मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आंदोलन के तहत बैंक कर्मचारी पंजाब नेशनल बैंक की शाखा के बाहर एकत्रित हुए। एकत्रित होकर यूनियन के पदाधिकारी डी.के.जैन, राजेश जैन, पी एस खींची, एस एल मारु, महेश सैनी, रमेश पांडे के नेतृत्व में प्रर्दशन कर नारेबाजी की। युनिअन के पदाधिकारियों ने बताया कि उनकी मांगे न मानी जाने पर बैंक कर्मचारी किसान आन्दोलन जैसा कदम उठाने से भी नहीं चुकेंगे।

SBI के राजेश जैन ने बताया कि केंद्र सरकार संसद के वर्तमान सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन बिल पारित कराकर बैंकों के निजीकरण का मार्ग प्रशस्त करना चाहती है। इसका विरोध करते हुए बिल को तुरंत वापस लेने की मांग की। कहा कि बैंककर्मियों की यह लड़ाई आम जनता के हितों के लिए है। सरकार का कोई हक नहीं कि वह आम जनता की जमा पूंजी को इस तरह पूंजीपतियों को सौंप दे।

बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत धर्मवीर ने बताया कि पूंजीपतियों की नज़र सार्वजनिक क्षेत्रे के बैंकों में जमा आम जनता की पूंजी पर है, जो करीब 157 लाख करोड़ रुपए है। हड़ताल से उदयपुर जिले में करीब 500 करोड़ का काम प्रभावित हुआ है। कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक मुनाफे में है तो सरकार उन्हें बेच क्यों रही है।