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बांसवाड़ा-2 मार्च 2024 की प्रमुख खबरे 

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News-मुख्यमंत्री की प्रस्तावित यात्रा
आबापुरा में लिफ्ट सिंचाई योजना के लोकर्पण स्थल का लिया जायजा

बांसवाड़ा, 2 मार्च। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की बांसवाड़ा की प्रस्तावित यात्रा के मद्देनजर आबापुरा में लिफ्ट सिंचाई योजना के प्रस्तावित लोकर्पण कार्यक्रम स्थल का शनिवार को महेन्द्रजीत सिंह मालवीया एवं धनसिंह रावत ने अवलोकन किया।

उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा बांसवाड़ा के आबापुरा क्षेत्र में लिफ्ट सिंचाई योजना के प्रस्तावित लोकार्पण का निरीक्षण और तैयारियों का जायजा लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

News-जिला कलक्टर ने स्वच्छता संबंधी कार्यों का लिया निरीक्षण

बांसवाड़ा, 2 मार्च। जिला कलक्टर डॉ. इन्द्रजीत यादव ने शनिवार को पंचायत समिति तलवाड़ा की ओडीएफ प्लस में चयनित मॉडल ग्राम पंचायत बोरवट के अन्तर्गत स्वच्छता संबंधी कार्यों का औचक निरीक्षण किया।

इस अवसर पर उन्होंने स्वच्छता हेतु ग्राम विकास अधिकारी बाबुलाल खिंची को घर-घर कचरा संग्रहण के लिए नियमिति कचरा निस्तारण करवाने के निर्देश दिये। साथ ही गंदा जल प्रबंधन हेतु जिला कलक्टर द्वारा निर्देशित किया गया कि मॉडल रूप में चयनित इस पंचायत में वाटर ट्रिटमेन्ट प्लान्ट बनाया जाए ताकि घर-घर से निकलने वाला गंदा जल साफ होकर नदी तक पहुंचे।

इस मौके पर विकास अधिकारी बाबुलाल यादव, ग्राम पंचायत की सरपंच ममता कटारा, ग्राम विकास अधिकारी बाबुलाल खिंची, वार्ड पंव एवं अन्य ग्रामीणजन उपस्थित थे।

News-अधिकारियों की टीम ने बागीदौरा क्षेत्र में खेतों का किया भ्रमण   

बांसवाड़ा, 2 मार्च। संयुक्त निदेशक (विस्तार) जिला परिषद दलीप सिंह व सहायक कृषि अधिकारी बागीदौरा कमलेश कटारा व टीम ने शनिवार को बागीदौरा क्षेत्र के पिण्डारमा पंचायत के रागेलापाड़ा व पिण्डारमा, बागीदौरा, बांसला एवं छींच क्षेत्र में खेतों का भ्रमण किया एवं किसानों की गेहूं फसल में फ्यूजेरियम बाली सुझा रोग का प्रकोप होना बताया।

इस मौके पर टीम द्वारा किसानों को इस रोग के नियंत्रण हेतु उपाय बताये और किसानों को नियंत्रण हेतु बाली बनने की अवस्था में प्रोपीकोनाझोल 25 प्रतिशत ई.सी’ दवा का 1 मिली/प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी एवं क्षेत्र के सहायक कृषि अधिकारियों व कृषि पर्यवेक्षकों को रोगग्रस्त एवं प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। वहीं आगामी वर्ष में रोगग्रस्त बीज को नहीं बोने व बीजोपचारित करके ही बुवाई करने हेत किसानों को सलाह दी गई। इसी प्रकार खेत में जल जमाव न होने एवं फसल का नियमित रूप से निरीक्षण कर रोग के लक्षण दिखने पर ही रोकथाम के प्रयास करने की सलाह दी।