Banswara:एनटीपीसी लिमिटेड ने सामाजिक विकास में स्थापित किये नये मानक
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News-एनटीपीसी लिमिटेड और जिला प्रशासन के बीच एक समझौते पर किये हस्ताक्षर
बांसवाड़ा 25 अप्रैल। एनटीपीसी लिमिटेड, ऊर्जा उत्पाद के साथ-साथ सामाजिक विकास में भी नए मानक स्थापित कर रहा है। अपने सीएसआर (कॉर्पाेरेट सामाजिक जिम्मेदारी) पहलों के माध्यम से, एनटीपीसी ने समुदायों के उत्थान, ढांचा निर्माण, और देश को सशक्त बनाने के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता दिखाई है। एनटीपीसी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामुदायिक ढाँचे सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विकास कार्य किया है।
एनटीपीसी-एमबीआरएपीपी और जिला प्रशासन, बांसवाड़ा के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें एनटीपीसी का प्रतिनिधित्व श्री पंकज ध्यानी, महाप्रबंधक एनटीपीसी माही बांसवाड़ा और जिला प्रशासन का प्रतिनिधत्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी- जिला परिषद गोपाल लाल स्वर्णकार (आरएएस) ने, जिला कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव (आईएएस) की उपस्थिति में किया। श्वेतल कुमार श्रीमाली, डीजीएम (एचआर/एलए/आर एंड आर), मिनाक्षी, उषा यादव और बिरेन बिशी (सीएसआर कार्यपालक - एनटीपीसी) ने जिला कलेक्टर बांसवाड़ा को परियोजना प्रभावित गांवों में एनटीपीसी द्वारा किए गए महत्वपूर्ण सीएसआर हस्तक्षेपों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी।
इस समझौता ज्ञापन द्वारा की गई पहल, जिला कलेक्टर बांसवाड़ा के दिशा निर्देशन में, परियोजना प्रभावित पंचायतों के विकास हेतु, एनटीपीसी द्वारा उपलब्ध कराए गए सीएसआर राशि से विकासात्मक गतिविधियों को निष्पादित करने पर आधारित है। एनटीपीसी द्वारा परियोजना प्रभावित पंचायतों के विकास कार्यों के लिए कुल प्रतिबद्ध राशि में से पहली किस्त जारी की गई है। प्रारंभ में तीन प्रभावित पंचायतों में सबसे महत्वपूर्ण एवं जरूरी कार्य किए जाएंगे। ये प्रयास क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देंगे, जो एनटीपीसी की सतत और समतामूलक विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
एनटीपीसी की पर्यावरण-हितैषी और सामाजिक रूप से समावेशी प्रथाओं पर अडिग मार्ग, ने इसे देश भर में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए एक आदर्श मॉडल बना दिया है। एनटीपीसी न केवल अपनी सीएसआर प्रतिबद्धताओं को पूरा करता है, बल्कि समुदाय विकास में अपने लाभ का एक हिस्सा पुनर्निवेश करके आत्मनिर्भर और सक्षम भारत के दृष्टिकोण में भी योगदान करता है।
News-बाल-विवाह रोकथामः नियंत्रण कक्ष स्थापित
बांसवाडा 25 अप्रैल। अक्षय तृतीया एवं पीपल पूर्णिमा अबूझ मुहूर्त एवं अन्य अवसरों पर बाल विवाह की रोकथाम के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया संबंधित दिशा-निर्देश की पालना में जिला स्तर पर 28 अप्रैल-2025 से नियंत्रण कक्ष स्थापित करने आदेश दिए गये हैं। यह नियंत्रण कक्ष तीन पारियों में 24 घंटे संचालित रहेगा, जिसके दूरभाष नंबर 02962-248420 एवं चाईल्ड हेल्पलाइन 1098 रहेगा।
कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ इन्द्रजीत यादव ने आदेश जारी कर नियंत्रण पर प्रभारी अधिकारी, सहायक प्रभारी अधिकारी और पारी अधिकारी/कार्मिकों की ड्यूटी अग्रिम आदेश तक तत्काल प्रभाव से लगाई है।
जारी आदेश के अनुसार नायक तहसीलदार जसकिरण हुबोर (मो.नं. 08952997335) को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया है वहीं प्रथम पारी प्रातः 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक के लिए सहायक श्रम आयुक्त महेन्द्र सिंह को पारी प्रभारी और सामान्य दिनों सोमवार से शुक्रवार तक के लिए दो कार्मिकों और अवकाश के दिनों शनिवार व रविवार के लिए दो कार्मिकों की ड्यूटी लगाई है।
इसी प्रकार द्वितीय पारी दोपहर 2 से रात्रि 10 बजे तक के लिए सहायक परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा अभियान (मो.नं. 9983949922) को पारी प्रभारी के साथ सोमवार से शुक्रवार के लिए दो और अवकाश दिवस शनिवार-रविवार के लिए दो कार्मिकों को लगाया है वहीं तृतीय पारी के लिए उपनिदेशक कृषि उद्यान दलसिंह गरासिया (मो.नं. 9460332618 व 9352025186) को पारी प्रभारी एवं सोमवार से शुक्रवार के लिए दो व अवकाश दिनों शनिवार-रविवार के लिए दो कार्मिकों की ड्यूटी लगाई और उन्हें निर्देश दिये गये हैं कि पारी प्रभारी पारी समाप्ति के पश्चात अगली पारी वाले प्रभारी को आवश्यक सूचनाओं से अवगत कराने के पश्चात ही नियंत्रण कक्ष छोड़ेंगे। इसके अलावा तीनों पारियों के प्रत्येक पारियों के लिए दो-दो कार्मिकों की ड्यूटी भी लगाई गई है।
आदेश में नियुक्त कार्मिकों को बाल विवाह के संबंध में प्रतिदिन प्राप्त होने वाली शिकायतों का इन्द्राज बाल विवाह शिकायत रजिस्टर में दर्ज कराते हुए शिकायत प्राप्त होते ही उसके त्वरित गति से निस्तारण हेतु शिकायत को संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट, उपनिदेशक महिला एवं विकास विभाग, उप अधीक्षक पुलिस, तहसीलदार एवं थानाधिकारी को मोबाइल एवं उनके कार्यालय के दूरभाष पर अवगत कराना सुनिश्चित करने तथा अवगत कराने के 6 घंटे की अवधि में उनके द्वारा की गई कार्यवाही से जानकारी पुनः प्राप्त कर पंजिका में दर्ज कराने के निर्देश दिए गये हैं। आदेश में अधिकारी/कार्मिकों को अवकाश पर ड्यूटी देने के एवज में क्षतिपूर्ति अवकाश देय होगा।