उदयपुर में किन्नरों के बीच वर्चस्व की लड़ाई
भंवरी बाई और पायल बाई में कई बार मारपीट और जानलेवा हमले की घटना भी हो चुकी है
उदयपुर 30 नवंबर 2024 । शहर में किन्नरों के बीच वर्चस्व की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। उदयपुर की गादीपति कलीबाई के निधन के बाद उनकी दोनों शिष्या भंवरी बाई और पायल बाई में कई बार मारपीट और जानलेवा हमले की घटना भी हो चुकी है दोनों ही किन्नर अपने आपको उदयपुर का गादीपति मानती है।
जहां एक पक्ष ने आरोप लगाया है कि किन्नर पायल बाई और उनके साथ रहने वाले कुछ लड़कों ने उनके घर पर हमला किया। वहीं किन्नर पायल बाई का कहना है कि दो साल पहले भवरी बाई ने उनके ऊपर हमला किया था। इस मामले को लेकर दोनों ही गुटों ने अपना अपना पक्ष रखा।
मौके पर उदयपुर की किन्नर पायल (बुआ) ने आरोप लगाया की उनकी गुरु को 2023 मृत्यु होने के बाद उन्हें और भंवरी (बुआ) को गादीपति बनाया गया था लेकिन उसके बाद भंवरी द्वारा उदयपुर किन्नर समाज की गद्दी पर अकेले ही वर्चस्व जमाए रखने की नियत से उन पर कई बार हमले करवाए गए।
किन्नर पायल (बुआ) ने आरोप लगाया की भंवरी अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर गुंडे बुलाकर उनके साथ मारपीट करती हैं, पूर्व में भी उनपर हमला बुलागायक जिसमे उनको चोटे आई थीं। जिसके बाद वह उदयपुर छोड़कर जोधपुर रहने लगी थीं। तीन महीनों के बाद जब वह उदयपुर लोटी तो उसके साथ मारपीट की गई।
पायल का कहना है की भंवरी द्वारा उन्हें डराया धमकाया जाता हैं और वह चाहती हैं की पायल हमेशा के लिए उदयपुर छोड़ दे। लेकिन वो उदयपुर में ही रहना चाहती है। उनका कहना है की पूर्व में हुए झगड़े में उनका एक साथी किन्नर भी मारा गया था।
तो वहीं कुछ किन्नरों का कहना है की शहर में किन्नरों को बड़ी मात्रा में पैसे दिए जाते है, गलत काम करते है, यहां तक की वो दोनों को ही असली गादीपति नही मानते है बल्कि उनका कहना है की असलियत में उदयपुर की गादीपति जोधपुर की किन्नर सरोज बाई है। ऐसे में उन्होंने जनता से अपील भी की है की इनको बड़ी बड़ी राशियां देना बंद करें। साथ ही उन्हीने उनकी जान का खतरा भी बताया और सही फैसला करने की मांग की। ऐसे में शनिवार को वह उदयपुर कलेक्ट्री पहुंची जहां उन्होंने कलेक्टर के नाम ज्ञापन देकर उनका फैसला करवाने की मांग की।