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घरों-गार्डन में छा रही विंटर फूलों की रौनक

जानें कौन-सै पौधे आ रहे पसंद

 

उदयपुर, 2 दिसंबर। सर्दियों के मौसम में जहां प्रकृति की खूबसूरती बढ़ जाती है तो इस खूबसूरती को सर्दियों में खिलने वाले फूल चार चांद लगा देते हैं। कुछ पौधे ऐसे होते हैं जो सर्दियों में ही पनपते हैं। यह मौसम पौधे लगाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इन दिनों पौधे काफी आसानी से बढ़़ते भी हैं। विंटर सीजन के पौधे लगाकर गार्डन और घर को नया लुक दे सकते हैं। 

शहर की नर्सरियों में विंटर फ्लावर्स इन दिनों रौनक बढ़ा रहे हैं। शहरवासी यहां से इन फूलों के पौधों को अपनी बगिया महकाने के लिए ले जा रहे हैं।गार्डनिंग के शौकीन फॉरेन कल्चर के ऐसे फ्लाॅवर प्लांट लगाना पसंद कर रहे हैं, जिनकी केयर आसान है। वहीं, शहर में हो रही शादियों में भी गेंदा, गुलदाउदी, गुलाब से लेकर कई फूल शान बढ़ाते दिख रहे हैं।

सर्दियों में आते हैं कई खूबसूरत प्रजाती के फूल

जड़ाव नर्सरी के अलंकृत टांक ने बताया कि सर्दियों में विंटर फ्लावर्स की बहार आ चुकी है। उनकी नर्सरी में डहेलिया, गुलदाऊदी, पिटूनिया, एस्तर, सालविया, गजेनिया, विंकारोसिया, मेरी गोल्ड, डायनथर आदि कई तरह के फूल उपलब्ध हैं। ये सभी कई तरह के रंगों में हैं और इनकी कीमत 25 रु. से शुरू होती है, जो 200 से 300 रु. प्रति पौधा तक जाती है। इन फूलों का खिलना नवम्बर से शुरू हो जाता है और ये फरवरी-मार्च तक चलता है। शहरवासी तरह-तरह के सर्दी के फूल अपनी बगिया महकाने के लिए ले जाना पसंद कर रहे हैं।

नर्सरी संचालकों के अनुसार इस मौसम में इनडोर पौधों की भी बहुत डिमांड होती है। इनमें विनका, जैसमिन, पैसीप्लोरा, इनकारनेटा, गंधराज, कॉर्निफेस की मांग होती है। इन पौधों की खूबी यह है कि इसे घर के अंदर डेकोरेटिव तरीके से सजाया जा सकता है। इन सभी पौधों में वैरायटी और कलर मौजूद हैं। फूलों को लगाने के लिए अलग-अलग तरह के गमलों की डिमांड है। इनमें मिट्टी के बने गमलों के साथ टेराकोटा के गमले भी शामिल हैं। सीमेंट के गमले भी लोगों को रास आ रहे हैं। इस बार गमलों की खासियत यह है कि उन पर स्टाइलिश डिजाइन बनी हुई है। इनकी कीमत 25 रुपए से शुरू हो रही है। गमलों की साइज, इसकी बनावट और क्वालिटी के हिसाब से अलग-अलग कीमत है।

सर्दी के मौसम में लगाए जाने वाले फूल

डहेलिया, पिटूनिया, गुलदाउदी, मेरीगोल्ड, क्रिसेंथिमम, विंकारोजिया, डायनथस, पैंजी, गुलाब, कैंडीटफ, पॉइनसेटिया, जरबेरा, थाई बोगेनवेल, ग्लैडिओलस, बिगोनिया, हॉली हॉक, एंटरहिनम, डेजी, आर्कटोटिस, एस्टर, कॉसमॉस, कार्नेशन, जिप्सोफिया, रजनीगंधा, सालविया, सिनरेरिया, कालेनको आदि लगाए जा रहे हैं।