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भीलवाड़ा-26 मार्च 2024 की प्रमुख खबरे 

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News-फेक न्यूज पर लगाम के लिए निर्वाचन विभाग का क्विक रेस्पॉन्स मैनेजमेंट

जयपुर/भीलवाड़ा 26 मार्च 2024। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राज्य में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव संपन्न कराने के लिए फेक न्यूज एवं हेट स्पीच मॉनिटरिंग हेतु निर्वाचन विभाग द्वारा 360 डिग्री प्रयास किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर ईवीएम, कानून-व्यवस्था, मतदाता सूची एवं मतदान सहित चुनाव प्रक्रिया और मतदाताओं को प्रभावित करने संबंधी सूचनाओं पर निर्वाचन विभाग की पैनी नजर है। इन सूचनाओं पर निगाह रखने के लिए राज्य और जिला स्तर एवं पुलिस विभाग में गठित कमेटियां लगातार निगाह रख रही है। इन समितियों के नोडल अधिकारी के रूप में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी सोशल मीडिया गतिविधियों की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

राज्य स्तरीय समिति

गुप्ता ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग से प्राप्त निर्देशों के अनुसार, सोशल मीडिया पर फेक न्यूज, गलत और भ्रामक सूचनाओं पर लगाम के लिए राज्य निर्वाचन विभाग ने क्विक रेस्पॉन्स मैनेजमेंट प्लान बनाया है। इसके तहत भ्रामक सूचनाओं को भारत निर्वाचन आयोग तक पहुंचाने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में तीन सदस्यीय कमेटी कार्य कर रही है। ये कमटी प्रदेश स्तर पर निर्वाचन से संबंधी सूचनाओं पर निगाह रखती है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की सोशल मीडिया एवं फैक्ट चैक टीम के सहयोग से 24 घंटे सोशल मीडिया, न्यूज चैनल्स, समाचार पत्र, एफएम एवं अन्य स्त्रोतों पर प्रसारित एवं प्रकाशित सूचनाओं को जांचा जाता है एवं आवश्यकतानुसार कार्रवाई की जाती है। 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राज्य स्तर पर निगरानी रख रही इन टीमों को सोशल मीडिया पर कोई भी संदिग्ध सूचना मिलती है, तो उसका फैक्ट चैक संबंधित जिलों से करवाया जाता है। यदि यह सूचना गलत और भ्रामक पाई जाती है, तो 3-4 घंटे में इसे हटवाने या अग्रिम कार्रवाई हेतु भारत निर्वाचन आयोग को क्लिकेबल लिंक के साथ भिजवायी जाती है। इस प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और त्वरित बनाने के लिए राज्य का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है। इस ग्रुप में जिला और राज्य स्तर पर फेक्ट चेक के लिए गठित कमेटियों के नोडल अधिकारी और उनकी टीम के सदस्य शामिल हैं जो इस तरह के समाचारों पर त्वरित कार्यवाही करती है। 

जिला स्तरीय समिति

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सभी जिलो में जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी के समन्वय में सोशल मीडीया एवं फैक्ट चैक टीम जिला स्तर के सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स, स्थानीय न्यूज चैनल्स, स्थानीय समाचार पत्र एवं अन्य स्त्रोतों पर प्रसारित एवं प्रकाशित सूचनाओं का सूक्ष्मता से विश्लेषण करती है एवं आवश्यकतानुसार कार्यवाही  के लिए राज्य स्तरीय समिति को प्रस्तुत करते है।

फेक न्यूज पर लगाम, पुलिस कर रही साकार

गुप्ता ने बताया कि सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली फेक न्यूज, गलत और भ्रामक सूचनाओं पर लगाम लगाने के लिए राज्य निर्वाचन विभाग ने नवाचार किया है। लोकसभा आम चुनाव-2024 के मद्देनजर फेक्ट चेक लिए निर्वाचन विभाग और पुलिस द्वारा साझा प्रयास किया जा रहा है। स्थानीय स्तर तक मॉनिटरिंग के लिए प्रदेशभर में करीब 80 पुलिस अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। राज्य स्तर पर पुलिस महानिरीक्षक श्री शरत कविराज को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिलों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। यह अधिकारी भारतीय दंड संहिता और न्यायालयों के निर्णयों के अनुसार इन प्रकरणों में कार्यवाही करेंगे।

News-चुनाव आयोग के मोबाइल एप मतदाता के लिए बने मददगार
 
भीलवाड़ा, 26 मार्च। लोकतंत्र के पर्व  में­ मतदाताओं की ज्यादा से ज्यादा भूमिका तय करने के लिए चुनाव आयोग नई तकनीक का सहारा ले रहा है। आयोग की ओर से मतदान बढ़ाने के लिए विभिन्न एप का प्रयोग किया जा रहा है। र्निभिक व निष्पक्ष मतदान के लिए चुनाव आयोग मतदाताओं की शिकायतों का तुरंत निराकरण करने से लेकर मतदाताओं को वोट का महत्व बताने तक सभी उपाय करने में जुटा है। चुनाव आयोग मतदाताओं को जागरूक करने के लिए एप का सहारा लेगा। इन एप के जरिए मतदाताओं को चुनाव संबंधी जानकारी ऑनलाइन प्राप्त हो सकेगी। ये एप युवा मतदाताओं के लिए कारगार साबित हो रहे हैं।

सी विजिल

सी विजिल एप निर्वाचन अवधि के दोरान आदर्श आचार संहिता का उल्लघन की रिपोर्ट करने  के लिए नागरिको के लिए एक मोबाइल एप है। अगर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किसी भी प्रकार से हो रहा है, तो एप के माध्यम से प्रशासन को सूचना दी जा सकती है। इसमें­ वीडियो और ऑडियो की सुविधा भी है। इसमें­ शिकायत के बाद 100 मिनट के अंदर निवारण होगा।

केवाईसी

इस एप का मतलब है नो योर कंडिडेट। इसमें मतदाता अपने उम्मीदवार की सारी जानकारी प्राप्त कर सकता है। उम्मीदवार कितना पढ़ा हुआ है या फिर उसके पास प्रोपर्टी कितनी और उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी हासिल की जा सकती है।

सुविधा कैंडिडेट

पहले उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को उनकी उम्मीदवारी और अनुमति की स्थिति के बारे में­ केवल कागज के माध्यम से सूचित किया जाता था। सूचना देने का कोई ऑनलाइन तरीका नहीं था और उम्मीदवार को अपनी अनुमतियों का विवरण प्राप्त करने के लिए कार्यालय का दौरा करना पड़ता था। यह एप उम्मीदवारों को उनके नामांकन और चुनाव प्रचार आदि से संबंधित चाही गई अनुमति की स्थिति की जांच करने की सुविधा देता है। उम्मीदवार अब जमा किए गए आवेदनों की लाइव स्थिति प्राप्त कर सकते हैंं। उम्मीदवार मोबाइल ऎप का उपयोग करके अपने जमा किए गए आवेदनों की स्थिति की जांच और ट्रैक कर सकते हैं। अनुमति मिलने के पश्चात डाउनलोड भी कर सकते है, जो आवेदन प्रसंस्करण में­ बहुत सहायक है। एप्लिकेशन ईसीआई की पारर्दशिता पहल को बढ़ावा देता है। उम्मीदवार को वास्तविक समय के आधार पर पता चल जाता है कि उनका आवेदन अस्वीकार कर दिया गया है या स्वीकार कर लिया गया है।

वोटर हैल्प लाइन

इस एप में­ मतदाता सूची में नाम जोडऩे, नाम, पता संशोधन करने, नाम हटाने, वोटर आईडी को आधार से लिंक करने, मतदाता सूची में नाम खोजने, मतदान केन्द्र विवरण, ऎपिक डाउनलोड करने की सुविधा हैं। इससे व्यक्ति अपनी वोटर आईडी घर बैठे प्राप्त कर सकता है। वोटर आईडी में­ संशोधन कर सकता है। इसम­ दिए गए विकल्प के अनुसार आवेदन करना होगा।

सक्षम

विशेष योग्यजन नागरिकों की सुविधा के लिए है। इसके माध्यम से दिव्यांग पंजीकरण और संशोधन करा सकते हैं। व्हील चेयर के लिए आवेदन मतदाता सूची में­ नाम खोजने, बूथ की जानकारी कर सकते हैं। इसके साथ ही दिव्यांग को घर बैठे वोट देने की सुविधा भी दी जा रही हैं।

वोटर टर्नआउट

इस एप के माध्यम से आमजन मतदान दिवस के दिन समय समय पर मतदान प्रतिशत देख सकते हैं तथा यह एप नागरिकों तक अनुमानित मतदान रुझान का प्रसार सुनिश्चित करता है तथा मीडिया हाउसों को मोबाइल ऎप पर अनुमानित मतदान प्रतिशत आसानी से मिल जाता है।