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Bhilwara:ITI में प्रवेश के लिए ऑनलाइन फार्म आमंत्रित

भीलवाड़ा ज़िले से संबंधित खबरे Udaipur Times पर 

 

News-ITI में प्रवेश के लिए ऑनलाइन फार्म आमंत्रित

भीलवाडा, 08 जुलाई 2025। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, भीलवाड़ा में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए है। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के उपनिदेशक (प्रशिक्षण) सुरज पंवार ने बताया कि सत्र 2025-26/27 में राज्य की समस्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में एनसीवीटी व एससीवीटी के अंतर्गत विभिन्न व्यवसायों में प्रवेश के लिए राज्य स्तरीय केंद्रीकृत ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया द्वारा प्रवेश के लिए आवेदन-पत्र आमंत्रित किए गए है। 

इच्छुक अभ्यर्थी राज्य सरकार के एकीकृत एसएसओं पोर्टल अथवा ई-मित्र कियोस्क के माध्यम से ऑनलाइन फॉर्म भर सकते है। ऑनलाइन आवेदन फार्म भरने के लिए अंतिम तिथि 10 जुलाई है। प्रवेश के लिए अभ्यर्थी की आयु 01 सितम्बर 2025 को 14 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। अस्थाई मेरिट लिस्ट 15 जुलाई 2025 को जारी की जाएगी। संस्थान प्रबन्धन समिति सीटों पर संबंधित संस्थानो में संस्थान स्तर पर प्रवेश तिथि 18 जुलाई रहेगी। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, भीलवाड़ा में स्वीकृत व्यवसायों में प्रवेश होना प्रस्तावित है। अधिक जानकारी के लिए मोबाईल नं. 9929457862 व 9413054225 पर सम्पर्क कर सकते है।

News-राज्यपाल हरीभाऊ बागड़े का एक दिवसीय भीलवाड़ा दौरा

भीलवाड़ा, 8 जुलाई। राजस्थान के महामहिम राज्यपाल हरीभाऊ बागड़े ने कहा कि चातुर्मास आत्मशुद्धि, संयम और सामाजिक सद्भाव का विशेष काल है, जिसमें साधु-संत एक स्थान पर ठहरकर साधना, ध्यान और तपस्या करते हैं तथा समाज को नैतिक मूल्यों की शिक्षा देते हैं। यह बात उन्होंने मंगलवार को आध्यात्मिक चातुर्मास महोत्सव समिति भीलवाड़ा के तत्वावधान में सुभाष नगर स्थित जैन स्थानक में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में आमजन को संबोधित करते हुए कही।

राज्यपाल ने कहा कि जैन धर्म जीवदया, अहिंसा और आत्मशुद्धि का प्रतीक है तथा चातुर्मास के माध्यम से इन मूल्यों को जनमानस तक पहुँचाया जाता है। उन्होंने कहा कि सच्चा साधु वही है जो समाज के कल्याण के लिए कार्य करता है और दूसरों के हित में किया गया कार्य ही सच्ची सिद्धि है। यह परंपरा भगवान महावीर के काल से चली आ रही है, जिसका उद्देश्य समाज में नैतिक जागरूकता और आध्यात्मिक चेतना जागृत करना है।

राज्यपाल बागड़े ने कहा कि चातुर्मास के दौरान दिए जाने वाले प्रवचन व्यक्ति के अंतर्मन को जागृत करते हैं और समाज में सकारात्मक सोच का संचार करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को मिटाने के अनेक प्रयास इतिहास में हुए, लेकिन इसकी गहराई और मूल्यों के कारण यह संस्कृति आज भी अक्षुण्ण बनी हुई है।

अपने संबोधन में राज्यपाल ने नवीन शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नीति बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास के साथ-साथ उनके नैतिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों के संवर्धन पर बल देती है। उन्होंने कहा कि नवीन शिक्षा नीति के माध्यम से ऐसे शिक्षाविद तैयार होंगे, जो आधुनिक ज्ञान के साथ भारतीय सांस्कृतिक विरासत को भी आत्मसात करेंगे। राज्यपाल श्री बागड़े ने मंच पर विराजित जैन साध्वियों से आशीर्वाद प्राप्त किया और उनके द्वारा समाज को दिए जा रहे आध्यात्मिक मार्गदर्शन की सराहना की।

राज्यपाल के दौरे के दौरान कार्यक्रम स्थल एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन द्वारा समुचित तैयारियां की गई थीं। जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू के निर्देशानुसार सुरक्षा, यातायात, भीड़ प्रबंधन एवं अन्य सभी व्यवस्थाओं के लिए पर्याप्त प्रबंध सुनिश्चित किए गए थे, जिससे कार्यक्रम सुव्यवस्थित रूप से संपन्न हुआ।

इस अवसर पर मध्यप्रदेश सरकार के नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद दामोदर अग्रवाल, भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी, मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल, आसींद विधायक जब्बर सिंह सांखला, चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, महापौर राकेश पाठक, जनप्रतिनिधि प्रशांत मेवाड़ा, पूर्व विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी सहित अनेक जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।