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समस्या से जूझ रहे नेत्रहीन छात्र ने रोडवेज पर लगाए आरोप, रोडवेज प्रबंधक ने किया इंकार

पलोदारा निवासी नेत्रहीन छात्र मांगीलाल का मामला

 

एक सामान्य व्यक्ति के लिए इस संसार में अनेक रंग हैं, लेकिन नेत्रहीन लोगों के लिए यह दुनिया काफी चुनौतीपूर्ण है। रोजाना की दिनचर्या में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है । भारत में कुछ लोग जन्म से ही नेत्रहीन होते हैं, तो कुछ बाद में दुर्घटनावश हो जाते हैं। नेत्रहीन लोगों के कल्याण के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। 

हम में से ज्यादातर लोगों को नेत्रहीन व्यक्ति की समस्याओं और चुनौतियों को समझना चाहिए।  ना कि उनके साथ दुर्व्यवहार करना चाहिए। दरअसल हमे अपनी इसी सोच को बदलने की ज़रूरत है। अगर हम यह मान कर चले की नेत्रहीन दिव्यांग भी समाज की उपयोगी उत्पादक इकाई है, तो शायद हम उनके बारे में सोचेंगे। 

इसी तरह आज हम आपको एक दृष्टिबाधित व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे है । जिन्हें रोडवेज बस में ट्रेवल करते समय कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है । मांगीलाल बुनकर बचपन से ही नेत्रहीन है। और मूल रूप से वे पलोदारा गावं के रहने वाले है और वे माणिक्या लाल वर्मा श्रमजीवी कॉलेज एल.एल.बी 1st इयर के छात्र है । जिन्हें पिछले 6 महीने से रेगुलर क्लासेस अटेंड करने के लिए पलोदारा से उदयपुर आना पड़ता है। और उन्हें रोडवेज राजस्थान परिवहन में ट्रेवल करते है, उन्हें कई बार  परेशानियों का सामना करना पड़ता है । 

मांगीलाल बताते है की उन्हें परिवहन परिचालक उन्हें उनके स्थानीय जगह पर नही उतारते है इसी वजह से वे रात को 8:00 बज़े अपने घर पहुचते है। साथ ही इनके साथ दुर्व्यवहार भी करते है। मांगीलाल ने दो बार डीपो में शिकायत की परन्तु अभी तक इनकी समस्या का कोई समाधान नही हुआ है। 

मांगीलाल कहते है की जो कंडक्टर दिव्यांगो और सामान्य व्यक्ति में भेदभाव करते है उसे रोका जाए, हमारे जो अधिकार है उसके अनुसार हमें सुविधा मिलनी चाहिए। कथित रूप से मांगीलाल ने रोडवेज डिपार्टमेंट के मुख्य प्रबंधक महेश उपाध्यय को भी अपनी समस्या बताई। 

उदयपुर टाइम्स टीम ने इस मुद्दे को लेकर रोडवेज के मुख्य प्रबंधक महेश उपाध्यय से बात की तो उन्होंने ऐसी किसी भी बात से इंकार कर दिया। उन्होंने  कहा की मांगीलाल द्वारा लगाए गये सभी आरोप गलत है। उन्होंने बताया की पूर्व में मांगीलाल ने इस मामले को लेकर उनसे बात की थी और अवगत करवाया था , जिस पर उन्होंने भविष्य में इस तरह की समस्या होने पर तुरंत उनको फ़ोन कर इसकी जानकारी देने की बात भी कही थी। लेकिन उसके बाद मांगीलाल ने उनसे कोई सम्पर्क नही किया।