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विदेशो से ऑपरेट होने वाली 100 से ज्यादा वेबसाइट ब्लॉक 

ऑनलाइन फ्रॉड पर सरकार की सख्ती 

 

8 दिसंबर। अवैध निवेश को बढ़ावा देने और पार्ट टाइम जॉब के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में सरकार ने 100 से ज्यादा वेबसाइट्स बैन कर दी हैं। ये विदेशों से ऑपरेट की जा रही थीं।

100 वेबसाइट को ब्लॉक करने की हुई थी सिफारिश

गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर से जुड़ी नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट (NCTAU) ने टास्क आधारित और यूट्यूब वीडियो लाइक के नाम पर पार्ट टाइम जॉब ऑफर करने वाली 100 से ज्यादा वेबसाइट्स की पहचान कर इन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। 

आधिकारिक बयान के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी कानून, 2000 के तहत अपने अधिकार का इस्तेमाल कर इन वेबसाइट्स को बैन कर दिया। इनका संचालन करने वाले लोग धोखाधड़ी के लिए गूगल और मेटा पर डिजिटल विज्ञापन, चैट मैसेंजर के साथ फर्जी खातों का इस्तेमाल कर रहे थे। यह भी पता चला कि बड़े पैमाने पर आर्थिक धोखाधड़ी से प्राप्त आय को कार्ड नेटवर्क, क्रिप्टो मुद्रा, विदेशी एटीएम निकासी और अंतरराष्ट्रीय फिनटेक कंपनियों का उपयोग करके भारत से बाहर भेजा गया था। 

ऐसे होती है ठगी

ऑनलाइन ठगों के निशाने पर सेवानिवृत्त कर्मचारी, महिलाएं और बेरोजगार युवा ज्यादा हैं, जो शॉर्ट टर्म नौकरियों की तलाश में रहते हैं। ठगी करने वाली वेबसाइट रिव्यू के बाद यूजर से लिंक और स्क्रीनशॉट मांगती हैं। यूजर को भुगतान हासिल करने के लिए एक टेलीग्राम नंबर पर रिव्यू का स्क्रीनशॉट शेयर करने और कोड बताने को कहा जाता है। इसके जरिए लोगों से बैंक खाते और अन्य जानकारी लेने के बाद ठगी शुरू हो जाती है।

इस वेबसाइट पर जाकर दर्ज करें शिकायत

  • नागरिकों को यह भी सलाह दी जा रही है कि वे ऐसे धोखेबाजों द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन नंबरों और सोशल मीडिया हैंडल की तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
  • विदेशी विज्ञापनदाताओं द्वारा कई भाषाओं में "घर बैठे नौकरी", "घर बैठे कमाई कैसे करें" आदि जैसे प्रमुख शब्दों का उपयोग करके Google और मेटा जैसे प्लेटफार्मों पर लोगों को लालच देने के लिए कई तरह के विज्ञापन चलाए जाते हैं।इसके टारगेट पर ज्यादातर सेवानिवृत्त कर्मचारी, महिलाएं और नौकरी की तलाश कर रहे बेरोजगार युवा होते हैं।
  • यूपीआइ ऐप में दिए रिसीवर के नाम को वेरिफाई करें। अगर रिसीवर कोई रेंडम व्यक्ति है तो धोखाधड़ी वाला अकाउंट हो सकता है।
  • पैसा लेने वाले सोर्स की भी जांच करें। अज्ञात खातों से लेन-देन करने से बचें, क्योंकि ये मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक फंडिंग में शामिल हो सकते हैं। ऐसे खाते पुलिस ब्लॉक कर सकती है।
  • ज्यादा कमीशन देने वाली ऑनलाइन योजनाओं में पैसा लगाने से पहले उसके बारे में जानना-समझना चाहिए। कोई अज्ञात व्यक्ति वॉट्सऐप या टेलीग्राम पर संपर्क करे तो बिना वेरिफिकेशन पैसे के लेन-देन से बचें।