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बोहरा यूथ ने किया वसीम रिज़वी के घृणित कार्य का विरोध 

 दाऊदी बोहरा समाज ने वसीम रिज़वी के खिलाफ विरोध जताते हुए वसीम रिज़वी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की गई। 

 

वसीम रिज़वी के घृणित कार्य का इस्लामी जगत में हो रहा है घोर विरोध हो रहा है

उदयपुर।  पिछले कुछ दिनों से उत्तरप्रदेश के वसीम रिज़वी ने पवित्र ग्रंथ कुरआन की आयतो को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसका इस्लामी जगत में घोर विरोध हो रहा है।  इसी कड़ी में सुधारवादी बोहरा समुदाय से सम्बंधित दाऊदी बोहरा समाज ने वसीम रिज़वी के खिलाफ विरोध जताते हुए वसीम रिज़वी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की गई। 

दाऊदी बोहरा जमात के सचिव ज़ाकिर पंसारी ने कहा की 'जैसा कि मीडिया से पता चलता है की कुछ दिन पहले वसीम रिज़वी नामक एक व्यक्ति ने माननीय उच्चतम नयायालय में एक याचिका दर्ज कर पवित्र कुरआन मजीद की 26 आयात करीमा को मुसलमानों के इस पवित्र ग्रन्थ से बाहर निकालने की प्रार्थना की हे।"

सेंट्रल बोर्ड ऑफ दाऊदी बोहरा कम्युनिटी के चेयरमैन कमांडर मंसूर अली बोहरा के अनुसार 'इस व्यक्ती का यह कृत्य इस्लाम धर्म के शत्रूओं को प्रसन्न करने, स्वयं का प्रचार करने, समुदायों में तनाव पैदा करने के साथ साथ विश्व के 160 करोड़ मुसलमानों की दिल आज़ारी की गरज़ से किया गया घिनौना प्रयास है।' 

दाऊदी बोहरा जमाअत उदयपुर, सेंट्रल बोर्ड ऑफ दाऊदी बोहरा और बोहरा युथ संस्थान अपने सभी सदस्य गनों के साथ वसीम रिज़वी और उसके इस प्रयास की घोर निंदा करते हैं एवं मांनीयय उच्चतम न्यायालय से प्रार्थना करते हैं कि इस याचिका को निंदनीय घोषित करते हुए खारिज करें एवं इस वयक्ति पर ऐसी कठोर कारवाही का आदेश देवें जिससे भविष्य में कोई भी व्यक्ती किसी भी धार्मिक ग्रन्थ के लिए ऐसे  घृणित कार्य का दुस्साहस न करें।