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सावधान! यूज़ करते है मोबाइल तो बढ़ सकता है कोरोना का खतरा 

मोबाईल स्क्रीन पर 28 दिन तक जिंदा रहता है कोरोना वायरस

 
करंसी नोट और कांच पर कोरोना वायरस दो या तीन दिन तक जीवित रहता है जबकि प्लास्टिक और स्टेनस्टील की सतह पर छः दिन तक जीवित रह सकता है। 

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस अपना जाल तेज़ी से फैला रहा है।  हमारे उदयपुर जिले की ही बात केरे अक्टूबर माह में ही कोरोना के 1307 मामले सामने आ चुके है। उदयपुर जिले में अब तक कोविड के 5793 केस सामने आ चुके है। अभी तक वैक्सीन का कहीं ईजाद भी नहीं हुआ।  हालाँकि वैक्सीन को लेकर भारत समेत विश्व में खूब रिसर्च भी हो रही है वहीँ कोरोना संक्रमण के फैलने के कारणों की भी कई थ्योरी सामने आ रही है।  

अधिकतर मामले में संक्रमण फैलने का मुख्य कारण लोगों की खांसी, छींक, या फिर बात करते समय मुंह से निकले थूक के बारीक कणों से संक्रमण फैलने का खतरा सामने आया है। लेकिन अब आपको बता दे कि कोरोना वायरस का संक्रमण करंसी नोट, आपके मोबाइल फोन की स्क्रीन और स्टेनलेस स्टील से भी कोरोना वायरस फ़ैल सकता है।  

कुछ सर्वे रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल फोन की स्क्रीन पर कोरोना वायरस 28 दिन तक जिंदा रहता है। कुछ जानकारों का मानना है कि सक्रंमण 28 दिनों तक चिकनी सतह पर रहता है। और ठंडे वातावरण और अंधेरे में कोरोना वायरस ज्यादा समय तक एक्टिव रहता है। वहीं गर्मियों में कोरोना वायरस की दर कम हो जाती है। करंसी नोट और कांच पर कोरोना वायरस दो या तीन दिन तक जीवित रहता है जबकि प्लास्टिक और स्टेनस्टील की सतह पर छः दिन तक जीवित रह सकता है। 

ऐसे में संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए नियमित रूप से हाथ धोने और टचस्क्रीन को धोने या सैनिटाइज़ करने की ज़रूरत है। साथ ही संक्रमण के ख़तरे को कम करने के लिए हमें अपना चेहरे को छूने से बचना चाहिए। ऐसे में हम इस कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोक सकते है। बाहर से लाए गए प्लास्टिक की चीज़ो से संभल कर रहने की जरुरत है। स्टील के बर्तन का उपयोग करने से पहले उसे अच्छे से साफ कर लें। किचन की नियमित रुप से सफाई करे।

Article By Alfiya Khan