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CMHO विवाद- उदयपुर में हो गए है दो-दो CMHO

बड़ा प्रश्न  डीडीओ पावर (आहरण-वितरण अधिकार) किसके पास होगा ?

 

उदयपुर में अब दो सीएमएचओ हो गए। डॉ. अशोक आदित्य 5 दिन पहले राजस्थान सरकार के आदेश से सीएमएचओ बने थे। वहीं, मंगलवार देर शाम डॉ. शंकर बामणिया ने हाईकोर्ट से स्टे लेकर वापस सीएमएचओ की कुर्सी संभाल ली। 

हाईकोर्ट स्टे लेकर डॉ. बामणिया 10 से 15 समर्थकों के साथ ज्वाइन करने पहुंचे। तब दफ्तर में सीएमएचओ की कुर्सी पर डॉ. आदित्य बैठै हुए थे। डॉ. बामणिया ने उन्हें कुर्सी से खड़ा किया और खुद बैठ गए। डॉ. आदित्य को अपनी कुर्सी से उठकर पास की कुर्सी पर बैठना पड़ा। फिर डॉ. बामणिया के साथ आए लोग उनका स्वागत करने लगे। 

खास बात ये है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी हुई है। ऐसे में तबादलों को लेकर कोई बदलाव नहीं हो सकता। ऐसे में टीकाकरण जैसे विभाग के महत्वपूर्ण कार्य को लेकर आरसीएचओ का पद भी रिक्त रहेगा।

डॉ. बामणिया को 5 दिन पहले हटाकर डॉ. आदित्य को बनाया था सीएमएचओ

6 दिन पहले आचार संहिता से पूर्व राज्य सरकार ने डॉ. बामणिया को सीएमएचओ पद से हटाकर आरसीएचओ के पद पर तबादला किया था। वहीं आरसीएचओ डॉ. अशोक आदित्य को सीएमएचओ बनाया गया था।

इधर, डॉ. बामणिया ने आरसीएचओ पद पर ज्वाइन नहीं किया था। वे स्टे लिए हाईकोर्ट की शरण में चले गए थे। ऐसे में डॉ. बामणिया को स्टे मिल गया और उन्होंने वापस इस पद पर ज्वाइन कर लिया। वहीं, डॉ. अशोक आदित्य भी राज्य सरकार के आदेशानुसार सीएमएचओ बने हुए हैं।

डीडीओ पावर को लेकर दोनों में हो सकता है विवाद

ब बड़ा सवाल ये है कि डॉ. आदित्य अब कहां बैठेंगे और दोनों के जिम्मे क्या-क्या काम होगा। सीएमएचओ कक्ष में बैठेंगे तो दोनों में विवाद की आशंका रहेगी। इसमें सबसे अहम बात ये है आखिर डीडीओ पावर (आहरण-वितरण के अधिकार) किसके पास होगा। सरकारी आदेश के तहत डीडीओ पावर डॉ आदित्य के पास है लेकिन ज्वाइनिंग के साथ ही डॉ. बामणिया ने खुद अपने साइन से एक लेटर जारी कर दिया। जिसमें लिखा है कि हाईकोर्ट के आदेश पर उन्होंने खुद ज्वाइन किया। सभी पत्र व्यवहार और वित्तीय कार्य उनके द्वारा ही किए जाएंगे।