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142 सांसदों के निलंबन के खिलाफ कांग्रेस ने किया कलेक्टरी पर प्रदर्शन 

सभी सांसदों के निलंबन को निरस्त करने की मांग की 

 

गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की 

उदयपुर,22.12.23- शहर और देहात कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने दोनों सदनों से विपक्ष के 146 सांसदों को सस्पेंड करने के विरोध में प्रदर्शन किया और केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

शहर जिलाध्यक्ष फतहसिह राठौड़ और देहात अध्यक्ष कचरूलाल चौधरी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाजपा हटाओ देश बचाओ, मोदी तेरी तानाशाही- नहीं चलेगी के नारे लगाए।

मावली विधायक पुष्कर लाल डांगी, वल्लभनगर पूर्व विधायक प्रीति गजेंद्र सिंह शक्तावत, प्रदेश कांग्रेस महासचिव एवं महाराणा प्रताप बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लाल सिंह झाला, प्रदेश कांग्रेस महासचिव गोपाल शर्मा, प्रदेश महासचिव सुरेश सुथार, प्रदेश महासचिव सुरेश श्रीमाली, प्रदेश महासचिव पंकज शर्मा भी शामिल हुए।

कांग्रेस शहर जिलाध्यक्ष फतह सिंह ने कहा की हालही में देश की संसद भवन की सुरक्षा में हुई सेंध के बाद करीब 142 सांसदो को इस घटना के खलाफ आवाज उठाने के चलते निलंबित किया गए, जिसकी निंदा करते हुए INDIA गठबंधन के बैनर तले देश भर में इतनी बड़ी संख्या में सांसदो के निलंबन के खिलाफ आज प्रदर्शन किया गया जिसको समर्थन देते हुए उदयपुर में भी प्रदर्शन किया गया है। 

सिंह ने कहा की इसके प्रदर्शन के जरिये कांग्रेस ये मांग करती है जो तानाशाही निर्णेय लिया गया है उसे तुरंत वापस लिया जाए और सभी निलंबित सांसदों  का निलंबन निरस्त किया जाए। 

इस अवसर पर बात करते हुए कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव शंकर लाल चौधरी ने कहा की शुक्रवार को INDIA गठबंधन के सभी मेंबर्स द्वारा प्रदर्शन किया जा कर विरोध दर्ज करवाया गया। 

उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा की  पार्लियामेंट्री सिक्योरिटी में हुई लापरवाही की जवाब देहि से बचने के लिए मोदी गवर्नमेंट द्वारा जो 150  के करीब सांसदों को ससपेंड किया है वो निंदनीय है इसके खिलाफ पुरे देश में विदोह किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा की उनके द्वारा राष्ट्रपति से आग्रह किया जा रहा है की तुरंत दोनों सभापतियों को निर्देश देकर निलंबन को निरस्त किया जाए,उन्होंने कहा की संसद भवन में जो घटना हुई वह एक बड़ी चूक है। इसलिए इसको लेकर गृह मंत्री का इस्तीफा लिया जाए।