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स्थाई लोक अदालत ने बड़गांव बीडीओ और ग्राम सचिव को स्थाई नाली निर्माण का दिया आदेश

3 महीने के अंदर अंदर नाली निर्माण के स्थाई समाधान नहीं होने पर दोनों विपक्षियों से प्रतिदिन 2-2 हजार रुपये हर्जाना राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोष में जमा कराने होंगे 

 

झीलों की नगरी उदयपुर में नाली निर्माण के स्थाई समाधान को लेकर स्थाई लोक अदालत उदयपुर ने एक अहम फैसला सुनाया है। दरअसल बड़गांव ग्राम पंचायत के पालड़ी गांव में प्रार्थिया आशादेवी शर्मा के मकान के बाहर नाली नहीं होने से जिम्मेदारों को कई बार अवगत कराया गया। इस पर ग्राम पंचायत की ओर से कोई समाधान भरा कदम नहीं उठाकर प्रार्थिया की समस्या को नजरअंदाज किया गया। 

थक हार कर प्रार्थिया ने वर्ष 2018 में अपने विधि विशेषज्ञ से राय लेकर कोर्ट की शरण ली और स्थाई लोक अदालत में बड़गांव बीडीओ और ग्राम सचिव के खिलाफ एक वाद दायर किया। 

कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए वर्ष 2019 में अपना फैसला सुनाया और विपक्षी पक्षकारों के खिलाफ अवार्ड जारी किया। इसके तहत 3 महीने के अंदर अंदर नाली निर्माण के स्थाई समाधान नहीं होने पर दोनों विपक्षियों से प्रतिदिन 2-2 हजार रुपये हर्जाना राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोष में जमा कराने तीन हजार रुपये परिवाद व्यय पृथक रूप से दोनों की ओर से प्रार्थिया के हक में देना उत्तरदायी मानते हुए अंतिम फैसला सुनाया। 

इसी दौरान विपक्षियों ने बताया कि मई 2021 में नाली का निर्माण किया जा चुका है जो कि अस्थाई समाधान होकर न्यायालय के आदेश के विपरीत था। प्रार्थी के अधिवक्ता ने आदेश की पालना कराने हेतु स्थाई लोक अदालत में आवेदन किया जिस पर यह फ़ाइल सिविल कोर्ट दक्षिण क्रम संख्या एक में ट्रांसफर कर दी जहां दोनों ही विपक्षियों के खिलाफ वसूली वारंट चल रहे है। 

आपको बता दे कि कोर्ट के आदेश के बाद यह राशि अब तक करीब 40 लाख 3 हजार रुपये हो चुकी है और मौके पर आज भी वही स्थिति है। सम्भवतया इस तरह का प्रदेश में यह पहला मामला होगा जिसमें कोर्ट के आदेश की पालना में हर्जाना राशि की रकम विपक्षियों को जमा करानी होगी।