नलकूप से दूषित पानी की शिकायत पर पहुचे एडीजे रह गये दंग
मौके पर स्थिति देखी तो ट्यूबवेल से हरा पानी निकलता मिला
अम्बामाता घाटी तितरड़ी स्थित केमिकल फैक्ट्री के आसपास रिहायशी क्षेत्र में ट्यूबवेल से दूषित पानी आने की शिकायत पर एडीजे मौके पर पहुंचे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव व एडीजे के साथ क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अधिकारी साथ थे। मौके पर स्थिति देखी तो ट्यूबवेल से हरा पानी निकलता मिला।
प्राधिकरण सचिव व एडीजे कुलदीप शर्मा के निर्देश पर विभाग ने पानी के नमूने लिए। कार्रवाई करते हुए समस्या के निस्तारण के निर्देश दिए। कहा कि तितरड़ी व अम्बामाता घाटी क्षेत्र की कॉलोनियों में संचालित फैक्ट्रियों का सर्वे करवाकर रिपोर्ट प्राप्त होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने क्षेत्र में नगर निगम के कचरा निस्तारण केन्द्र का भी निरीक्षण कर स्वच्छता के निर्देश दिए। इस तरह की शिकायतें शहर के अन्य क्षेत्रों से भी मिलती रही है।
औद्योगिक इकाइयों की ओर से केमिकल युक्त पानी खुले में और क्षेत्रीय नदी-नालों में बहाने का आरोप भी लगाया जाता रहा है। इसी का नतीजा है कि शहर के करीब स्थित उदयसागर झील का पानी पूरी तरह से दूषित हो गया है। इस झील के आसपास के क्षेत्र में स्थित गांवों में भूजल भी दूषित ही आता है। ऐसे में आमजन के लिए पेयजल का भी संकट बना हुआ है।
ग्रामीण सरकारी जलापूर्ति के भरोसे ही जीवन व्यतित कर रहे हैं। बाकी गांव में स्थित कुएं, बावड़ियां और नलकूप से लिया गया पानी पीने योग्य नहीं होता। वजह ये कि समूचे क्षेत्र में भूजल दूषित हो चुका है। इसका बड़ा कारण आयड़ नदी के माध्यम से सीवरेज का पानी उदयसागर झील में मिलना और औद्योगिक इकाइयों के केमिकल युक्त पानी को भूगर्भ में छोड़ा जाना माना जा सकता है।