{"vars":{"id": "74416:2859"}}

रामदेव की कोरोनिल पर छिड़ा विवाद 

कोरोनिल के प्रमोशन पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने माँगा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से स्पष्टीकरण 

 

पहले भी विवादों में रह चुकी है बाबा की दवा 

देश में कोरोना की नई लहर के चलते महाराष्ट्र और केरल में जहाँ मरीज़ो की संख्या बढ़ रही है।  वहीँ महाराष्ट्र के यवतमाल और अमरावती में लॉकडाउन और मुंबई में नाइट कर्फ्यू और वेक्सिनेशन के दौर के बीच एक बार फिर बाबा रामदेव की कोरोनिल विवादों के घेरे में है। 

इस बार बाबा रामदेव की वजह से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन भी विवादों में फंसते नज़र आ रहे है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन द्वारा रामदेव की कम्पनी पतंजलि की कोरोनिल दवा का प्रमोशन करने पर पर विवाद खड़ा हो गया है। 

देश के डॉक्टरों के सबसे बड़े संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने मंत्री से स्पष्टीकरण माँगा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ जयलाल ने सोमवार को कहा की "यह अनैतिक और गलत है। देश के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा इस तरह के झूठे, गढ़े हुए, अवैज्ञानिक उत्पाद को लांच करना सही नहीं ठहराया जा सकते है। मंत्री खुद एक डॉक्टर है। उन्होंने भारतीय चिकित्सा परिषद् (एमसीआई) के नियमो को तोडा है। "

कोरोनिल को लेकर विवाद तब गहराया जब रामदेव ने दावा किया था की उनकी तथाकथित दवा CoPP-WHO GMP प्रमाणित है। जबकि WHO ने ट्वीट कर साफ़ बता दिया था की उसने ऐसी किसी भी दवा को प्रमाणित नहीं किया है और न ही समीक्षा की है। CoPP का मतलब सर्टिफिकेट ऑफ़ फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट होता है। 

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ जयलाल ने अनुसार पतंजलि की ओर से WHO और GMP का नाम का सहारा लेकर भ्रम पैदा करने की कोशिश की गई है की उनका तथाकथित उत्पाद WHO से प्रमाणित है। 

Source- Jansatta/Bhaskar