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झीलों और नदियों में क्रूज़ होटलों को नहीं दी जाए मंजूरी

क्रूज़ पेयजल की गुणवत्ता तथा इको सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचायेगा

 

पर्यावरण प्रेमियों ने पर्यटन मंत्री से किया आग्रह

राजस्थान सरकार पर्यटन को आगे बढ़ाने और पर्यटन के क्षेत्र में रोज़गार के अवसर प्राप्त करने के लिए पर्यटकों के लिए चंबल नदी तथा प्रदेश की की अन्य बड़ी झीलों, तालाबों में हाऊस बोट संचालन की योजना बना रही है। लेकिन इस बात को लेकर पर्यावरण प्रेमियों ने पर्यटन मंत्री से आग्रह किया है कि वे राज्य के जलाशयों व चंबल नदी में क्रूज़ चलाने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करें।

झील संरक्षण समिति के सहसचिव डॉ अनिल मेहता ने कहा कि जो भी झीले पेयजल स्त्रोत है, जहां देशी-विदेशी प्रवासी पक्षी आते है, वहां क्रूज़ पेयजल की गुणवत्ता तथा इको सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचायेगा।

अत: ऐसे स्त्रोतों में क्रूज़ की अनुमति नहीं दी जाए। मेहता ने कहा कि चंबल नदी में भी जिस बिन्दू से पेयजल आपूर्ति के लिए नदी का पानी खिंचा जाता है, उससे न्यूनतम पांच किलोमीटर दूरी तक के नदी मार्ग में क्रूज़ संचालित नहीं होगी।