दाऊदी बोहरा समुदाय ने मनाया इस्लामिक नव वर्ष
मुहरर्म का आगाज़, अगले 10 दिन तक इमाम हुसैन की याद में मजलिसो का सिलसिला
उदयपुर 26 जून 2025। बोहरा समाज ने इस्लामिक नव वर्ष हिज़री सन् 1447 का शुभारम्भ आज गुरुवार 26 जून 2025 से हुआ। बुधवार को नए साल की पूर्व संध्या पर समुदाय के लोगो नें एक दुसरे को नए साल की बधाइयाँ दी तथा पारंपरिक रूप से एक साथ पूरे परिवार ने विभिन्न पकवानों से थाल सजाये और सामूहिक भोज आनंद लिया ।
दाऊदी बोहरा जमात के प्रवक्ता मंसूर अली ओड़ावाला ने बताया कि इसी के साथ आज 26 जून को सैयदी खांजीपीर साहब के उर्स पर सामूहिक नियाज़ व मजलिस का आयोजन किया गया। इसके तहत खांजीपीर स्थित दरगाह पर विशेष सजावट की गयी। इसके साथ ही इस्लाम के पैगम्बर हज़रत मुहम्मद (स.अ.) के नवासे हज़रत इमाम हुसैन (अ.स.) की याद में 10 दिनों तक समुदाय के लोग ग़म व मातम मनाएंगे, जिसमें विविध आयोजनों में कर्बला में हुए शहीदों को याद किया जाएगा। बोहरवाडी और बोहरा समुदाय के विभिन्न मोहल्लो में भी सजावट की गई और सबीले लगाई गई।
26 जून 2025 से शुरू होकर 5 जुलाई 2025 तक 10 दिनों तक प्रत्येक दिन सुबह 11:15 से 1.45 बजे तक वजीहपुरा मस्ज़िद में मुल्ला हाजी पीर अली की सदारत में जनाब अली असगर खिलौना वाला, इमाम हुसैन (अ.स.) की शहादत का बयान किया जाएगा। जबकि रात की मजलिस में जनाब मुदस्सर अली ज़री वाला कर्बला के शोहदाओ के मंज़र एक तक़रीर के ज़रिए पेश करेंगे।
इसी प्रकार दसों दिन तक शाम को 5 से 7 बजे तक रसूलपुरा मस्ज़िद में महिलाओं की मजलिस होगी जिसमें मरसिया ख्वानी के अलावा तकरीरे होंगी। शाम साढ़े सात बजे से रसूलपरा मस्जिद और बोहरवाड़ी स्थित जमात खाने में 10 दिन तक सामूहिक नियाज का आयोजन होगा।
2 जुलाई को इमाम हुसैन की याद में ब्लड डोनेशन कैंप
इमाम हुसैन की याद में 7 मुहर्रम यानि 2 जुलाई, 2025 बरोज़ बुधवार को बोहरा यूथ मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की तरफ से ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया जाएगा।
10 मुहर्रम ( 5 जुलाई 2025) शनिवार को आशूरा मनाया जाएगा। आशूरा के दिन हर वर्ष की तरह परंपरागत अज़ादारी जुलुस बोहरवाड़ी स्थित मोहियदपुरा मस्जिद से वजीहपुरा मस्जिद तक निकाला जाएगा। इसके बाद मकतल का बयाँ जनाब अली असगर खिलौना वाला पढ़ेंगे रात को शाम ए गरीबा की मजलिस के साथ मुहर्रम के 10 दिनों के प्रोग्राम का समापन होगा। मुहर्रम अल हराम के 40 दिनों तक समुदाय की महिलाएं हज़रत इमाम हुसैन शहीदे कर्बला की याद में काले कपड़े पहनती हैं।