भारत में ओमिक्रॉन से पहली मौत उदयपुर में - केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय
चिकित्सा विभाग के अनुसार मौत का कारण कोमोर्बिडीटी डायबिटीज़ मेलिटस, हायपरटेंशन और हाइपोथायरायडिज्म के साथ पोस्ट कोविड निमोनिया था
सरकार ने पुष्टि की कि राजस्थान में मौत को भारत में ओमिक्रॉन मौत के रूप में गिना जाएगा; उदयपुर टाइम्स ने इस ब को अपने पाठकों को पहले भी साझा किया था
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को उदयपुर में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की, जो कोरोनो वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट से हुई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि राजस्थान के उदयपुर के 72 वर्षीय व्यक्ति के नमूनों में ओमीक्रॉन स्ट्रेन की उपस्थिति दिखाई गई है। अग्रवाल ने कहा "सरकार ने पुष्टि की कि राजस्थान में हुई मौत को भारत में ओमीक्रॉन मौत के रूप में गिना गया है। हम कह सकते हैं कि यह भारत में पहली मौत है।"
आपको बता दे कि उदयपुर में ओमिक्रॉन वायरस से 15 दिसम्बर को ओमिक्रॉन संक्रमित हो चुके 73 वर्षीय व्यक्ति की पिछले सप्ताह मौत हो गई थी और उसमें ओमीक्रोन की पुष्टि हुई थी। लेकिन उदयपुर के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने यह मौत का कारण ओमिक्रॉन वेरिएंट से नहीं माना थी। उदयपुर टाइम्स ने 31 दिसम्बर की अपनी खबर में इस बात को उठाया था और समझाया था की क्यूँ इस मृत्यु को ओमीक्रॉन से हुई मृत्यु माना जान चाहिए।
उदयपुर के CMHO डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया था कि बुजुर्ग को कोमोर्बिडीटी डायबिटीज़ मेलिटस, हायपरटेंशन और हाइपोथायरायडिज्म के साथ पोस्ट कोविड निमोनिया था जिसके के कारण उसकी मृत्यु हुई थी। 15 दिसंबर को कोविड पॉज़िटिव मिलने के बाद बुखार, खाँसी और राइनाइटिस जैसे लक्षण के चलते, अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल NIV पुणे भेजा गया। रिपोर्ट में 21 दिसंबर को उन्हें कोविड नेगेटिव पाया गया था। 25 दिसंबर को जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट मिलने के बाद ओमाइक्रोन वैरिएंट पाया गया था।
25 दिसंबर को वह फिर से निगेटिव पाए गए। डबल नेगेटिव होने के बावजूद उन्हें कोमोर्बिडीटी और लक्षण के चलते अस्पताल में ही रखा गया, और 31 दिसम्बर की सुबह उनकी मृत्यु हो गई।