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गबन के आरोप से परेशान युवक की मौत

बैंक कर्मचारियों पर मृतक की पत्नी ने लगाए आरोप, मृतक की पत्नी और बच्चे भटक रहे हैं न्याय को

 

बीते शुक्रवार भूपाल सागर कस्बे में तकरीबन 3 साल से रह रहे एक युवक के ऊपर बैंक के द्वारा लगाए गए आरोप से परेशान रहने से परेशान युवक ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भुपाल सागर पर उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। सूचना मिलने पर भुपाल सागर थाना पुलिस हेड कांस्टेबल कैलाश जाखड़ मृतक के परिजनों की तरफ से दी गई रिपोर्ट पर पोस्टमार्टम करा शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। हालांकि पूरे मामले में लगे हुए आरोप बेहद संगीन दिखाई दे रहे हैं ।

मृतक राकेश वैष्णव की पत्नी निर्मला वैष्णव ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में उसका पति राजसमंद के राजनगर थाना क्षेत्र में रहते हुए वहीं राजसमंद सहकारी भूमि विकास बैंक में कार्यकर्ता था और पिछले तीन वर्षों से वहां से परेशान होकर भोपाल सागर आकर अपने ससुराल में रह रहा था। मृतक की पत्नी निर्मला ने आरोप लगाते हुए कहा कि बैंक के कर्मचारी उसके पति को बहुत परेशान कर रहे थे।

महिला ने कहा कि 2012 में उसका पति राकेश वैष्णव अनुकंपा पर नौकरी लगा था और 2020 में बैंक के कर्मचारियों ने ही उसके पति राकेश पर 2016 में  गबन का आरोप लगाया।

महिला ने बताया कि पूर्व में बैंक में कार्यरत दूसरे कार्मिकों ने हम सलाह होकर किसी कागज पर उसके पति के हस्ताक्षर करवा दिए और सभी ने मिलकर उसे डराया जिससे उसका पति बेहोश हो गया और सभी बैंक कर्मचारी उसे लेकर अस्पताल में भर्ती करवा कर अकेला छोड़कर चले गए। दिन भर राकेश को होश नहीं आने पर महिला को पता नहीं चला और जब उसका पति होश में आया तब उसने बताया कि वह बैंक में बेहोश हुआ था और उसे हृदय संबंधित कुछ परेशानी भी हुई थी।

महिला ने कहा कि बैंक की चाबियां भी बैंक कार्मिकों के पास में थी तो जब उसका पति दो दिन तक अस्पताल में भर्ती था तब बैंक में क्या कुछ नहीं हो सकता है।

हालांकि मृतक राकेश ने मृत्यु से पहले दो से तीन वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड भी किए हैं जिसमें मृतक राकेश 27 जनों के नाम लेते हुए बता रहा है कि उस पर सभी लोग दबाव बना रहे थे कि गबन की राशि का वहां पर ही रजिस्टर में हेर फेर कर उनको सेटल कर ले इस पर राकेश ने मना भी किया था ।

मृतक वीडियो में बता रहा है कि उसने बैंक कर्मचारी से लेकर आला अधिकारियों तक इस बात को पहुंचाया भी था और बार-बार गुहार लगाते हुए वीडियो में मृतक यह भी कह रहा है कि उसे गबन में उसका किसी भी तरह का कोई भी हाथ नहीं है। हालांकि गबन वाला मामला 3 साल पूर्व का बताया जा रहा है परंतु मृतक अपने वीडियो में बार-बार यही बता रहा है कि उसका किसी भी तरह के गबन में कोई भी हाथ नहीं है। वीडियो में मृतक की घबराहट साफ दिखाई दे रही है।

आरोप लगने के बाद से ही मृतक पिछले 3 सालों से अपने ससुराल में रह रहा था यहां पर देखने वाली यह बात है कि 3 साल तक बैंक के अधिकारियों ने किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करते हुए उसको मृतक राकेश को कैसे छोड़ रखा था या फिर यहां यूं कह दे की राकेश वैष्णव उनके लिए सिर्फ एक मोहरा ही था कि जिस पर गबन का आरोप लगाया जा सके और गबन करने वाले सीधे-सीधे बच निकले।

राकेश की मृत्यु के बाद पत्नी और बच्चे इस कदर से दुखी है कि उनका वीडियो देखकर हर कोई रो पड़े। यहां पर सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि क्या 32 लाख का गबन करने वाला व्यक्ति की माली हालत  इतनी खराब हो सकती है क्या ? या राकेश को फसाया जा रहा था ?

राकेश की मृत्यु के बाद उसकी बीवी ने भी उन्हीं सभी 27 लोगों पर आरोप लगाते हुए जंग छेड़ दी है कि अगर उसके पति को न्याय नहीं मिला तो वह अपने बच्चों के साथ आत्महत्या कर लेगी।