शर्मनाक ! गोगुन्दा के नांदेशमा में सड़क पर प्रसव
अस्पताल का मुख्य दरवाजा बंद मिला
उदयपुर 27 अप्रैल 2025। ज़िले के गोगुंदा नांदेशमा क्षेत्र से मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। जहां चलवा गांव निवासी लेरकी पत्नी कमलेश गमेती को, देर रात अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजन उसे तत्काल नांदेशमा स्थित राजकीय अस्पताल लेकर रवाना हुए लेकिन महिला ने बीच रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
जिसके बाद वे गंभीर हालत में महिला व नवजात को अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां अस्पताल का मुख्य दरवाजा बंद मिला, और न ही कोई चिकित्सक अथवा स्टाफ तैनात मिला। महिला दर्द से तड़पती रही और अस्पताल परिसर के बाहर करीब 6 घंटे तक असहनीय पीड़ा झेलती रही। इस दौरान गांव की एक महिला ने नवजात की नाल काटी। अस्पताल में चिकित्सा सुविधा न मिलने से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश फैल गया है।
आक्रोशित ग्रामीणों ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, व ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी को मामले से अवगत कराते हुए, अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर तीखा रोष जताया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर चिकित्सीय सहायता मिलती तो, महिला और नवजात को सुरक्षित माहौल मिल सकता था। लापरवाही के चलते दोनों की जान जोखिम में पड़ गई।
जब इस संबंध में अस्पताल पर पदस्थ चिकित्सक प्रवीण दवे से बातचीत की गई तो, उन्होंने बताया कि वे उदयपुर रहते हैं, जहां उनकी 92 वर्षीय मां की तबीयत खराब रहती है। अस्पताल पर एक नर्सिंग स्टाफ, एक एलटी, और एक फार्मासिस्ट तैनात हैं। वही चिकित्सकों का कहना है कि स्टाफ की भारी कमी के चलते क्षेत्रीय अस्पतालों की हालत, बद से बदतर होती जा रही है, जिस पर शीघ्र ध्यान देना आवश्यक है।