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उदयपुर में वर्चुअल हाईकोर्ट बेंच की मांग 

हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ताओं का काली पट्टी बांधकर मौन जुलूस कल

 

उदयपुर। आसन राजस्थान विधानसभा के आम चुनाव से पूर्व इस वर्ष मेवाड़ वागड़ हाई कोर्ट बेंच संघर्ष समिति, जिला हाई हाई कोर्ट बेंच संघर्ष समिति एवं बार एसोसिएशन उदयपुर ने उदयपुर में हाईकोर्ट बेच की मांग को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। मंगलवार को जिला बार सभागार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए संयोजक रमेश नंदवाना ने कहा कि जो भी इस राजनीतिक दल आम चुनाव में उदयपुर की ज्वलंत मांग हाई कोर्ट बेंच की स्थापना का वादा कर इस दिशा में बेंच स्थापित करने की मदद करेगा अधिवक्ता वर्ग उसी के साथ मताधिकार का प्रयोग करेगा। संयोजक रमेश नंदवाना ने बताया कि आजादी के बाद उदयपुर को मिले पांच निदेशालय में से खान निदेशालय एवं आयुक्त देवस्थान विभाग के एडिशनल कार्यालय विभिन्न जिलों में खोले जाकर लोगों को राहत दी गई है लेकिन हाई कोर्ट बेंच की स्थापना नहीं कर न्याय का विकेंद्रीकरण नहीं किया जा रहा है।

संयोजक रमेश नंदवाना ने बताया कि केंद्र सरकार ने एक विशेष फंड 7000 करोड़ की व्यवस्था कर देश मे वर्चुअल काम के लिए घोषणा की है और इसके तहत उड़ीसा में 10 वर्ष परकोटे खोली जा चुकी हैं लेकिन राजस्थान में अब तक इसकी शुरुआत नहीं की गई है नंदवाना ने सरकार से मांग की है कि राजस्थान में पहली वर्चुअल हाई कोर्ट बेंच की स्थापना उदयपुर से कर विभिन्न जिलों में भी यह वर्चुअल खोली जाए।

रमेश नंदवाना ने सवाल उठाया है कि विधानसभा व लोकसभा में केवल सवाल उठाना ही जनप्रतिनिधियों के लिए काफी नहीं है बल्कि गहरी स्टडी करके अब लोकसभा और विधानसभा में उदयपुर से वर्चुअल कोर्ट की शुरुआत करने के पुख्ता आधार रखकर इसकी शीघ्र शुरुआत करानी होगी क्योंकि अधिवक्ता तकनीक का उपयोग करना जानता है और सरकार तकनीक से दूर रखकर लोगों को न्याय से वंचित नहीं कर सकते हैं।

एडवोकेट शंभू सिंह राठौड़ ने बताया कि हजारों की तादाद में न्यूनतम वेद वेतन मान एक्सीडेंट के क्लेम के पीड़ितों की अपील 30-30 साल से राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर बेंच में पेंडिंग पड़ी हुई है जिससे लोग न्याय से वंचित हो रहे हैं और गरीब तबके का मजदूर तो न्याय प्राप्ति के लिए जोधपुर तक जा भी नहीं सकता है ऐसे में वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से इनकी शुरुआत होने पर पीड़ित व गरीब पक्षकारों को न्याय मिल सकेगा।

पूर्व अध्यक्ष प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने पहले वकीलों का विरोध झेल कर हाईकोर्ट बेच की स्थापना नहीं करने की बात कही लेकिन हाल ही में उन्होंने कर्नाटक में तीन हाईकोर्ट बेंच की स्थापना कर अब अपडेट डेट 150 पेज के निर्णय में इसके फायदे गिनाए हैं तो ऐसे में सरकार द्वारा उदयपुर को क्यों हाईकोर्ट बैंक से वंचित किया जा रहा है।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश मोगरा ने बताया  कि उड़ीसा में 10 जिलों में वर्चुअल हाई कोर्ट बेंच शुरू हुई तथा वर्तमान में 19 जिलों में वर्चुअल हाईकोर्ट स्थापित है जिसमें राजस्थान और उदयपुर को भी प्राथमिकता दी जावे मीडिया ही उक्त आंदोलन को सरकार तक पहुंचाने में अहम रोल अदा कर सकती है। इस दौरान सभी वक्ताओं ने मीडिया का भी आभार जताया जिन्होंने 42 वर्ष से इस आंदोलन के प्रति विभिन्न स्तर पर अपनी खबरें लिखकर सरकार तक इस मांग को पहुंचाया है।

उदयपुर में होगा अधिवक्ताओं का मौन जुलूस

जिला संघर्ष समिति के संयोजक एडवोकेट सत्येंद्र पाल सिंह छाबड़ा ने बताया कि चुनाव वर्ष से पूर्व आंदोलन की गतिविधियों को तेज करते हुए एक बार फिर अधिवक्ता आक्रमक रूप में है और हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर प्रतिमाह 7 तारीख को किए जाने वाले आंदोलन के तहत बुधवार को सुबह शहर में काली पट्टी बांधकर मोन जलूस निकालेंगे।

बार एसोसिएशन उदयपुर ने परिपत्र निकालकर बुधवार को निकलने वाले मौन जुलूस में सभी अधिवक्ताओं को आवश्यक रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं आंदोलन में अनुपस्थित रहने वाले अधिवक्ताओं के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है।

जिला संघर्ष समिति के महासचिव चेतन पुरी गोस्वामी ने बताया कि सभी अधिवक्ता प्रातः 9:30 बजे गणवेश में जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में एकत्रित होंगे और उसके बाद हाथों में तख्तियां लेकर अंबेडकर सर्कल कोट चौराहे से दिल्ली गेट तथा वहां से वापस कोर्ट चौराहा तक आएंगे और इस दौरान जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम हाईकोर्ट बेंच की स्थापना उदयपुर में करने को लेकर ज्ञापन प्रेषित करेंगे इसके बाद अधिवक्ता पुनः न्यायालय परिसर में आएंगे और अपने नियमित धरने में शरीक होंगे।

एडवोकेट कमलेश दवे ने बताया कि न्यायालयों द्वारा छोटे-छोटे प्रार्थना पत्र रिवीजन को प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज कर पक्षकारों को न्याय से वंचित किया जा रहा है वही एडवोकेट हरीश पालीवाल ने इस मांग को लेकर जेलों में सफर कर रहे पीड़ितों के कहानियों को समाचार पत्र के माध्यम से प्रकाशित करने और सरकार को सच्चाई से अवगत कराने का आग्रह किया।

पत्रकार वार्ता के दौरान बार एसोसिएशन के महासचिव शिव कुमार उपाध्याय उपाध्यक्ष योगेंद्र दशोरा सचिव चेतन प्रकाश पालीवाल वित्त सचिव हरीश सेन सहित कई अधिवक्ता उपस्थित रहे।

पहली बार हाई कोर्ट बेंच जिला संघर्ष समिति ने महिला एवं युवा प्रकोष्ठ की घोषणा की

महासचिव चेतन पुरी गोस्वामी ने बताया कि मेवाड़ वागड़ हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति के सहयोग के लिए तथा जिला स्तरीय संघर्ष समिति के कार्यक्रमों में अधिक से अधिक अधिवक्ताओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए महिला प्रकोष्ठ का गठन किया गया है जिसमें एडवोकेट शीतल नंदवाना को संयोजक एवं कांता नागदा को सहसंयोजक इसी तरह युवा प्रकोष्ठ के संयोजक के रूप में एडवोकेट मयूरध्वज को मनोनीत किया गया है।

मेवाड़ वागड़ हाई कोर्ट बेंच जिला संघर्ष समिति की ओर से चुने हुए तीनों प्रकोष्ठ पदाधिकारियों के साथ वित्त सचिव राजेश जाजोदिया का आज ऊपरना पहनाकर सम्मान किया गया।