माँजी घाट पर फ़िल्म शूटिंग की स्वीकृति निरस्त करने की मांग
देवस्थान आयुक्त को ज्ञापन दिया गया, जिसकी प्रति जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक की दी गई
उदयपुर 24 सितंबर 2024। सनातन संस्कृति और हिन्दू धार्मिक मान्यताओं का उल्लंघन कर देवस्थान विभाग द्वारा फ़िल्म "सनी की तुलसी कुमारी" की शूटिंग मांझी घाट स्थित श्री सरदार स्वरूप श्याम जी मंदिर परिसर में स्वकृति दी जाने का हिन्दू समाज मे आक्रोश है। देवस्थान विभाग द्वारा फ़िल्म निर्माताओं को जारी की गई समस्त स्वीकृतियो को तुरन्त निरस्त कर सनातन धर्म की लाज रखेंने के सम्बंध में देवस्थान आयुक्त को ज्ञापन दिया गया, जिसकी प्रति जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक की दी गई।
ज्ञापन में बताया गया कि शहर का रियासत कालीन अत्यंत प्राचीन मन्दिर श्री सरदार स्वरूप श्यामजी मंदिर एक तीर्थ क्षेत्र के समान है। यहाँ शहर ही नही अपितु पूरे उदयपुर संभाग एवं देशवासियों के हिन्दू सनातनियो की धार्मिक भावनाए जुड़ी हुई है, देवस्थान विभाग द्वारा जिसका मुख्य कार्य मंदिरों की सेवा व सुरक्षा/प्रबंध सहित मंदिरों की देख रेख व मेंटेनेंस करना है, विभाग द्वारा मंदिरों की पवित्रता को नष्ट कर आमजन की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड कर रहे है। किसी भी मंदिर का निर्माण या उपयोग व्यवसायिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिये नही किया जाता।
श्री सरदार स्वरूप श्यामजी माँजी मंदिर बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने बताया कि विभाग के द्वारा मंदिर परिसर में फ़िल्म शूटिंग स्वीकृति देने की आड़ में अश्लीलता/ फूहड़ फोटोग्राफी फैलाने वाली फिल्मों की शूटिंग करने की 24 सितंबर 2024 से 25 सितंबर 2024 तक अनुमति जारी की है एवं कर रहे है, जिसके कारण उदयपुर के हिन्दू समाज की धार्मिक आस्था का मजाक बनाया जा रहा है।सनातन धर्म के अपमान करने वाले देवस्थान विभाग की क्या जरूरत है।
श्री सरदार स्वरूप श्यामजी माँजी मंदिर बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों के प्रतिनिधि मंडल ज्ञापन देने हरीश तिवारी (संयोजक) रोहित चौबीसा (सहसंयोजक) मदन दवे (क्षेत्रीय पार्षद वार्ड 12,), निर्मल चौबीसा, भारत कुमावत, मीठा लाल, प्रदीप अजमेरा अन्य समाज के प्रबुद्ध जन द्वारा सांसद मन्नालाल रावत, शहर विधायक ताराचंद जैन, भाजपा जिला अध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली, से संपर्क कर मंदिर परिसर में दिए गए फ़िल्म शूटिंग आदेश को निरस्त करवाने का आश्वासन दिया गया। विधायक द्वारा देवस्थान विभाग के मंत्री जोराराम कुमावत भी वार्ता की गई। उच्च अधिकारी से भी वार्ता कर जन भावना को ध्यान में रखकर आदेश करने के लिए कहा गया।