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देबारी में अण्डरपास के लिए ग्रामीणों का प्रदर्शन

ग्रामीणों ने मांग की है कि अण्डरपास निर्माण नही हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

 
जनता ने काम बन्द करवाते हुए आक्रोश प्रकट किया है

उदयपुर चित्तौड़ 76 राजमार्ग पर सिक्स लेन निर्माण का कार्य प्रगति पर है लेकिन लोहारबाड़ा सकदर गांव को जोड़ने वाले रास्ते पर अंडर पास निर्माण के संदर्भ में एनएचएआई द्वारा कोई सकारात्मक पहल नही की गई है। इससे जनता में गहरा आक्रोश व्याप्त हो रहा है। 

बुधवार को भी हाइवे निर्माण करने वाली कम्पनी प्रतिनिधियों को मौके पर बुलाकर इस प्रोजेक्ट की जानकारी मांगी गई लेकिन कोई संतोषप्रद जवाब नही मिला हाइवे ऑथोरिटी की तकनिकी खामी को गांव की जनता नही भुगतेगी इसी बात से जनता ने काम बन्द करवाते हुए आक्रोश प्रकट किया है। इसको लेकर कलक्टर ओर एनएचएआई अधिकारियों से मिलकर ज्ञापन देने की बात कही गई। 

इस दौरान उपसरपंच चन्दन सिंह देवड़ा, रतन लोहार, डाल चंद, अजयपाल सिंह, पूरन गमेती, घासीराम, भंवरलाल समेत सैकड़ो ग्रामीण जमा हो गए। सभी ने मांग की है कि अण्डरपास निर्माण नही हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

देबारी के उपसरपंच चंदन सिंह देवड़ा ने बताया की देबारी काया बाईपास ओर ग्रेट सेपरेटर चौराहा बन रहा है । देबारी चित्तौड़ सिक्स लेन पर ग्राम पंचायत देबारी के लोहार बाड़ा-सकदर समेत कई गांव इस पंचायत के दो भागों में बंट गए है। अब तक इन दोनों गांवों के लोग हाइवे पर क्रॉसिंग के जरिये आना जाना करते थे लेकिन अब वह बन्द किया जा रहा है। ग्रेड सेपरेटर और सिक्स लेन बनने से यातायात का दबाव इस मार्ग पर काफी ज्यादा होगा और मौजूदा हाईवे पर सड़क पार करना या मवेशियों को पार कराना, खेतो से घास लकड़ी सर पर लेकर, बच्चों महिलाओं बुजुर्गों विकलांगो का आना जाना बन्द हो जाएगा। जबकि कई किसानों के खेत हाइवे के उस पार है। मवेशियों को भी जंगल की तरफ चराने ले जाना पड़ता है।  

यही नही सिंगावत वाड़ा, भोपाली,सकदर गांव के लोगों को ग्राम पंचायत भवन,राशन की दुकान, प्राथमिक, माध्यमिक,उच्च माध्यमिक विद्यालय,गांव के प्रमुख चारभुजा मंदिर ,ई मित्र केंद्र, पशु चिकित्सालय सीएससी एवं बाजार जाने के लिए हाईवे पार कर लोहारबाड़ा की तरफ आना होता है। सकदर गांव के लोगो ओर महाराजा कॉलेज के छात्रों के साथ लोहार बाड़ा बस्ती, मेघवाल बस्ती के ग्रामीणों को हाइवे पार करना पड़ता है। हाइवे किनारे श्मशान है ऐसे में अर्थी लेकर भी ग्रामीणों को रोड से गुजरना पड़ता है। खेती, मवेशियों को ले जाना पड़ता है। सकदर में कई रिसोर्ट होटल भी बने है। 

नगर विकास प्रन्यास द्वारा भी यहां 250 बीघा जमीन पर मेघा आवासीय आवास बनाने प्रस्तावित है। ऐसे में अण्डरपास बेहद आवश्यक है।  इस संदर्भ में पूर्व में पत्राचार किया गया जिस पर टाटा निर्माण कम्पनी के प्रतिनिधियो ने मौका निरीक्षण भी किया है लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक पहल नही हुई है।