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उदयपुर के लोहारी गांव में जर्जर स्कूल भवन बना खतरा

अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल न भेजने की दी चेतावनी
 

ज़िले की कोटड़ा तहसील के ग्राम पंचायत उमरिया स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय लोहारी का भवन बीते तीन वर्षों से जर्जर स्थिति में है, लेकिन प्रशासन अब तक बेपरवाह बना हुआ है।

जून 2022 में स्कूल का बरामदा और पिलर भरभराकर गिर गया था। गनीमत रही कि उस समय ग्रीष्मकालीन अवकाश चल रहा था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।

विद्यालय में वर्तमान में 75 बच्चे अध्ययनरत हैं और नए सत्र में कई और विद्यार्थियों का प्रवेश प्रस्तावित है। लेकिन स्कूल भवन की हालत इतनी खराब है कि अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि यदि नया सत्र शुरू होने से पहले भवन की मरम्मत नहीं हुई तो वे बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय की दीवारें और छतें इतनी कमजोर हो चुकी हैं कि बारिश के समय छत से पानी टपकता है और पास जाने में भी डर लगता है। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए अब गांव के लोग इस स्कूल में पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं।

स्कूल के आसपास कोई अन्य विद्यालय भी नहीं है। नजदीकी राजकीय प्राथमिक विद्यालय खांचन 7 किलोमीटर दूर है और वहां पहुंचने के लिए जंगल के रास्ते से गुजरना पड़ता है। एक अन्य विकल्प राप्रावी डूंगरिया है, जो 8 किलोमीटर दूर है।

ऐसे में छोटे बच्चों का इन स्कूलों तक पहुँचना मुश्किल है।

स्थानीय निवासियों की चेतावनी

गांव के करमचन्द वडेरा, मोहनलाल तराल, भंवरलाल तराल, लालूराम डाबी, फौजाराम डाबी, भंवरलाल डाबी, चन्दुलाल वडेरा सहित अन्य ग्रामीणों ने साफ कहा है कि यदि प्रशासन समय रहते इस विद्यालय भवन की मरम्मत नहीं कराता, तो वे बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्कूल नहीं भेजेंगे।

विद्यालय तक पहुँचने वाला रास्ता भी उबड़-खाबड़ था, जहाँ बरसात के समय कीचड़ और पानी से हालत और भी बिगड़ जाती थी। जब किसी विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो ग्रामीणों ने खुद पहल कर घर-घर से चंदा इकट्ठा किया और रास्ते को वाहन चलने लायक बनाया। ग्रामीणों और स्कूल स्टाफ ने कई बार उच्च अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस स्थिति से अवगत कराया, लेकिन कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है।

अब यह देखना बाकी है कि नया सत्र शुरू होने से पहले प्रशासन इस दिशा में कोई कार्रवाई करता है या नहीं।