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दिव्यांग बच्चा लापता, शेल्टर होम पर लगे गंभीर आरोप

दो साल पहले जो 16 साल का था, क्या अब हो सकता है 10 साल का ?

 

उदयपुर 9 फरवरी 2024 । बलीचा दक्षिण विस्तार इलाके से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल मामला एक दिव्यांग बालक से जुड़ा है। जिसको उसके परिजनों ने एक शेल्टर होम में रहने के लिए भेजा था लेकिन वहां जाने के बाद अब एक ही साल में बच्चे को लेकर विवाद खड़ा हो गया।

दरअसल हुआ यूं की बलीचा का रहने वाला एक परिवार के एकमात्र कमाने वाला सदस्य दिनेश शर्मा जो की सेक्युरिटी गार्ड का काम करता था उसकी 16 अप्रैल 2022 को मृत्यु हो गई। दिनेश की असमय मृत्यु से उसके परिवार की आर्थिक स्थिति अचानक से चरमरा गई, दिनेश की पत्नी अपने 4 बच्चों के भरण पोषण के लिए लोगों के घरों में काम करती थी। ऐसे में घर में चार बच्चो में से एक बच्चा जिसकी उस समय उम्र 16 बताई गई उसके हैंडीकैप होने से उसे संभालने में दिक्कत आने लगी जिस पर घर के लोगों ने उसे शेल्टर होम में भेजने का निर्णेय लिया।   

बच्चे के चाचा और दिनेश के छोटे भाई मुकेश की माने तो उन्होंने अपने इस निर्णेय को लेकर CWC (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ) को संपर्क किया जिस पर बच्चे को बांसवाड़ा स्थित एक शेल्टर होम में की गई और घर वालों की मर्जी से उसे वहां भेजा गया। 

मुकेश ने बताया की जब जाने की बात तय हो गई तो संस्था की बस शहर के पारस तिराहे पर पहुंची जिसमे बच्चे को संस्था में छोड़कर उसकी माँ और भाई लौट आए। इसके ठीक एक साल के बाद जब बच्चे के घर वालों ने उस से मिलने की सोची और संस्था के प्रबंधन को संपर्क किया तो उन्होंने एक वीडियो भेज कर बच्चे पहचान करने की बात कही। 

मुकेश का कहना है की उस वीडियो को देख कर पहचान कर संस्था के लोगों से सपर्क किया गया। कुछ दिन तक मिलने की बात को टाला गया और उसके बाद जब परवार के लोग बांसवाड़ा पहुंचे तो संस्था द्वारा बच्चा सामने तो लाया गया लेकिन उनके 17 साल के बच्चे की जगह एक 10 साल का बच्चा सामने लाया गया। सभी इस बात से हैरान थे लेकिन मुकेश का कहना है की संस्था के लोग इसी बात पर अड़े रहे की जो बच्चा सामने लाया गया है वो ही उनका बच्चा है। 

इस पर घर वालों का कहना है की 'क्या हम अपने बच्चे को नहीं पहचानेंगे?'  संस्था वाले कहते हैं की जो बच्चा उनके द्वारा दिखाया गया वो ही उनका बच्चा है। यहां तक की संस्था प्रबंधन ने CWC के अधिकारीयों को भी नकार दिया। यहीं नहीं मुकेश का कहना है की पता करने पर सामने आया की दरअसल उस बच्चे की फ़ाइल जयपुर में कहीं हैं जिस पर कोई और बच्चे को दिखाया गया है।

इस बात तो लेकर अब सभी घर वाले बड़े परेशान है, उनको उनके बच्चे के साथ कुछ गलत होने की आशंका है और ये बात उन्हें खाए जा रही है। 

मुकेश ने बताया की इसको लेकर शुक्रवार को उन्होंने उदयपुर प्रशासनिक अधिकारीयों से भी मुलाक़ात करने का प्रयास किया, लेकिन मामला बांसवाड़ा से होने से हल नहीं हो पाया, अब सोमवार को बच्चे के परिजन बांसवाड़ा पुलिस के आला अधिकारियो से भी मुलाक़ात करेंगे और बच्चे को ढूंढने की गुहार लगाएंगे। 

परिस्थितियों जो भी सच है या नहीं लेकिन खोए हुए बच्चे का परिवार उसे लेकर चिंतित है और चाहता है की जल्द उनका बच्चा जिसकी उम्र वर्तमान में 18 साल की हो चुकी है वह वापस अपने परिवार के पास लोट आए और इस मामले की गहनता से जाँच हो।