Dungarpur-15 मई 2024 की प्रमुख खबरे
ज़िले से संबंधित खबरे पढ़े Udaipur Times पर
News-छात्रावासों में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ
डूंगरपुर, 15 मई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा जिला डूंगरपुर में संचालित 14 राजकीय, 5 अनुदानित एवं 2 आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6 से 12 तक के छात्र-छात्राओं का ऑनलाइन प्रवेश 15 मई से प्रारम्भ हो चुका हैं। इच्छुक छात्र अपना आवेदन ई-मित्र के माध्यम से या sso.rajasthan.gov.in पर नवीन प्रवेश पोर्टल एसजेएमएस के माध्यम से कर सकतें हैं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक अशोक शर्मा ने बताया कि प्रवेशित छात्र-छात्राओं को निःशुल्क आवास, भोजन, विद्यालय गणवेश उपलब्ध कराए जाएंगे। जिसकी अंतिम तिथि 30 जुलाई निर्धारित हैं। कन्या छात्रावासों में स्थान रिक्त रहने पर महाविद्यालय की छात्राएं अथवा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही छात्राओं को भी 1 वर्ष तक के लिए प्रवेश दिया जा सकता हैं। विस्तृत जानकारी ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी, कार्यालय, संबंधित छात्रावास अथवा जिला कार्यालय के संबंधित शाखा प्रभारी के मोबाइल नंबर 9413529705 से प्राप्त की जा सकती हैं।
News-चाइल्ड हेल्पलाइन से 5 बाल श्रमिकों को बालश्रम से मुक्त करवाया
डूंगरपुर, 15 मई। बाल अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर डूंगरपुर शहर के नया हॉस्पीटल चौराहा के आसपास के क्षेत्र में 13 से 16 साल के बच्चों से बालश्रम कराए जाने की सूचना प्राप्त हुई।
बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक पिंकी मीणा ने बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन समन्वयक मेहुल शर्मा के नेतृत्व में टीम सुपरवाइजर महेन्द्र कलाल व बलदेव परमार से इसकी सूचना पुलिस व संबंधित विभाग को दी। जिसके बाद चाइल्ड हेल्पलाइन, कोतवाली थाना पुलिस, श्रम विभाग व सृष्टि सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में डूंगरपुर शहर के नया हॉस्पीटल चौराहा के आसपास के क्षेत्र में 5 बच्चों को बालश्रम से मुक्त करवाया गया।
इन बच्चो को अग्रिम सहायता के लिए उन्हें बाल बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष भावेश कुमार जैन, सदस्य बालकृष्ण परमार, उमेश रावल व जयश्री भट्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया जहां से बच्चों को अग्रिम आदेश तक आश्रय प्रदान करते हुए बालकों को राजकीय किशोर गृह तीजवड़ के आश्रय प्रदान किया गया। साथ ही बाल कल्याण समिति द्वारा नियोक्ता के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देश प्रदान किए गए। इस अवसर पर कोतवाली पुलिस थाना से मणीलाल, गौरी सिंह, श्रम विभाग से जयन्तिलाल मीणा, हेल्पलाइन से हिमांशु जैन, अनिता भील व सृष्टि सेवा समिति से सुरेन्द्र ढोली सहित अन्य मौजूद रहेे।
News-बाल विवाह रोकथाम के संबंध में दिशा-निर्देश जारी
डूंगरपुर, 15 मई। बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह की रोकथाम के लिए निरन्तर निगरानी रख क्षेत्र में बाल विवाह नहीं होने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
जिला मजिस्ट्रेट एवं कलक्टर अंकित कुमार सिंह ने बताया कि जिला एवं ब्लॉक स्तर पर गठित विभिन्न सहायता समूह, महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, महिला सुरक्षा सखी, साथिन सहयोगिनी के कोर ग्रुप को सक्रिय करने, ऐसे व्यक्ति व समुदाय जो विवाह सम्पन्न कराने में सहयोगी होते हैं यथा-हलवाई, बैण्ड बाजा, पंडित, बाराती, टेन्ट वाले, ट्रांसपोर्टर इत्यादि से बाल विवाह में सहयोग न करने का आश्वासन लेना और उन्हें कानून की जानकारी देना, जनप्रतिनिधियों व प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ चेतना बैठकों का आयोजन करवाना, ग्राम सभाओं में सामूहिक रूप से बाल विवाह के दुष्प्रभावों की चर्चा करना व रोकथाम की कार्यवाही करना, बाल विवाह रोकथाम के लिए किशोरियों, महिला समूहों, स्वयं सहायता समूहों व विभिन्न विभागों के कार्यकर्ता जैसे-स्वास्थ्य, वन, कृषि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, शिक्षा विभाग इत्यादि के साथ समन्वय बैठक आयोजित करने तथा इनके कार्मिकों को बाल विवाह होने पर निकट के पुलिस स्टेशन में सूचना देने के लिए पाबंद किये जाने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
जारी निर्देशों के अनुसार विवाह के लिए छपने वाले निमंत्रण पत्र में वर-वधु के आयु प्रमाण प्रिन्टिंग, प्रेस वाले के पास रहे अथवा निमंत्रण पत्र पर वर-वधु की जन्म तिथि प्रिन्ट किए जाने के लिए बल दिया जाए, इसके लिए पीपल पूर्णिमा जैसे अबूझ सावों पर जिला एवं उपखण्ड कार्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएं जो 24 घंटे क्रियाशील रहेगा तथा नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किया जाएं, बाल विवाह रोकथाम के लिए 181 कॉल सेन्टर पर तथा पुलिस नियंत्रण कक्ष 100 नंबर पर कॉल पर कभी भी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती हैं। इसका भी व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं।
जारी दिशा निर्देशों के अनुसार विद्यालयों में बाल विवाह के दुष्परिणामों व इससे संबंधित विधिक प्रावधानों की जानकारी दिए जाने के लिए सभी स्कूलों को निर्देशित किया जाएं। सामूहिक चर्चा से मिली जानकारी के आधार पर गांव, मोहल्लों के उन परिवारों में जहां बाल विवाह होने की आशंका हो, संबंधित रूप से समझाया जाएं, यदि आवश्यक हो तो कानून द्वारा बाल विवाह को रोका जाएं।
जारी निर्देशों के अनुसार पीपल पूर्णिमा पर बाल-विवाहों की रोकथाम के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में प्राथमिकता के साथ बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत नियमानुसार समुचित कार्यवाही करने के साथ ही जिला, ब्लॉक एवं ग्राम स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों, अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों (वृताधिकारियों, थानाधिकारियों, पटवारियों, भू-अभिलेख निरीक्षकों, ग्राम पंचायत सदस्यों, ग्राम सेवकों, कृषि पर्यवेक्षकों, महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारियों, पर्यवेक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, महिला सुरक्षा सखी, शिक्षकों, नगर निकाय कर्मचारियों, जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों, सरपंचों तथा वार्ड पंचों के माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर आमजन को जानकारी कराते हुए जनजागृति उत्पन्न कर बाल विवाह के रोकथाम की समुचित कार्यवाही की जाएं एवं इसके बाद भी बाल विवाह का आयोजन होता है तो सम्पूर्ण जवाबदेही, विधिक कार्यवाही संबंधित के विरूद्व अमल में लाई जाएं। बाल विवाहों के आयोजन किए जाने की स्थिति में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत संबंधितों के विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।