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Dungarpur: महिला डेयरी किसानों को कार्बन क्रेडिट का भुगतान

NDDB की सस्टेन प्लस खाद प्रबंधन पहल के तहत स्थापित किए थे बायोगैस संयंत्र

 

डूंगरपुर, 18 मार्च 2025 । ज़िले के माडा गांव में जन शिक्षा एवं विकास संगठन की अेर से आयोजित महिला किसान सम्मान समारोह में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड- एनडीडीबी की सस्टेन प्लस खाद प्रबंधन पहल के तहत महिला किसानों को घरेलू स्तर पर बायोगैस संयंत्र से उत्पन्न कार्बन क्रेडिट का भुगतान किया गया। पंजाब नेशनल बैंक की ओर से संचालित इस पायलट परियोजना में यह पहला अवसर था जब महिला डेयरी किसानों को कार्बन क्रेडिट में डिजिटल रुपये का भुगतान किया गया।

नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष डा मीनेश शाह ने कार्यक्रम में 120 महिला किसानों को कार्बन क्रेडिट का हस्तांतरण किया। इन महिला किसानों ने एनडीडीबी-सस्टेन प्लस कार्यक्रम के तहत आंशिक वित्तीय सहायता के साथ बायोगैस संयंत्र स्थापित किया था। डेयरी विकास बोर्ड ने इन संयंत्रों को कार्बन क्रेडिट के लिए पंजीकृत किया था। उत्पन्न क्रेडिट का विधिवत मुद्रीकरण किया गया और भुगतान इन किसानों को हस्तांतरित किया गया। इसमें 94 महिला किसानों को ये क्रेडिट ‘डिजिटल रुपया के रूप में प्राप्त हुए, जो भारत की केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने इस पायलट परियोजना का संचालन करने का बीड़ा उठाया है, जिसमें पहली बार महिला डेयरी किसानों को कार्बन क्रेडिट के भुगतान के लिए ‘डिजिटल रुपया’ का उपयोग किया जा रहा है।

ग्रामीण आजीविका के लिए ऐतिहासिक कदम

समारोह को संबोधित करते हुए एनडीडीबी अध्यक्ष डॉ मीनेश शाह ने कहा कि कार्बन क्रेडिट के लिए डिजिटल रूपया का भुगतान ग्रामीण आजीविका के साथ कार्बन क्रेडिट को एकीकृत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। एनडीटीवी, आरबीआई, पीएनबी, एनपीसीआई की यह संयुक्त पहल किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए डिजिटल वित्त और कार्बन बाजारों का लाभ उठाने की एक मिसाल कायम करती है, जिससे भारत में डेयरी विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।

उन्होंने डिजिटल रूपया को स्पष्ट करते हुए कहा कि आरबीआई ने डिजिटल रुपया जारी किया है, जो नकदी के बराबर डिजिटल है। यह नकदी से जुड़े भरोसे और लेनदेन के डिजिटल मोड की सुविधा को जोड़ता है। प्रोग्रामेबिलिटी फीचर संस्थाओं को यह सुनिश्चित करने की भी अनुमति देता है कि फंड का उपयोग स्थायी/उत्पादक उद्देश्यों के लिए किया जाए। किसानों के सीबीडीसी वॉलेट में कार्बन क्रेडिट भुगतान का हस्तांतरण डेयरी क्षेत्र में वित्तीय समावेशन, स्थिरता और नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डॉ. शाह ने इस बात पर प्रकाश डाला,  कि एनडीडीबी स्थायी समाधानों के माध्यम से डेयरी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहल न केवल अक्षय ऊर्जा प्रदान करती है, मिट्टी को समृद्ध करती है, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करती है बल्कि यह सुनिश्चित करके किसानों, विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाती है कि उन्हें कार्बन बाजारों से सीधे वित्तीय लाभ प्राप्त हों। पंजाब नेशनल बैंक के अंचल कार्यालय जयपुर के महाप्रबंधक श्याम सुंदर सिंह ने कहा कि डिजिटल रुपये के इस पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा बनना पीएनबी के लिए गर्व का क्षण है। मंडल प्रमुख उदयपुर सुरेंद्र कुमार विश्वकर्मा और प्रधान कार्यालय नई दिल्ली के सहायक महाप्रबंधक विपुल वर्मा भी समारोह में उपस्थित रहे।

योजनाओं की दी जानकारी

कार्यक्रम के दौरान पीएनबी ने किसानों के लिए उपलब्ध अपने कृषि/डिजिटल उत्पादों का भी प्रदर्शन किया। इसमें विशेष रूप से किसान तत्काल ऋण (केटीआर), पीएम सूर्य घर योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ), प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजनाएं आदि शामिल रही। उपस्थित किसानों और ग्रामीणों को वित्तीय साक्षरता के साथ-साथ डिजिटल साक्षरता के प्रति भी जागरूक किया गया।