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राजस्थान में 1 अप्रैल से जारी होंगे E-Driving license और E-RC 

केरल के बाद राजस्थान E-Driving license और E-RC की सुविधा उपलब्ध करवाने वाला देशभर का दूसरा राज्य होगा

 

आगामी वित्तीय वर्ष 1 अप्रेल से राजस्थान में वाहन चालकों को ड्राईविंग लाइसेंस और आरसी को जेब में डालकर नहीं घूमना पड़ेगा। राजस्थान में परिवहन विभाग अब ई-ड्राइविंग लाइसेंस और ई-आरसी (E-Driving license and E-RC) की सुविधा मुहैया करवाने जा रहा है। उसके बाद दुपहिया और चार पहिया वाहन चालकों को अपने साथ लाइसेंस और आरसी की हार्ड कॉपी यानी ऑरिजनल डोक्यूमेंट रखने की आवश्यकता नहीं होगी। 

यातायात पुलिस की ओर से ये दस्तावेज मांगे जाने पर वाहन चालक उन्हें अपने फोन में दिखा सकेगा। इससे जहां आमजन को राहत मिलेगी वहीं खुद परिवहन विभाग को भी कई झंझटों से मुक्ति मिल जाएगी। अब आप अपने फोन में पीडीएफ फॉर्मेट में परिवहन विभाग की तरफ से जारी ई-ड्राइविंग लाइसेंस और ई-आरसी (E-Driving license and E-RC) रख सकते हैं।  केरल के बाद राजस्थान ई-ड्राइविंग लाइसेंस और ई-आरसी की सुविधा उपलब्ध करवाने वाला देशभर का दूसरा राज्य होगा। 

यह रहेगी प्रक्रिया 

E-Driving license प्राप्त करने के लिए परिवहन सेवा पोर्टल पर एप्लिकेशन नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर, जन्म तिथि आदि का विवरण भरना होगा।  इसके बाद मोबाइल पर ओटीपी प्राप्त होगा जिसके ज़रिये E-Driving license की पीडीएफ प्राप्त की जा सकेगी। 

E-RC के लिए वाहन रजिस्ट्रेशन की डिटेल परिवहन सेवा पोर्टल पर डालनी होगी। जिसके तहत वाहन नंबर, चेसिस नंबर के अंतिम पांच अंक देने होंगे।  इसके बाद मोबाइल पर ओटीपी प्राप्त होगा जिसके ज़रिये E-RC की पीडीएफ प्राप्त की जा सकेगी। 

परिवहन सेवा सिटिज़न पोर्टल से प्रिंटेबल पीडीएफ फॉर्मेट में E-Driving license एवं E-RC को एक से अधिक बार भी डाउनलोड कर सकेंगे। वहीँ आवेदक अपनी सुविधा के लिए E-Driving license एवं E-RC का पीवीसी कार्ड पर इ-मित्र (E-Mitra) के माध्यम से प्रिंट करवा सकेंगे। 

परिवहन कार्यालयों में स्थापित होगी ई मित्र प्लस मशीन 

सभी परिवहन कार्यालयों में ई मित्र प्लस मशीन लगाईं जाएगी।  इस मशीन के ज़रिये आवेदक निर्धारित शुल्क देकर E-Driving license एवं E-RC का प्रिंट फॉर्मेट प्राप्त कर सकेंगे।  ई मित्र प्लस मशीन के ज़रिये अग्रिम आदेश तक पेपर पर E-Driving license एवं E-RC का प्रिंट निःशुल्क प्राप्त किया जा सकेगा। 

परिवहन विभाग मुताबिक इस व्यवस्था के लागू होने के बाद आमजन की जेब पर भार भी कम पड़ेगा। स्मार्ड कार्ड बनवाने पर जो खर्च आता है उससे भी बचा जा सकेगा। परिवहन विभाग इस काम को अगले दो से चार दिन में पूरी तरह फाइनल कर देगा। इसकी जानकारी परिवहन विभाग की वेबसाइट पर साझा की जाएगी। वहीँ यातायात पुलिस को भी निर्देश दिए जाएंगे जिससे 1 अप्रेल से पहले पूरे प्रदेश में उन तक ये जानकारी पहुंच जाए। 

यह व्यवस्था लागू होने से परिवहन विभाग में लाइसेंस और आरसी बनवाने के लिए लगने वाली लंबी लंबी कतारें भी खत्म होने के साथ साथ परिवहन विभाग में कथित दलालों की सक्रियता पर भी रोक लगेगी।