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ईकॉन के एम.डी. भारत गौरव शुभम तायलिया को ग्लोबल अचीवर अवार्ड

एक बार फिर उदयपुर विश्व पटल पर सर्वोत्तम

 

उदयपुर। दुबई 29 अप्रैल का दिन विश्व प्रसिद्ध मेरीयट होटल और पूरे विश्व से आए गणमान्य सीईओ, चेयरमेन, डायरेक्टर, राजनायिक एवं मिडिया मौजूद थे, अचानक मंच पर अंतर्राष्ट्रीय "ग्लोबल अचीवर अवार्ड" के लिए उदयपुर/भारत के लिए ईकॉन (ECHON) के एम.डी. शुभम तायलिया के नाम की उद्‌घोषणा, समारोह में उपस्थित सभी भारतीयो के लिए गौरव के क्षण बन जाते हैं और तालियों और स्टैंडिंग ओवेशन के मध्य शुभम तायलिया का सम्मान।

ये एक ऐसा ऐतिहासिक पल था जहाँ शुभम तायलिया ने अपने गुरु अपने पिता विश्वप्रसिद्ध उद्यमी एवं समाजसेवक डा. जे. के तायलिया के मार्गदर्शन में ना केवल अपने पिता, परिवार बल्कि उदयपुर को भी गौरवान्वित किया। दुनिया के खुबसूरत शहर में शुमार उदयपुर से निकले ब्रांड ने विश्व पटल पर अपना मुकाम बनाया और शीर्ष स्थान हासिल किया जहां कई विश्व प्रसिद्ध ब्रांड आज ईकॉन के ऊपर पूर्ण विश्वास के साथ कार्य कर रहे हैं।

जिसका कोई गोल नही उसका दुनिया में कोई रोल नहीं,  सफलता के लिए लक्ष्य अतिआवश्यक-शुभम तायलिया, ग्लोबल अचीवर अर्वाड विजेता

शुभम तायलिया ने अपनी विनींग स्पीच में कहां "धन्यवाद, आभार इस सम्मान और विश्व प्रसिद्ध अवार्ड को हाथ में थामने का कभी स्वप्न भी नहीं देखा था और विश्व के इतने समान्नीय प्रसिद्ध एवं सफलतम MNC के बीच यह अवार्ड एक उदाहरण है। भारत के युवा उद्यमियों का जो मेक इन इंडिया से भारत एक सोने की चिड़िया को इतिहास से वर्तमान की वास्तविकता बना रहे है। ईकान परिवार का विश्वास है कि व्यवसाय टर्नओवर या पैसो पर आधारित न होकर मूल्यो पर आधारीत होना चाहिए और यह अवार्ड मैं अपने परिवार, अपनी ईकान टीम, कस्टमर और विशेष कर मेरे शहर उदयपुर भारत के साथ बांटना चाहूँगा जय ईकान जय भारत”

शुभम तायलिया ने बताया की सही लीडर हमेशा अलग सोचते है और अलग करने की प्रेरणा देते है | सच्चे लीडर कभी नही कहते की उनके पास प्लान है वो कहते है उनके पास एक सपना है। आप बिजनेस प्लान कर सकते हे सपने नही, प्लान एक दिशा दे सकते है लेकिन उड़ने के लिए पंख नही। 

शुभम ने कहा की  इंफोर्मेशन (सूचना) आज व्यवसाय का कुरुक्षेत्र / युद्ध क्षेत्र, फैक्ट्री, ऑफिस से निकल कर इन्फोर्मेशन पर शिफ्ट हो गया है। किन्तु आज अधिक सूचना आसानी से उपलब्ध है। इसमें सही सूचना, सही समय, स्थान पर मिलना और उसका सही उपयोग सफलता और विफलता का निर्णायक है। सही उत्तर के लिए आपको सही प्रश्न पूछना सीखना होगा। समय सबसे बड़ी पूँजी हैं उसे बर्बाद न करे तेजी और फुर्ती से निर्णय ले, यही आपकी हकीकत है। केम्पस से कोर्पोरेट में आ रहे हैं या आने वाले हैं ऐसे लोगो के लिए शुभम ने कहा की डिग्री अंत नहीं आरम्भ हैं सिखने के लिए जितना अधिक आप पढेंगे उतना समझेंगे की हम कितना नहीं जानते हैं.. जहां आपमें ये भावना आई की सब कुछ आता हैं सब पता है ये अहम् आते ही एक अंत का आरम्भ हैं। 

इसी के साथ जे के तायलिया ने भी इस बारे मे बात करते हुए बताया की जीवन में हर दिन इन्द्रधनुष और सुनहरी धूप नही होती व्यवसाय भी हर समय एक सा नही रहता. आवश्यकता है अच्छे बुरे समय में ना टूटने वाले विश्वास की जब आप एक सपने को लेकर आगे बढ़ते है तो कई लोग आपको कहते है तुम्हारे लिए यह करना असंभव है, कठीन है, तुम से ना हो पाएगा लेकिन यहाँ जरूरी यह हे की आप इन सब मे अपने सपने को सुरक्षित रखे। उस सपने की रक्षा करे, सफलता कोई एक बड़े प्रयास से नही किंतु कई छोटे-छोटे सभी कदम सही दिशा में सबको साथ लेकर चलने से मिलती है।

खुश और सकारत्मक रहने के सवाल पर उन्होंने कहा की मेरा सोचना एवं मानना है कि ख़ुशी केवल जीत पर ही मत रखो, हार भी सहज स्वीकार करो।  परिणाम ही नही बल्कि प्रक्रिया का भी आनंद लो। आप गिरते है वो महत्वपूर्ण नहीं लेकिन गिर कर  फिर कैसे उठते है वो महत्वपूर्ण है। आपको खुशिया के  इन्तजार में समय नहीं गवाना है। खुशिया उन्ही को  मिलती है जो उनको  ढूंढने में सफल होते हैं। एक विज्ञापन देखा था डर के आगे ही जीत है और जो डर गया वो मर गया, यह एक कटु सत्य है। 

उन्होंने कहा कि व्यवसाय मे आप डर के साए में निर्णय लेंगे तो हमेशा अंधेरों में ही रहेंगे। दिल की सुनिए और दिल की कीजिये। व्यक्ति अकेला जीवित तो रह सकता हैं लेकिन सफल होने के लिए सब का साथ होना, मिलना, सोचना और काम करना आवश्यक हैं। कस्टमर, कर्मचारी, समाज, संस्थान, सरकार सभी के साथ सामंजस्य बहुत जरुरी हैं। हम कई देशों के विभिन्न नागरिकों संस्कृति, परंपरा, रिवाजों, विविधता में भी एकता ढूंढ ही लेते हैं,और यही सफलता की सीढी है। .